India-Russia: अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने के बीच भारत को अपने दोस्त रूस का समर्थन मिला है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को निवेश के लिए सबसे अच्छा देश बताया है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश करना फायदेमंद और स्थिर है.
पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है जब 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई देशों पर नए टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिसमें भारत पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है. इससे पहले ट्रंप ने भारत को व्यापार के लिए मुश्किल देश बताया था. ट्रंप के इन कदमों के बीच पुतिन ने भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की भी तारीफ की है.
पुतिन ने कही ये बात
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. उनकी पहल ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में सभी जानते हैं.’ पुतिन ने यह भी बताया कि रूस भारत में खुद उत्पादन करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि हाल ही में हमारी कंपनी रोसनेफ्ट ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा 20 अरब डॉलर का निवेश किया है.’
भारत को बताया निवेश के लिए बेहतरीन जगह
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को निवेश के लिए शानदार जगह बताया. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी की सरकार निवेश के लिए विश्वसनीय और स्थिर माहौल बना रही है. भारतीय नेतृत्व, अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में देश को प्राथमिकता देने वाली नीतियों का पालन कर रहा है.’
पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 27% टैरिफ लगाने की घोषणा की है. ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री को अपना दोस्त बताया लेकिन कहा कि व्यापार के मामले में भारत अमेरिका के साथ सही व्यवहार नहीं कर रहा है. हालांकि, फार्मास्युटिकल्स, सेमीकंडक्टर, ऊर्जा और कुछ खनिज पदार्थों को इस टैरिफ से छूट दी गई है, क्योंकि ये उत्पाद अमेरिका में उपलब्ध नहीं हैं.
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने अमेरिकी टैरिफ वृद्धि पर सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया दी है. सरकार ने कहा है कि वह इस फैसले के असर का बारीकी से अध्ययन कर रही है और इससे उत्पन्न होने वाले अवसरों पर भी नजर रखेगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सभी व्यापारिक साझेदारों से आयात पर 10% से 50% तक अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है. भारत पर 10% का शुल्क 5 अप्रैल से और 27% का अतिरिक्त शुल्क 9 अप्रैल से लागू होगा.
यह 27% शुल्क, पहले से लागू किसी भी अमेरिकी शुल्क के अतिरिक्त होगा. हालांकि, इससे भारत के कुछ उत्पादों के निर्यात पर असर पड़ सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है. बांग्लादेश (37%), चीन (54%), वियतनाम (46%) और थाईलैंड (36%) जैसे देशों को इससे ज्यादा बढ़े हुए शुल्क का सामना करना पड़ रहा है.
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