Last Updated:January 27, 2025, 11:58 IST
लॉस एंजेलिस के पास जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए इस्तेमाल हुआ गुलाबी काफी खास था. यह फॉस-चेक एक अग्निरोधी पानी, अमोनियम फॉस्फेट उर्वरक और गाढ़ा करने वाले एजेंट से बना था. जो आग को फैलने से रोकने में कारगर…और पढ़ें
इस पाउडर को खास तरह से छिड़कने पर आग पर काबू पाने में मदद मिल सकती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
- कैलिफोर्निया में जंगल की आग बुझाने के लिए गुलाबी पाउडर का उपयोग हुआ
- फॉस-चेक पाउडर आग को फैलने से रोकने में कारगर माना जाता है
- पाउडर का चमकीला रंग दूर से पहचानने में मदद करता है
जंगल की आग सामान्य आग नहीं होती है. वह एक साथ कई तरह की मुसीबतें साथ लाने का काम करती है. अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में लॉस एंजेलिस के पास के जंगलों की आग ने भी कुछ ऐसा ही किया है. 20 दिन पहले लगी हफ्ते 10 दिन पहले हवाओं के चलते कई इलाके में और तेजी से फैली और बेकाबू होने लगी. इस से दमकलकर्मियों को आग बुझाने के लिए कई उपायों को अपनाना पड़ा जिनमें एक गुलाबी पाउडर का छिड़काव भी शामिल था. पर क्या यह उपाय वाकई काम का था. आइए इसी की पड़ताल करते हैं.
गुलाबी लाल रंग का पाउडर था क्या?
लॉस एंजेलिस के पास लोगों ने दमकल कर्मियों को हवाई जहाजों से चमीकीले गुलाबी और लाल के पाउडर को आग पर छिड़काव करते हुए देखा था. यह किसी तरह का रंगीन मक्के के स्टार्ट के जैसा पदार्थ लग रहा था. लेकिन असल में यह फॉस चेक नाम का अग्नि प्रतिरोधक पदार्थ है, जिसमें पानी, खाद और कुछ अन्य पदार्थ भी होते हैं जिसका काम रंग देने और पाउडर को गाढ़ापन देने का है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह मिश्रण आग को धीमा करने में काफी असरदार तरीके से काम करता है.
कैसै काम करता है ये
अमेरिका के कृषि और वन सेवा विभाग ने बतया कि हवाई जहाजों से अग्निरोधक पाउडर का छिड़काव आग को फैलने से रोकने के लिए खास तौर से कारगर होता है. यह जलने योग्य पदार्थों को ठंडा करने के साथ उनके ऊपर एक सतह भी चिपका देता है. इससे आग नहीं फैलती है. यह ऑक्सीजन का दूर करता है, जिससे जलने की प्रक्रिया ही रुक जाती है. इसके अलावा इसके अंदर के अजैविक नमक जलने की प्रक्रिया को ही पूरी तरह से धीमा कर देते हैं.

कैलिफोर्निया के जंगलों में आग 7 जनवरी को भड़की थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
कहीं पर्यावरण को नुकसान तो नहीं?
लेकिन इस तरह से रसायनों का उपयोग एक तरह का संदेह भी पैदा करता है. कही इनका उपयोग आग खत्म होने के बाद जंगल के लिए और नुकसान पहुंचाने वाला नहीं हो जाएगा? कुछ लोगों ने इसके लिए पिछले साल प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला दिया. उसमें पाया गया था कि ऐसे कुछ अग्निरोधकों में जहरीली भारी धातुएं होती हैं जो पर्यावरण के लिए बहुत नुकसानदायी हो सकती हैं.
खाद जितना ही खतरनाक!
वन सेवा विभाग ने साफ किया कि वह जिन अग्निरोधक पदार्थों का इस्तेमाल कर रहा था, उनमें भारी धातुओं का उपयोग नहीं किया गया है. जबकि उन्होंने यह जरूर कहा कि खेती के लिए उपयोग में आने वाली खाद की तरह इनके नमक में कुछ ऐसे कुदरती तौर चीजें हो सकती हैं ज थोड़ा नकुसान पहुंचा सकती हैं.

हाल ही में हुई बारिश ने जंगल की आग में काबू पाया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
रंग का इस्तेमाल क्यों?
इस पाउडर के चमकीले रंग का होने संयोग नहीं है. बल्कि खास वजह से ऐसे अग्निरोधक पदार्थ के चटक रंगों का उपयोग होता है. रंग डालने वाले पदार्थ डालने से दूर से देखने पर पता चल जाता है कि पाउडर कहा कहां डाला जा चुका है और कितना इलाका सुरक्षित किया जा चुका है. यह अग्निरोधक रेखा बनाने के लिहाज से बहुत काम आता है. पाउडर एक कतार में छिड़कने से आग को बड़े इलाके में कारगर तरीके से काबू किया जा सकता है. दलकर्मियों ने भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की.
क्या काम आई यह तकनीक?
विभाग का कहना है कि आग को रोकने में कई तरह के उपाय किए गए और यह केवल उन्हीं में से एक था. वहीं आग की गंभीरता और विशाल के चलते यह आंकलन करना मुश्किल है कि कौन सा उपाय कहां और किस हद तक कारगर रहा. दूसरी तरफ हवाओं के चलते आग पर काबू पाना भी मुश्किल होता जा रहा था. राहत की खबर रविवार को आई जब दक्षिणी कैलिफोर्निया के कई इलाकों में बारिश होने की खबर आई. बेशक उससे पहले अन्य उपायों के साथ पाउडर का इस्तेमाल भी काम का रहा. लेकिन अब राहत कर्मियों को ध्यान बारिश के बाद भूस्खलन और जहरीले धुएं जैसी अन्य चुनौतियों से निपटने में लगेगा.
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
January 27, 2025, 11:58 IST
Explainer: LA Wildfire पर छिड़का गया गुलाबी पाउडर कितना आया काम, कितना होता है
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