Guyana News: दक्षिण अमेरिका के दो देशों गुयाना और वेनेजुएला के बीच सीमा विवाद हाल ही में और गहरा गया है. गुयाना ने आरोप लगाया है कि वेनेजुएला के तटरक्षक गश्ती जहाज ने उसके जलक्षेत्र में प्रवेश किया और प्रबंधित अपतटीय तेल ब्लॉक में एक आउटपुट पोत के पास पहुंचा था.
यह क्षेत्र 160,000 वर्ग किलोमीटर के एसेक्विबो क्षेत्र का हिस्सा है, जिसका स्वामित्व विवादित है. फिलहाल ये मामला वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में विचाराधीन है.
गुयाना के राष्ट्रपति ने की निंदा
गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि वेनेजुएला का जहाज उनके विशेष जलक्षेत्र में FPSO प्रॉस्पेरिटी सहित विभिन्न परिसंपत्तियों के पास पहुंचा. उन्होंने वेनेजुएला के राजदूत को तलब किया और इस घटना की शिकायत ICJ में करने की घोषणा की है. इसके अलावा, गुयाना ने अपने क्षेत्र में सैन्य तैनाती भी बढ़ा दी है.
उन्होंने कहा, ‘मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि समुद्री सीमाओं को अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत मान्यता प्राप्त है और यह गंभीर चिंता का विषय है. मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मेरी सरकार जल्दबाजी में काम नहीं कर रही है. हम इस स्थिति को गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ देख रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘गुयाना शांति और कानून के शासन के लिए प्रतिबद्ध है. हम कूटनीतिक समाधान की कोशिश जारी रखेंगे, लेकिन हम अपनी क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’
OAS ने की वेनेजुएला की निंदा
अमेरिका और अमेरिकी राज्यों के संगठन (OAS) ने वेनेजुएला की कार्रवाई की निंदा करते हुए गुयाना का समर्थन किया. OAS ने बयान में कहा,’धमकी के ऐसे कृत्य अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन हैं. ये कृत्य क्षेत्रीय स्थिरता को कमजोर करते हैं और राष्ट्रों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों को खतरे में डालते हैं. OAS गुयाना की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपने दृढ़ समर्थन को दोहराता है. वेनेजुएला शासन को तुरंत सभी आक्रामक युद्धाभ्यास बंद कर देने चाहिए जो क्षेत्र में तनाव बढ़ा सकते हैं.’
वेनेजुएला ने किया आरोपों का खंडन
दूसरी ओर वेनेजुएला ने इन आरोपों का खंडन किया है और दावा किया है कि जिस जल क्षेत्र में उनका जहाज गया था, वह गुयाना का हिस्सा नहीं है क्योंकि यह समुद्री क्षेत्र का सीमांकन अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार लंबित है. वेनेजुएला ने गुयाना से 1966 की जिनेवा संधि का पालन करने का अनुरोध किया है, जो इस सीमा विवाद को हल करने के लिए बनाई गई थी.
भारत से हैं अच्छे संबंध
भारत और गुयाना के बीच संबंध काफी अच्छे है. यहां के राष्ट्रपति तक भारतीय मूल के हैं. हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस देश की यात्रा की थी, जहां उन्हें सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया था. 2022 में भारत और गुयाना ने तेल एवं ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग पर सहमति जताई थी.
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