ट्रंप ने 12 देशों के टैरिफ लेटर पर किए साइन, क्या इन देशों में भारत भी शामिल?

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US Tariff On India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यह घोषणा की कि उन्होंने 12 देशों को टैरिफ से संबंधित पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो पूरी तरह क्लीयर है. जो देश इन प्रस्तावों से सहमति जताते हैं वो इसे ले सकते हैं, नहीं तो छोड़ सकते हैं. इस पत्र में संभावित टैरिफ स्तरों की रूपरेखा दी गई है, जो अब 70 फीसदी तक जा सकता है.

ट्रंप ने यह खुलासा किया कि ये टैरिफ एक अगस्त से प्रभावी हो सकते हैं. उन्होंने शामिल देशों के नाम बताने से इनकार किया, लेकिन जानकारों का मानना है कि भारत उन देशों में शामिल हो सकता है, जिन्हें यह पत्र प्राप्त होगा. इससे भारत के लिए हाई टैरिफ का खतरा मंडरा रहा है.

अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच इस साल मार्च से कई दौर की व्यापार वार्ताएं हो चुकी हैं. 26 जून को शुरू हुआ बातचीत का दौर इस साल का चौथा प्रयास था, लेकिन अर्ली हार्वेस्ट डील या मिनी व्यापार समझौते पर कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी. अमेरिका भारत में आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) फसलों और डेयरी उत्पादों के लिए खुला बाजार चाहता है, जबकि भारत ने इन पर पारंपरिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं.

अमेरिका भारत में अमेरिकी वाहनों के लिए कस्टम-फ्री एंट्री चाहता है, लेकिन भारत इसके बदले में भारतीय स्टील, एल्युमीनियम और ऑटो पार्ट्स पर लगे अमेरिकी टैरिफ हटाने की मांग कर रहा है. इन मुद्दों पर असहमति के चलते भारत ने WTO के तहत अमेरिका को 30 दिन का नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर समाधान नहीं निकला तो वह अमेरिकी आयात पर रियायतें निलंबित कर सकता है.

ट्रंप की नीतियों का प्रभाव और भारत की रणनीति

ट्रंप प्रशासन की नीतियां अमेरिका फर्स्ट एजेंडे पर केंद्रित रही हैं, जिसका मतलब है कि वे टैरिफ के माध्यम से अपने व्यापारिक संतुलन को बेहतर करना चाहते हैं. मार्च और अप्रैल में पहले ही अमेरिका ने स्टील, एल्युमीनियम, ऑटो और ऑटो पार्ट्स पर भारी टैरिफ लगाए हैं. लिबरेशन डे के नाम पर 2 अप्रैल को घोषित टैरिफ योजना के तहत भारत को कुल 26 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ा है. भारत की रणनीति अब द्विपक्षीय वार्ताओं के साथ-साथ बहुपक्षीय मंचों जैसे WTO पर भी सक्रिय रहने की है. अगर अमेरिका अपने रुख में नरमी लाता है और भारत के हितों की रक्षा होती है तो 9 जुलाई तक एक प्रारंभिक समझौता संभव है.

एकतरफा डील पर साइन नहीं करेगा भारत

भारत स्पष्ट रूप से यह संकेत दे चुका है कि वह किसी भी एकतरफा और असंतुलित सौदे पर हस्ताक्षर नहीं करेगा. दोनों देशों ने अक्टूबर 2025 तक एक व्यापक व्यापार समझौते तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें वस्तुओं के साथ-साथ सेवाएं और निवेश शामिल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की फरवरी की मुलाकात में यह भी तय किया गया था कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 बिलियन तक पहुंचाया जाएगा.

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https://www.abplive.com/news/world/india-facing-threat-of-high-tariffs-after-us-president-donald-trump-sent-a-tariff-letter-to-12-countries-2974491

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