Explainer: अब जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप को कैसे ढाई महीने तक हस्तांतरित होती रहेगी सत्ता

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हाइलाइट्स

ट्रंप अब प्रेसीडेंट इलेक्ट बन गए हैं, उनका ये स्टेटस 20 जनवरी तक रहेगाअब उनको सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो 11 हफ्ते तक चलेगीइस बीच ट्रंप को अपनी नीतियों को लागू करने के लिए 4000 लोगों का स्टाफ नियुक्त करेंगे

6 नवंबर को डोनाल्ड ट्रंप को आधिकारिक तौर पर अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में विजेता घोषित कर दिया गया. इसके तुरंत बाद उन्हें प्रेसीडेंट इलेक्ट कहकर बुलाया जाएगा, जबकि कि वह 20 जनवरी को आधिकारिक तौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ नहीं ले लेते. जैसे ही कोई शख्स अमेरिका में प्रेसीडेंट इलेक्ट बनता है, उसे वो प्रोटोकॉल मिलने लगता है जो अमेरिका के प्रेसीडेंट के बराबर ही होता है. प्रेसीडेंट इलेक्ट को सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया 07 नवंबर से ही शुरू हो जाती है और ये 20 जनवरी तक चलती रहती हैं. आखिरी प्रक्रिया नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण करना और व्हाइट हाउस में पहुंचना होता है. हस्तांतरण की प्रक्रिया लंबी होती है. इस प्रक्रिया समय को ट्रांजिशन पीरियड माना जाता है.

क्या होता है यह ट्रांजिशन
वास्तव में प्रेसिडेंशियल ट्रांजिशन अमेरिकी राष्ट्रपति की सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया है जिसके तहत पिछला राष्ट्रपति अगले निर्वाचित राष्ट्रपति, अमेरिका में प्रेसिडेंट इलेक्ट कहा जाता है, को सारी अहम जानकारी और ड्यूटी देता है जिससे प्रेसिडेंट इलेक्ट और उसकी टीम को व्हाइट हाउस पहुंचने पर पूरी तरह से काम करने में किसी तरह की कोई परेशानी न हो. इस पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन की होती है जिसे (GSA) कहा जाता है. जिसका काम ऑफिस स्पेस से लेकर उपकरण और तकनीकी प्रदान करना होता है.

डोनाल्ड ट्रंप अब जीत के बाद प्रेसीडेंट इलेक्ट बन गए हैं. अगले 75 दिनों तक अमेरिका की सत्ता उन्हें हस्तांतरित रहेगी. वह तमाम जरूरी मीटिंग में हिस्सा लेना शुरू कर देंगे. अब अमेरिका की हर जरूरी कार्रवाई में उनकी सहमति भी जरूरी होगी. (एपी)

कितना लंबा होता है हस्तांतरण
आम तौर पर यह हस्तांतरण 11 सप्ताह का होता है. ये तभी शुरू हो जाता है जबकि अमेरिका का चुनाव आयोग किसी को राष्ट्रपति चुनाव में विजेता घोषित कर देता है. ये 20 जनवरी तक चलता है जब अगला राष्ट्रपति पदभार संभाल लेता है.  इस पूरी प्रक्रिया के दौरान निर्वाचित राष्ट्रपति को करीब चार हजार पद भरने होते हैं, जिसके बारे में ट्रंप ने चुनाव जीतते कहा भी है ताकि वो जिन नीतियों को लागू करना चाहते हैं, उसका कामकाज उनका स्टाफ और नियुक्ति किए गए अधिकारी शुरू कर दें.

क्या-क्या होता है इस दौरान
इस दौरान निर्वाचित राष्ट्रपति के व्यस्त कार्यक्रम के संचालन के साथ उनकी ब्रीफिंग और स्टाफ की नियुक्ति भी होती है. एक बार सत्ता हस्तांतरण आधिकारिक तौर शुरू हो जाता है तो उसने निर्वाचित राष्ट्रपति की ट्रांजीशन टीम काम करने लगती है जो प्रचार के दौरान तैयार हुई थी. इसमें सबसे अहम है दैनिक सुरक्षा ब्रीफिंग जिसमें निर्वाचित राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाती है.

ट्रंप ने वैसे पहले ही अपने स्टाफ की नियुक्ति करना शुरू कर दी है. चूंकि वह पहले भी राष्ट्रपति रह चुके हैं, लिहाजा इन सब कामों और प्रक्रियाओं से बखूबी वाकिफ हैं. हर सरकारी एजेंसी के मुखिया को भी अपनी भूमिका की पहचाने में यह प्रक्रिया मदद करती है. वहीं चार हजार राजनैतिक पदों को भर्ती में से 1200 की सीनेट को पुष्टि करनी होती है जिसमें सरकार हस्तांतरण के दौरान उनकी पृष्ठभूमि की पुष्टि करती है.

यह काम भी
इस दौरान निर्वाचित राष्ट्रपति और उनकी टीम औपचारिक तौर पर सरकारी स्रोतों का उपयोग करना शुरू कर देते हैं. टीम स्टेट डिपार्टमेंट से समन्वय भी करती है जिससे निर्वाचित राष्ट्रपति विदेशी नेताओं से बातचीत कर सकें. निर्वाचित राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को एक बार व्हाइट हाउस का भ्रमण भी कराया जाता है जिससे वे व्हाइट हाउस की साज सज्जा को लेकर निर्देश दे सकें.

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जो बाइडन (Joe Biden) 20 जनवरी को व्हाइट हाउस (White house) में प्रवेश करेंगे. . (तस्वीर: Pixabay)

हस्तांतरण  में देरी क्यों
यह पूरी प्रक्रिया जीएसए के पत्र से शुरू होती है जो अगले राष्ट्रपति की पहचान करने से होती है. इस साल जीएसए ने 23 नवंबर से पहले बाइडन को विजेता के तौर पर पहचानने से इनकार कर दिया था. चुनाव के तीन सप्ताह बाद ही यह औपचारिकता पूरी हुई. इस वजह से फंड्स और अन्य स्रोत जारी नहीं किए जा सके. इस मामले में कानून स्पष्ट नहीं है और ना ही कोई निश्चित तारीख.

हस्तांतरण प्रक्रिया का पूरा खर्चा सरकारी पैसे और निजी फंड्स से पूरा किया जाता है. एक बार निर्वाचित राष्ट्रपति तय हो जाए तो फेडरल फंडिंग से 70 लाख डॉलर जारी किए जाते हैं. इसके अलावा निर्वाचित राष्ट्रपति की खुद की फंड रेजिंग से बचे हुए खर्चे पूरे होते हैं.

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