ट्रंप ने कैसी कांट्रैक्ट मैरिज की मेलानिया से, कितने तरह की ऐसी अनुबंध शादियां

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हाइलाइट्स

ट्रंप ने जितनी शादियां की, उसमें सभी मैरिज के पहले ही कांट्रैक्ट कर लियादूसरी बीवी से कांट्रैक्ट में कहा, बेटी सेना में गई तो बंद होगा उसका भत्तामेलानिया ने शादी के बाद कई बार कांट्रैक्ट को बदलने के लिए दबाव डाला

डोनाल्ड ट्रंप की तीन बार शादी हो चुकी है. हर विवाह के पहले उन्होंने होने वाली बीवी से प्रीनेप्टियल मैरिज एग्रीमेंट (प्रीनअप) किया, जिसमें तलाक की स्थिति में कितना पैसा मिलेगा या क्या शर्तें रहेंगी. इसके बारे में बताया जाता है. अमेरिका और यूरोप में अमीर लोग आजकल इसी तरह की कांट्रैक्ट मैरिज करते हैं. जो कानूनी तौर पर वैधानिक मानी जाती है.

हालांकि तीनों शादियों में उन्होंने अलग अलग तरह के कांट्रैक्ट किए. हर शादी के साथ उनका पत्नी को देने वाला मुआवजा कम होता गया. हालांकि उनकी संपत्ति बढ़ती चली गई.

पहली शादी में क्या हुआ
ट्रंप ने पहली इवाना ट्रंप से 1977 में की. ये 1990 तक चली. इसमें शादी से पहले ट्रंप और इवाना ने एक प्रीनअप पर हस्ताक्षर किए, जिसमें गोपनीयता और वित्तीय व्यवस्था के प्रावधान शामिल थे. तलाक के बाद इवाना को कथित तौर पर मैरिज कांट्रैक्ट के अनुसार करीब $25 मिलियन ( 210 करोड़ रुपए) मिले. इसमें एक हवेली और $650,000 (5.5ि करोड़ रुपए) सालाना का चाइल्ड सपोर्ट भुगतान शामिल था.

दूसरी शादी में कैसा कांट्रैक्ट
ट्रंप ने दूसरी शादी मार्ला के साथ 1993 में की, ये छह साल यानि 1999 तक टिकी. इसमें शादी के पहले ट्रंप ने प्रीनअप में शर्त रखी कि अगर वो पहले पांच सालों में तलाक लेते हैं, तो उन्हें $1 मिलियन (8.5 करोड़ रुपए) मिलेंगे.

अगर वो इससे ज्यादा समय तक विवाहित रहे, तो यह राशि बढ़कर $5 मिलियन (42.5 करोड़ हो जाएगी. इसके अलावा इसमें गुजारा भत्ता और गोपनीयता संबंधी हिस्से भी शामिल थे, जो और ज्यादा व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करने से रोकते थे. कहा जाता है कि इस कांट्रैक्ट से मार्ला बहुत खुश नहीं थीं.

समझौते में विवादास्पद तौर पर ये भी कहा गया कि अगर उनकी बेटी टिफ़नी कुछ खास कदम उठाती है, जैसे कि सेना में शामिल होना तो बच्चे का भरण-पोषण बंद कर दिया जाएगा.

मेलानिया ने बाद में दबाव डालकर कांट्रैक्ट बदलवाया
ट्रंप की तीसरी शादी मेलानिया से 2005 में हुई. वह उनकी मौजूदा पत्नी भी हैं. यानि इस शादी को 19 साल हो चुके हैं. शादी के बाद मेलानिया ने कथित तौर पर कई बार अपने इस शादी पूर्व मैरिज कांट्रैक्ट को लेकर बात की. पहले उन्होंने ये ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान की. फिर जब वह वर्ष 2016 में प्रेसीडेंट बने तो मेलानिया के जोर देने पर इस कांट्रैक्ट को बदला गया.

कहा जाता है कि नवीनतम संशोधन तलाक की स्थिति में उनके बेटे बैरन के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है. उनके प्रीनअप की शर्तों का सार्वजनिक रूप से विस्तार से खुलासा नहीं किया गया है. समझा जाता है कि इसमें मेलानिया और बैरन के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान शामिल हैं. माना जाता है ट्रंप के 2016 से पहले मेलानिया के साथ जो समझौता किया था, उसमें उन्हें कांट्रैक्ट के अनुसार सबसे कम पैसा मिलना था. बेटे बैरन के भरण पोषण के लिए भी बहुत बेहतर स्थितियां नहीं थीं.

क्या होता है प्रीनेप्टियल मैरिज एग्रीमेंट
यूरोप और अमेरिका में धनी लोग विवाह से पहले प्रीनेप्टियल मैरिज एग्रीमेंट करते हैं ताकि तलाक की स्थिति में उन्हें ज्यादा पैसा नहीं देना पड़े. तलाकशुदा पत्नी उनकी संपत्ति के हिस्से में दावा नहीं जता सके. ये समझौते विवाह से पहले दोनों पक्ष अपने वित्तीय हितों की रक्षा के लिए आपसी बातचीत से तय करता है.
ये समझौता बताता है कि तलाक या मृत्यु की स्थिति में संपत्ति, ऋण और जीवनसाथी के लिए संपत्ति को कैसे मैनेज किया जाएगा.

– प्रीनेप बताते हैं कि कौन सी संपत्ति अलग संपत्ति मानी जाएगी. कौन सी वैवाहिक संपत्ति के रूप में वर्गीकृत की जाएगी.
– समझौता ये तय करता है विवाह से – पहले और उसके दौरान लिए गए ऋणों को कैसे संभाला जाएगा, जिससे एक पति या पत्नी को दूसरे के ऋणों के लिए उत्तरदायी होने से बचाया जा सके.
– प्रीनेप में विस्तार से बताया जा सकता है कि तलाक के बाद एक पति या पत्नी को दूसरे से कितना और किन शर्तों के तहत वित्तीय सहायता मिल सकती है.

कितनी तरह के मैरिज कांट्रैक्ट, सहवास समझौता क्या
विवाह बाद कांट्रैक्ट – प्रीनप की तरह विवाह बाद अनुबंध विवाह से पहले नहीं बल्कि बाद में बनाया जाता है. ये वित्तीय व्यवस्था और संपत्ति विभाजन को भी निर्दिष्ट करता है.
इस्लामिक विवाह अनुबंध (निकाह) – इस्लामिक विवाहों में निकाह अनुबंध एक औपचारिक समझौता होता है जिसमें मेहर (दूल्हे से दुल्हन को अनिवार्य उपहार या दहेज) शामिल होता है और ये विवाह की अन्य शर्तों को भी तय करता है. इस अनुबंध में वित्तीय सहायता, रहने की व्यवस्था और व्यक्तिगत शर्तें शामिल हो सकती हैं. ये आमतौर पर गवाहों की मौजूदगी में हस्ताक्षरित किया जाता है. विवाह की वैधता के लिए ये जरूरी है.
केतुबा (यहूदी विवाह अनुबंध) – केतुबा एक पारंपरिक यहूदी विवाह अनुबंध है जो पति का पत्नी के प्रति दायित्वों को जाहिर करता है, जिसमें वित्तीय सहायता और वैवाहिक कर्तव्य शामिल हैं.
सहवास समझौता – जिन देशों में जोड़े बिना शादी किए साथ रह सकते हैं, वहां सहवास समझौता दोनों भागीदारों के अधिकारों की रक्षा करता है. अगर जोड़ा अलग हो जाता है तो संपत्ति का बंटवारा, वित्तीय सहायता को कवर कर सकता है.
जनजातीय विवाह अनुबंध – विभिन्न अफ्रीकी, एशियाई और स्वदेशी संस्कृतियों में विवाह अनुबंध प्रथागत या जनजातीय कानूनों द्वारा आकार लेते हैं. इसमें दुल्हन की कीमत, दहेज या विशिष्ट अधिकारों और कर्तव्यों की बात शामिल रहती है. ऐसे अनुबंधों में परिवार या समुदाय की भागीदारी शामिल होती है.
अस्थायी विवाह अनुबंध – इसमें विवाह से पहले ये समझौता किया जाता है कि ये विवाह केवल एक तय अवधि के लिए है. जैसे इस्लाम में मुताह निकाह. इसमें भी पूर्व निर्धारित शर्तें भी होती हैं.

क्या होता है मिलिट्री मैरिज कांट्रैक्ट
सैन्य विवाह अनुबंध आमतौर पर सैन्य कर्मियों से जुड़े विवाहों को नियंत्रित करने वाले कानूनी समझौतों और नियमों को जाहिर करता है. इसमें विवाह की कानूनी मान्यता, जीवनसाथी के लिए लाभ और सैन्य सेवा से संबंधित खास नियम शामिल किए जाते हैं. अब इन शादियों में कांट्रैक्ट में ये भी शामिल किया जाता है कि अगर युद्ध में मृत्यु हो जाती है तो परिवार में पत्नी और पेरेंट्स को कितना आर्थिक लाभ मिलेगा.

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