पाकिस्तान एक तरफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अध्यक्ष है, लेकिन उसके बाद भी किस तरह से पूरे विश्व में आतंकवाद का एपिसेंटर बना हुआ है. इसके अलावा किस तरह से पाकिस्तान में UNSC की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठन के आतंकवादी सड़कों पर बेरोकटोक घूमते हैं. इसका सबसे बड़ा सबूत मंगलवार (8 जुलाई, 2025) पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों से सामने आया, जहां आतंकी बुरहान वानी की मौत की बरसी पर खुलेआम आतंकियों ने मजमा लगाया गया.
एक तरफ जहां पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने बुरहान वानी समेत भारत के साथ एनकाउंटर में मारे गए अन्य आतंकियों को सलामी दी और भारत के खिलाफ जिहाद का संकल्प लिया तो वहीं पाकिस्तान के रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी और कमांडो सड़क पर घूमते हुए दिखाई दिए.
एबीपी न्यूज की एक्सक्लूसिव तस्वीरों में यह साफ देखा जा सकता है कि रावलपिंडी की सड़कों पर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के AK 47 वाले लोगों के साथ HM लिखी शर्ट पहनकर 40 से ज़्यादा आतंकी खुलेआम रावलपिंडी की सड़कों पर घूम रहे हैं. इन आतंकियों में से कई आतंकी ऐसे हैं जो हिजबुल मुजाहिदीन की कमांडो ब्रिगेड के है, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से पाकिस्तानी सेना अपने कैंप में ट्रेनिंग देती है और इस तथ्य कि गवाही खुद इन आतंकियों के कपड़े दे रहे हैं. जहां तकरीबन 16 आतंकियों की काले रंग की शर्ट पर हिजबुल मुजाहिदीन और AK 47 वाले लोगों के साथ-साथ कमांडो लिखा हुआ है तो बाकी के आतंकियों की शर्ट पर “जिहाद ही मेरा जीवन है” (Jihad is My Life) लिखा हुआ है, जो हिजबुल मुजाहिदीन के कोटली स्थित ट्रेनिंग कैंप में आतंकी कमांडरों से ट्रेनिंग पाए हैं.
आतंकियों का नेतृत्व करता दिख रहा सैयद सलाहुद्दीन
एबीपी न्यूज के पास मौजूद इन तस्वीरों में रावलपिंडी की सड़कों पर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों का नेतृत्व हिजबुल मुजाहिद्दीन की केंद्रीय शूरा का सदस्य और आतंकी सैयद सलाहुद्दीन का खास मोहम्मद शफीक साफ-साफ दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद शफीक साल 1995 से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी सैयद सलाहुद्दीन के साथ जुड़ा हुआ है और शफीक में 80 के दशक में जैश-ए-मोहम्मद के बन्नू स्थित ट्रेनिंग कैंप में अफगान जिहाद में शामिल होने के लिए आतंक की ट्रेनिंग ली थी.
आतंकी मोहम्मद शफीक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में मुजफ्फराबाद का रहने वाला है अभी फ़िलहाल लाहौर में रह रहा है और ख़ुद को मुख्यधारा में लाने के लिए जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर से जुड़ गया है, जो भारत में प्रतिबंधित है.
PoK के मुजफ्फराबाद में बुरहान वानी की बरसी पर लगाया मजमा
रावलपिंडी के अलावा हिजबुल मुजाहिदीन ने मंगलवार (8 जुलाई) को मुजफ्फराबाद में भी बुरहान वानी की मौत की बरसी पर मजमा लगाया और अपने जिहादी कैम्प के आने वाले बच्चों और युवाओं से आतंकी बुरहान वानी समेत भारत के साथ एनकाउंटर में मारे गए अन्य आतंकियों को सलामी दिलवाई और भारत के खिलाफ जिहाद करने के का संकल्प दिलवाया. यह कार्यक्रम हिजबुल मुजाहिदीन और पाशबान-ए-हुर्रियत ने साझा रूप से मुजफ़्फराबाद में आयोजित किया था और कार्यक्रम के बाद हिजबुल के कमांडर मोहमद आरिफ वानी ने भाषण भी दिया और मंच पर हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर और प्रतिबंधित आतंकी सैयद सलाहुद्दीन की तस्वीर भी थी.
हिजबुल के आतंकियों और सरगना को पाकिस्तान में मिलता है VIP ट्रीटमेंट
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन और उसका प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन दोनों ही भारत और अमेरिका की ओर से प्रतिबंधित हैं और UNSC भी हिजबुल मुजाहिदीन को आतंकी संगठन घोषित कर चुकी है, लेकिन पाकिस्तान में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी और उसके सरगना सैयद सैयद सलाहुद्दीन उर्फ मोहम्मद यूसुफ शाह को VIP ट्रीटमेंट मिलता आया है. एबीपी न्यूज के पास मौजूद पाकिस्तानी खुफिया दस्तावेजों के मुताबिक, साल 2019 पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने आतंकी सैयद सलाहुद्दीन उर्फ मोहम्मद यूसुफ शाह के नाम एक सरकारी दस्तावेज तैयार किया था, जिसमें लिखा था कि सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए काम करता है. यह दस्तावेज उसकी गाड़ी की जगह जगह चेकिंग रोकने के लिए और आतंकी सलाहुद्दीन को सहूलियत देने के लिए पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी के कमांडर ऑफिसर वजाहत अली ख़ान की तरफ़ से जारी किया गया था.
हिजबुल के जिहादी कैंप में शामिल होने वाले युवा आतंकियों को दे रहे थे सलामी
इतना ही नहीं मुजफ्फराबाद जिस तरह देखा गया कि हिजबुल के जिहादी कैंप में आने वाले बच्चे और युवा बुरहान वानी समेत अन्य आतंकियों को सलामी दे रहे थे और भारत के खिलाफ जिहाद के लिए संकल्प ले रहे थे, तो इसका सबसे बड़ा कारण है POK में सरकार की मदद से हिजबुल मुजाहिदीन का स्कूलों में दखल.
एबीपी न्यूज के पास मौजूद इसी साल 26 फरवरी की तस्वीर में मुजफ़्फराबाद में हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर अब्दुल्ला हिजाजी मुजफ्फराबाद के कोहारी स्थित सरकारी स्कूल में बच्चों को जिहाद का पाठ पढ़ा है. इस कार्यक्रम की वीडियो भी एबीपी न्यूज के पास मौजूद है.
वीडियो में हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर अब्दुल्ला हिजाजी बच्चों से कह रहा था कि जिहाद की कोई उम्र नहीं होती और आज आप लोग बच्चे हैं, लेकिन कल बड़े होंगे तब आपको जिहाद करना है. पाकिस्तान की सरकार की मदद से सरकारी स्कूलों में चल रहा हिजबुल मुजाहिदीन का रिक्वर्टमेंट कैंप किस तरह से कारगर है और हमलावर आतंकियों को पैदा करता है इसका बड़ा उदाहरण है पिछले साल भारतीय सेना के एनकाउंटर में मारा गया हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी नोमान जियाउल्लाह. नोमान जियाउल्लाह को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमांडरों में कम उम्र में स्कूल से ही आतंक से प्रेरित किया था, जिसके बाद 17 साल की उम्र से उसे ट्रेनिंग दी गई और फिर भारत में हमला करने के लिए भेजा गया.
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