‘HMPV वायरस के खतरे की समय से दें जानकारी’, चीन में फैले फ्लू पर भारत ने WHO से कर दी मांग

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China Respiratory Illness: भारत ने चीन में श्वसन संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बाद सतर्कता बढ़ा दी है. इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से समय पर जानकारी शेयर  करने के लिए कहा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शनिवार ( 4 जनवरी) को स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टरेट जनरल की अध्यक्षता में एक संयुक्त निगरानी समूह की बैठक आयोजित की गई. बैठक में चीन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत में तैयारी की जरूरत पर चर्चा की गई.

इस बैठक में WHO, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और दिल्ली के एम्स सहित कई संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हुए. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में श्वसन संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी मौसमी फ्लू की वजह से हो रही है और ये असामान्य नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार वायरस, जैसे इन्फ्लुएंजा वायरस, आरएसवी और एचएमपीवी, इस मौसम में आमतौर पर पाए जाते हैं.

चीन में वायरल वीडियो ने बढ़ाई चिंता

चीन से वायरल हो रहे कुछ वीडियो में अस्पतालों को मरीजों की भारी संख्या से जूझते हुए दिखाया गया है. इन वीडियो में संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए ह्यूमन मेटापेन्यूमो वायरस (HMPV) को जिम्मेदार बताया गया है. इस पर स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टरेट जनरल, डॉ. अतुल गोयल ने स्पष्ट किया कि HMPV एक सामान्य सांस से संबंधित वायरस है जो आमतौर पर सर्दी जैसे हल्के लक्षण पैदा करता है. हालांकि ये वायरस बुजुर्गों और बच्चों के लिए ज्यादा समस्या पैदा कर सकता है, लेकिन वर्तमान में ये गंभीर या चिंताजनक स्थिति नहीं मानी जा रही है.

डॉ. गोयल ने कहा कि सर्दियों के दौरान श्वसन संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी होती है और हमारे हॉस्पिटल इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने ये भी बताया कि अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर और ऑक्सीजन की सप्लाई मौजूद है. अब तक भारत में श्वसन संक्रमण के मामलों में कोई ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है जिससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.

भारत ने WHO से की अपील

जानकारी के मुताबिक HMPV संक्रमण कोविड-19 और बाकी श्वसन वायरस की तरह खांसने, छींकने और संक्रमित लोगों के करीबी संपर्क से फैलता है. इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, सांस लेने में तकलीफ, नाक का बंद होना, खांसी, गले में खराश और सिरदर्द शामिल हैं. हालांकि कुछ मरीजों में ये ब्रोंकाइटिस और न्यूमोनिया जैसी मुश्किलें भी पैदा कर सकता है. अभी इस वायरस के खिलाफ कोई टीका या इफेक्टिव दवा उपलब्ध नहीं है और इसका इलाज मुख्य रूप से लक्षणों को कंट्रोल करने पर आधारित है.

भारत सरकार ने WHO से अनुरोध किया है कि वह चीन की स्थिति पर समय पर जानकारी शेयर करें. सरकार सभी उपलब्ध माध्यमों से स्थिति पर नजर बनाए हुए है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को सतर्क रहना चाहिए, लेकिन वर्तमान में चिंता की कोई जरूरत नहीं है. 

 

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