Last Updated:January 27, 2025, 17:06 IST
US Colombia Row: डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले से अमेरिकन ड्रीम संजोये सैंकड़ों लोगों का सपना चकनाचूर हो गया. ये लोग बड़ी मुश्किल हालात का सामना करते हुए जंगल, पहाड़ों और नदियों से होते हुए ‘डंकी रूट’ से किसी तरह अ…और पढ़ें
यूनिसेफ के मुताबिक, अकेले साल 2023 में करीब 5.20 लाख लोगों ने इस डंकी रूट का इस्तेमाल किया. (Unicef)
हाइलाइट्स
- डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से सैंकड़ों लोगों का अमेरिकन ड्रीम चकनाचूर.
- ये लोग जंगल, पहाड़ और नदियों को पारकर डंकी रूट से अमेरिका पहुंचते हैं.
- यूनिसेफ के मुताबिक, 2023 में 5.20 लाख लोगों ने डंकी रूट का इस्तेमाल किया.
डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका का राष्ट्रपति बने अभी एक हफ्ता ही हुआ है और उन्होंने अपने फैसलों और बयानों से दुनिया भर में खलबली मचा दी है. कनाडा, मेक्सिको और ग्रीनलैंड के बाद उन्होंने दक्षिण अमेरिकी देश और यूएस के करीबी माने जाने वाले कोलंबिया पर आंखें टेढ़ी कर ली हैं. दोनों देशों के बीच झगड़े का कारण बने हैं अवैध प्रवासी. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका में बिना वीजा के चोरी-छिपे आए इन अवैध प्रवासियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी गई है. उन्हें पकड़-पकड़कर वापस उनके देश भेजा जा रहा है.
इन्हीं अवैध प्रवासियों में से एक जत्था कोलंबियाई नागरिकों का भी था, लेकिन उनके देश ने उन्हें वापस लेने से ही इनकार कर दिया. इस पर ट्रंप का माथा ठनका और उन्होंने US के इस मित्र देश पर सख्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दे डाली. ट्रंप की ही इस धमकी का असर था कि कोलंबिया आखिरकार अपने नागरिकों से भरे विमान को लैंडिंग की इजाजत देने के लिए राजी हो गया.
अमेरिकन ड्रीम हुआ चूर
इस तरह आंखों में अमेरिकन ड्रीम संजोये सैंकड़ों लोगों का सपना चकनाचूर हो गया. ये लोग बड़ी मुश्किल हालात का सामना करते हुए जंगल, पहाड़ों और नदियों से होते हुए कई देशों को पार करते हुए किसी तरह अमेरिका पहुंचते हैं. इस खतरनाक रास्ते को आम बोलचाल की भाषा में ‘डंकी रूट’ कहा जाता है.
यूनिसेफ के मुताबिक, अकेले साल 2023 में करीब 5.20 लाख लोग इस डंकी रूट का इस्तेमाल किया, जिसमें करीब एक लाख बच्चे शामिल थे. वहीं 2024 के शुरुआती चार महीने में 30 हजार से अधिक बच्चे इस डेरियन गैप से होकर गुजरे, जिनमें से करीब 2000 बच्चों के साथ उसके परिवार का कोई सदस्य नहीं बचा.
क्यों कहा जाता है डंकी रूट?
यह रास्ता उन लोगों के लिए एकमात्र सहारा है जो गरीबी, हिंसा या राजनीतिक अस्थिरता से बचकर अमेरिका में शरण लेना चाहते हैं. डंकी रूट को यह नाम उन गधों से मिला है, जिनका उपयोग इस दुर्गम और चुनौतीपूर्ण रास्ते को पार करने में किया जाता है. यह रूट कोलंबिया से पड़ोसी देशों जैसे इक्वाडोर, पनामा और वेनेजुएला तक जाता है.
एक खतरनाक सफर
यह यात्रा जितनी कठिन है, उतनी ही खतरनाक भी. डंकी रूट पर यात्रा करने वाले प्रवासियों को कई प्रकार के जोखिमों का सामना करना पड़ता है. इनमें खराब मौसम, जंगली जानवर, डकैत, और मानव तस्कर शामिल हैं, जो कमजोर यात्रियों को निशाना बनाते हैं. इस जोखिम भरी यात्रा के दौरान लूटपाट, हिंसा और शोषण की घटनाएं आम हैं.
इसके अलावा, स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बड़ी चिंता का विषय हैं. इस यात्रा में न तो साफ पानी मिलता है, न ही चिकित्सा सुविधाएं या कहीं ठहरने का सही ठिकाना. थकावट, पानी की कमी और चोटों अक्सर कई लोगों के लिए जानलेवा साबित होती है, खासकर उन परिवारों के लिए जिनमें छोटे बच्चे शामिल होते हैं.
कैसे काम करता है डंकी रूट?
किसी तरह अमेरिका जाने का ख्वाब संजोये लोग सबसे पहले किसी दक्षिण अमेरिकी देश पहुंचते हैं, जहां का वीजा उन्हें आसानी से मिल जाता है. वहां फिर वे तस्करों से मिलते हैं, जो उन्हें डेरियन गैप से होते हुए मेक्सिको-अमेरिका बॉर्डर तक ले जाते हैं. फिर वहां से चोरी-छिपे बॉर्डर पार करके अमेरिका में दाखिल हो जाते हैं.
क्या है डेरियन गैप?
यह डेरियन गैप 60 मील लंबा इलाका है, जो पैन-अमेरिकन हाईवे से सटा हुआ है. अलास्का से दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे तक फैले इस हाईवे से यह इलाका घने वर्षावन, खड़ी पहाड़ियों और दलदलों से भरा है.
यह डंकी रूट उन प्रवासियों के संघर्ष और उम्मीद का प्रतीक है, जो बेहतर भविष्य की तलाश में अपने जीवन को जोखिम में डालते हैं. यह रास्ता उनकी हिम्मत और जिजीविषा को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह विस्थापन से जुड़ी गहरी समस्याओं का भी दिखाता है. जब तक कोलंबिया और उसके पड़ोसी देश प्रवासन से जुड़ी जटिलताओं का स्थायी समाधान नहीं ढूंढ लेते, यह डंकी रूट मानवता की कीमत पर आशा और निराशा का संगम बना रहेगा.
New Delhi,Delhi
January 27, 2025, 17:06 IST
जंगल, पहाड़, नदी… इस डंकी रूट से US पहुंचते हैं लोग, ट्रंप ने सपना किया चूर
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