‘ट्रायल में भुगतना पड़ सकता है…’ फॉरेंसिक टेस्ट से भागे इमरान खान तो पाक अदालत ने सुना दी खरी

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PTI Leader Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ चल रहे आतंकवाद के 12 मामलों में अब उनका फॉरेंसिक जांच से इनकार उनके लिए भारी पड़ सकता है. लाहौर की आतंकवाद-निरोधी अदालत (ATC) ने सोमवार को एक विस्तृत लिखित आदेश में इमरान खान की जांच में असहयोग को लेकर कड़ी टिप्पणी की है.

जज मंज़र अली गिल द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि इमरान खान का पॉलीग्राफ (झूठ पकड़ने वाली मशीन), फोटोग्रामेट्रिक (चेहरे की पहचान) और वॉइस मैचिंग टेस्ट कराने से इनकार करना, जांच और ट्रायल में उनके खिलाफ जा सकता है.

9 मई की हिंसा और उसका राजनीतिक भूचाल
9 मई 2023 को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में भयंकर हिंसा भड़क उठी थी. इस दिन उन्हें इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर से रेंजर्स ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद देशभर में उनके समर्थकों ने सड़कें जाम कीं, सेना के ठिकानों को निशाना बनाया और कई जगहों पर पुलिस से टकराव हुआ.

इस हिंसा में कई सैन्य और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचा, जिसके बाद इमरान खान पर आतंकवाद, देशद्रोह और हिंसा फैलाने के 12 केस दर्ज किए गए.

जांच में अनोखी स्थिति: आरोपी जांच एजेंसी की हिरासत में नहीं
जज मंज़र अली गिल ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यह मामला पाकिस्तान के इतिहास में अनोखा है, क्योंकि इमरान खान इस समय अडियाला जेल में एक अन्य मामले में बंद हैं और जांच एजेंसी की हिरासत में नहीं हैं.

उन्होंने कहा, “आम तौर पर किसी भी आरोपी को जांच के दौरान फॉरेंसिक टेस्ट से इनकार करने का मौका नहीं मिलता, लेकिन इस मामले में हालात उल्टे हैं.”जज ने यह भी कहा कि अदालत यह समझ पाने में असमर्थ है कि ऐसी स्थिति में जांच कैसे पूरी की जाएगी, और यह इमरान खान की ओर से जानबूझकर की गई रणनीति प्रतीत होती है ताकि ट्रायल को टाला जा सके.

अभियोजन पक्ष को समय देने की मांग खारिज
कोर्ट का यह आदेश 11 जून को अभियोजन पक्ष की उस याचिका को खारिज करने के संदर्भ में आया है जिसमें इमरान खान की फॉरेंसिक जांच के लिए और समय मांगा गया था. अदालत ने माना कि जब आरोपी ही जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, तो समय देने से भी कोई लाभ नहीं होगा.

अदालत का संकेत: ट्रायल में असर डालेगा यह इनकार
72 वर्षीय इमरान खान पहले ही पॉलीग्राफ और फोटोग्रामेट्रिक जांच से इनकार कर चुके हैं. उन्होंने जांच एजेंसी को स्पष्ट रूप से इन परीक्षणों में शामिल होने से मना कर दिया था. अदालत का कहना है कि इमरान खान जांच को बाधित कर रहे हैं और जांच पूरी न होने देने की रणनीति अपनाकर न्याय प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं. यह रवैया उनके ट्रायल के दौरान उनके खिलाफ उपयोग किया जा सकता है.

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