Explainer: लास एंजेलिस में आग बुझाने वाले विमान गुलाबी धुएं जैसा क्या उड़ा रहे हैं

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Last Updated:January 13, 2025, 17:28 IST

अमेरिका के लास एंजेलिस में भयंकर आग हुई है, जो फैलती जा रही है. फायर ब्रिगेड विमान जब इस प्रभावित क्षेत्र से गुजर रहे हैं तो वह गुलाबी रंग का धुंआ उड़ाते नजर आ रहे हैं. ये गुलाबी धुआं क्यों छोड़ रहे हैं. इससे क्या…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • LA आग में गुलाबी अग्निरोधी रसायन का इस्तेमाल
  • यह रसायन आग को धीमा करता है और ऑक्सीजन को रोकता है
  • गुलाबी रंग से अग्निशामकों को पता चलता है कि कहां रसायन गिराया गया है.

अगर आप इस तस्वीर को देखें तो ये विमान लास एंजेलिस के आग ग्रस्त क्षेत्रों के ऊपर से उड़ते हुए लाल गुलाबी रंग का धुआं उड़ा रहे हैं. दरअसल ये धुआं लग जरूर रहा है लेकिन धुआं है नहीं बल्कि गुलाबी रंग का एक तरल पदार्थ है, जो अग्निशमन करने वाले विमान आग वाले क्षेत्रों में गिरा रहे हैं. इस आग को दुनिया की सबसे भयंकर आग बताया जा रहा है.

तो क्या है ये तरल पदार्थ जो विमान लास एंजेलिस में गिरा रहे हैं. ये क्या करता है और इसको क्या कहा जाता है. इसे फायर रिटार्डेंट यानि अग्निरोधी कहते हैं, ऐसा पदार्थ जो आग लगने या जलने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है. ये कई केमिकल और उर्वरकों का मिश्रण है. जिसमें सबसे बड़ी मात्रा अमोनियम फॉस्फेट की है. आग के जलने के लिए ऑक्सीजन की ज़रूरत होती है. .ये द्रव आग के लिए सहायक ऑक्सीजन रोक देता है. ताकि ये ज़्यादा तेज़ी से न फैल सके.

क्या होते हैं अग्निरोधी
अग्निरोधी एक ऐसा पदार्थ है जिसे आग के प्रसार को धीमा करने या रोकने तथा इसकी तीव्रता को कम करने के लिए बनाया गया है. ये विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से प्राप्त किया जाता है जो आग लगने की स्थिति में ज्वलनशीलता को कम करते हैं या दहन को धीमा करते हैं. अग्निरोधी मिश्रण आग को भौतिक क्रियाओं या एंडोथर्मिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से भी ठंडा कर सकते हैं, और वे पाउडर, फोम, जैल और कोटिंग्स सहित कई रूपों में उपलब्ध हैं.

अग्निरोधी कितने तरह के होते हैं
– ये मुख्यतौर पर दो तरह के होते हैं – रासायनिक अग्निरोधी और ज्वाला मंदक (chemical fire retardants and flame retardants). रासायनिक अग्निरोधी आमतौर पर जंगल की आग से निपटने के लिए पानी या अन्य एजेंटों के साथ मिलाकर इस्तेमाल किये जाते हैं.
इसमें ये चीजें शामिल रहती हैं
– पानी
– अमोनियम सल्फेट: आग के सहयोगी ईंधन को कम करता है.
– पोटेशियम सिलिकेट – दहनशीलता को कम करता है
– बोरेट्स – गीला करने वाले एजेंट के रूप में काम करते हैं.
– लिग्नोसल्फोनेट्स – लकड़ी के गूदे से बने उपोत्पाद जो गीलापन बढ़ाते हैं.
– जेलिंग एजेंट- ये रिटार्डेंट को सतहों पर चिपकाने में मदद करते हैं.

ये अग्निरोधी जहां गिराए जाते हैं, वहां का रंग गुलाबी कर देते हैं, जिससे पता लग जाता है कि यहां अग्निरोधी केमिकल गिराया जा चुका है. (Photo – AP)

फ्लेम रिटार्डेंट यानि ज्वाला मंदक यानि आग को धीमा करने वाले. इन्हें प्लास्टिक और टेक्सटाइल जैसी सामग्रियों में मिलाया जाता है ताकि आग को रोका जा सके और लौ को फैलने से रोका जा सके.ये कई तरह के होते हैं
हैलोजेनेटेड फ्लेम रिटार्डेंट (जैसे, ब्रोमीन और क्लोरीन यौगिक)
फॉस्फोरस-आधारित फ्लेम रिटार्डेंट
नाइट्रोजन-आधारित फ्लेम रिटार्डेंट

अग्निरोधी घोल को कैसे इस्तेमाल किया जाता है
– अग्निरोधी घोल को विमान से गिराया जाता है ताकि आग को फैलने से रोका जा सके.
– स्कूलों और अस्पतालों जैसी सार्वजनिक इमारतों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई निर्माण सामग्री को अग्निरोधी सामग्रियों के साथ मिलाकर बनाया जाता है
– फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी वस्तुओं में अक्सर सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए फ्लेम रिटार्डेंट होते हैं

इनका रंग गुलाबी क्यों होता है
– आग बुझाने वाला इस केमिकल को गुलाबी रंग इसलिए दिया जाता है ताकि दमकल कर्मियों को ये पता चल जाए कि कहां इसका इस्तेमाल हो चुका है. जहां इन्हें गिराया जाता है, वहां पता लग जाता है कि इनका इस्तेमाल वहां हो चुका है, वो जगह गुलाबी हो जाती है.

ये किस तरह काम करते हैं
– अग्निरोधी कई तरह के रासायनिक तंत्रों के माध्यम से कार्य करते हैं जो दहन को रोकते हैं या उन्हें धीमा करते हैं. कुछ अग्निरोधी, विशेष रूप से हलोजनयुक्त यौगिक, गर्म होने पर हाइड्रोजन क्लोराइड या ब्रोमाइड जैसी गैसें छोड़ते हैं. ये गैसें लौ में मौजूद मुक्त कणों, जैसे हाइड्रॉक्सिल (OH·) और हाइड्रोजन (H·) कणों के साथ प्रतिक्रिया करती हैं, प्रभावी रूप से ये आग को बुझाती हैं और इन्हें हल्का करती हैं. इससे लौ की तीव्रता ही कम नहीं होती बल्कि फैलना भङी कम हो जाता है.

– कुछ अग्निरोधी गर्मी के संपर्क में आने पर सामग्री की सतह पर चार परत बनाते हैं. ये एक अवरोध के रूप में काम करते हैं, जो ऑक्सीजन का रास्ता ब्लॉक करते हैं और दहन धीमा हो जाता है.
– कुछ अग्निरोधी में हाइड्रेटेड खनिज होते हैं जो गर्म होने पर एंडोथर्मिक अभिक्रियाओं से गुजरते हैं. ये आसपास की आग को अवशोषित करने लगते हैं फिर उसे ठंडा कर देते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान जल वाष्प निकलती है, जो दहन के दौरान पैदा होने वाली ज्वलनशील गैसों की तीव्रता कम कर देते हैं.
– अग्निरोधी दहन के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड या जल वाष्प जैसी गैर-दहनशील गैसों को भी छोड़ सकते हैं. ये गैसें ज्वलनशील वाष्पों को पतला करती हैं और प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाली कुल गर्मी को कम करती हैं, जिससे आग को बुझाने में मदद मिलती है.

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