बीजिंग में मंगलवार (14 जुलाई, 2025) को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ बिल्कुल भी समझौता न करने की जरूरत पर जोर दिया. इससे कुछ घंटे पहले उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों में हालिया प्रगति के बारे में जानकारी दी थी.
जयशंकर ने शी जिनपिंग से SCO सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मैसेज भी दिया. उन्होंने कहा कि भारत चीन के साथ अपने संबंधों में नेताओं के मार्गदर्शन को बेहद महत्वपूर्ण मानता है.
SCO मंच से पाकिस्तान और पहलगाम हमले पर तीखा प्रहार
जब वे तिआनजिन में SCO की बैठक को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर कहा कि यह हमला जानबूझकर घाटी की पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और धार्मिक तनाव फैलाने के लिए किया गया था.
जयशंकर ने कहा, “SCO का गठन आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद, इन तीन बुराइयों से लड़ने के लिए हुआ था. इसलिए अगर SCO अपने मूल उद्देश्यों के प्रति ईमानदार रहना चाहता है तो उसे आतंकवाद के खिलाफ सख्त और स्पष्ट रुख अपनाना होगा.”
उन्होंने बताया कि इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भी सख्त शब्दों में निंदा की और इसके जिम्मेदारों को न्याय दिलाने की बात कही. भारत ने हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. यह कार्रवाई चार दिन तक चली, जिसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनी.
चीन के रवैये पर परोक्ष तंज
जयशंकर का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान द्वारा पहलगाम हमले के जिक्र पर आपत्ति जताने के कारण साझा घोषणापत्र को समर्थन नहीं दिया था. भारत की नाराजगी इस बात को लेकर भी रही है कि चीन ने कई बार UNSC में पाकिस्तान-समर्थित आतंकवादियों पर प्रतिबंध की कोशिशों को रोका है.
अफगानिस्तान पर भी चिंता जताई
जयशंकर ने अफगानिस्तान की स्थिति का भी जिक्र किया और SCO सदस्य देशों से अफगान नागरिकों के लिए विकास सहायता बढ़ाने की अपील की. उन्होंने कहा कि भारत अपनी ओर से सहयोग करता रहेगा.
BRI पर अप्रत्यक्ष हमला
जयशंकर ने बिना नाम लिए चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना पर भी परोक्ष निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कोई भी क्षेत्रीय सहयोग संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और आपसी सम्मान के आधार पर होना चाहिए. बता दें कि BRI का एक हिस्सा पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है, जिसका भारत विरोध करता रहा है.
व्यापार और संपर्क बढ़ाने पर जोर
उन्होंने कहा, “SCO में व्यापार, निवेश और संपर्क को गहरा करना जरूरी है, लेकिन इसके लिए संगठन के भीतर ट्रांजिट की समस्या को दूर करना होगा. जब तक SCO देशों के बीच सुगम ट्रांजिट की व्यवस्था नहीं होती, तब तक क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग आगे नहीं बढ़ सकता.”
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