Explainer: बर्थराइट नागरिकता कानून पर क्यों ट्रंप को लगा झटका, कोर्ट ने लगाई रोक

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Last Updated:January 24, 2025, 18:30 IST

सिएटल में संघीय न्यायाधीश ने ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता खत्म करने वाले आदेश पर अस्थायी रोक लगाई, इसे “असंवैधानिक” बताया गया. 22 राज्यों ने आदेश को चुनौती दी, विशेषज्ञों ने भी इसे अवैध माना.

हाइलाइट्स

  • अदालत ने आदेश को “असंवैधानिक” बताया
  • ट्रंप के लिए इस आदेश को लागू कराना मुश्किल होगा
  • इसे लागू करने के लिए उन्हें संसद के रास्ते से ही जाना होगा

सिएटल में एक संघीय न्यायाधीश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जन्मसिद्ध नागरिकता की संवैधानिक गारंटी को खत्म करने संबंधी एग्जीक्यूटिव आर्डर पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है यानि ट्रंप का ये कानून फिलहाल अमेरिका में लागू नहीं हो पाएगा. अदालत की नजर में ये “स्पष्ट रूप से असंवैधानिक” है. कानून विशेषज्ञ भी यही कह रहे हैं. इसे लेकर अमेरिका में बड़ी बहस छिड़ गई है. इसे अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप के लिए पहला झटका माना जा रहा है कि वो मनमाने तरीके से कानूनों के साथ नहीं खेल सकते.

ट्रम्प के कई कार्यकारी आदेशों की स्याही सूखने से पहले ही न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, कनेक्टिकट, हवाई और कैलिफोर्निया सहित 22 अमेरिकी राज्य एक साथ ट्रंप के आदेशों को चुनौती देने के लिए मुकदमों की बौछार कर चुके हैं. सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन डीसी शहरों ने भी मैसाचुसेट्स के संघीय जिला न्यायालय में शिकायत दर्ज कराने में राज्यों का साथ दिया.

संयुक्त राज्य अमेरिका संविधान का 14वां संशोधन अमेरिकी धरती पर जन्मे किसी भी व्यक्ति को खुद नागरिकता प्रदान करता है. न्यू जर्सी के अटॉर्नी जनरल मैथ्यू प्लैटकिन ने कहा, “150 से अधिक वर्षों से हमारा देश एक ही मूल नियम का पालन करता आ रहा है: इस देश में जन्म लेने वाले बच्चे अमेरिकी नागरिक हैं.”

सवाल – आमतौर पर ट्रंप के बर्थराइट सिटीजेनशिप राइट को खत्म करने के आदेश को क्या कहा जा रहा है?
– आमतौर पर इस आदेश को “असंवैधानिक” और “अमेरिकी मूल्यों पर प्रहार करने वाला बताया जा रहा है. अब तक अमेरिका में जन्मे किसी भी व्यक्ति को खुद वहां की नागरिकता मिल जाती थी, चाहे उसके माता-पिता की आव्रजन स्थिति कुछ भी हो.

सवाल – अगर इस आदेश पर स्टे नहीं लगता तो ये कब से लागू हो गया होता?
– इस आदेश के 20 जनवरी से प्रभावी होने की बात कही गई थी. इसके एक महीने बाद अमेरिका में जो भी बच्चा पैदा होगा, उसके माता पिता अगर अमेरिकी नागरिक नहीं हैं तो उन्हें अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी. इस आदेश के तहत, संघीय एजेंसियां ​​- अगले महीने से – बिना दस्तावेज वाली माताओं या अस्थायी वीजा पर देश में रहने वाली माताओं (जैसे पर्यटक या विदेशी छात्र) के बच्चों को नागरिकता दस्तावेज जारी करना बंद कर देंगी यदि पिता अमेरिकी नागरिक या स्थायी निवासी नहीं है.

फिलहाल अदालत ने इस पर अस्थायी रोक लगा दी है, लिहाजा डोनाल्ड ट्रंप का इससे संबंधी एग्जीक्यूटिव आर्डर प्रभावी नहीं हो पाएगा. ये अदालत पर निर्भर करता है कि वो इस पर क्या फैसला देती है अन्यथा इसे कानून की शक्ल देने के लिए ट्रंप को संसद का रुख करना होगा, जहां दोनों सदनों से पास होने के बाद संवैधानिक तौर पर इस कानून में संशोधन होगा, तभी ये लागू हो पाएगा.

सवाल – क्या अदालत के इस स्टे ने जाहिर कर दिया है कि प्रेसीडेंट की शक्तियां असीमित नहीं हैं?
– बिल्कुल ऐसा ही है. अदालत ने भी संवैधानिक हवाला देते हुए ये बात की है कि उनकी शक्तियां सीमित हैं. केवल अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ही यह निर्धारित कर सकता है कि ये कैसे लागू होती हैं.

सवाल – वैसे कानून विशेषज्ञों का क्या कहना है कि क्या अदालत ट्रंप के कार्यकारी आदेश को पूरी तरह रोक सकती है या नहीं?
– एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप के आदेश को चुनौती देने वालों को अदालतों में सफलता मिलने की पूरी संभावना है. क्योंकि ट्रंप के आदेश का कोई कानूनी आधार नहीं है. कानूनी विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि लम्बी अदालती लड़ाई के बाद ये मामला आखिरकार अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचेगा. ट्रम्प को कानूनी चुनौतियों से जूझना होगा, मुकदमों की झड़ी से निपटना होगा तथा उन लोगों की ओर से व्यापक जनाक्रोश का सामना करना होगा, जो इस बात से चिंतित हैं कि संवैधानिक अधिकारों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा. अधिकांश कानूनी विद्वान इस बात पर सहमत हैं कि राष्ट्रपति ट्रम्प कार्यकारी आदेश के जरिये जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त नहीं कर सकते

सवाल – जन्मसिद्ध नागरिकता कानून पर अमेरिकी संविधान की क्या स्थिति है?
– जन्मसिद्ध नागरिकता को 1868 से ही अमेरिकी संविधान के तहत रखा गया है. इसी वजह से अमेरिका में बहुत पहले आए अफ्रीकी-अमेरिकियों को नागरिकता का अधिकार मिल सका. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जन्मसिद्ध नागरिकता के मुद्दे पर आखिरी बार 1898 में विचार किया था, जब उसने चीनी अप्रवासियों के अमेरिका में जन्मे बच्चे के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसे नागरिकता से वंचित किए जाने के बाद चुनौती मिली थी.

सवाल – ये चुनौती किस चीनी बच्चे से जुड़ी हुई थी, क्या था मामला?
– वोंग 24 वर्षीय चीनी अप्रवासी का बच्चा था, जो अमेरिका में पैदा हुआ था, लेकिन जब वह चीन की यात्रा से लौटा तो उसे अमेरिका में फिर से प्रवेश से वंचित कर दिया गया. वोंग ने सफलतापूर्वक तर्क दिया कि चूंकि वह अमेरिका में पैदा हुआ था, इसलिए उसके माता-पिता की आव्रजन स्थिति 14वें संशोधन के आवेदन को प्रभावित नहीं करती.
वोंग किम आर्क बनाम यूनाइटेड स्टेट्स मामले में इस बात की पुष्टि की गई कि नस्ल या माता-पिता की आव्रजन स्थिति की परवाह किए बिना, यूनाइटेड स्टेट्स में जन्मे सभी व्यक्ति नागरिकता द्वारा प्रदान किए जाने वाले सभी अधिकारों के हकदार हैं.

सवाल – अमेरिका में ‘जन्मसिद्ध नागरिकता’ संविधान के अनुसार क्या है?
– अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का पहला वाक्य “जन्मसिद्ध नागरिकता” के सिद्धांत को स्थापित करता है:
“संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे या वहां नागरिक बने सभी व्यक्ति, तथा उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और उस राज्य के नागरिक हैं, जहां वे निवास करते हैं.”

सवाल – अगर अदालत ने ट्रंप के इस आदेश को खारिज कर दिया तो संसद में ये कैसे पास होगा?
– जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने के ट्रंप के प्रयासों को संविधान में सफलतापूर्वक परिवर्तन करने के लिए अमेरिकी सदन और सीनेट दोनों में दो-तिहाई मत की आवश्यकता होगी.

सवाल- क्या अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार का दुरुपयोग होता रहा है?
– ये कहा जा सकता है कि अमेरिका में इस कानून को लेकर असंतोष भी बहुत है. इसे ट्रंप ने अपने चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाया था. ट्रंप के समर्थकों का तर्क है कि जन्मसिद्ध नागरिकता अवैध आव्रजन को बढ़ावा देता है. गर्भवती महिलाओं को तथाकथित “एंकर बेबी” पैदा करने के लिए अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है. गर्भवती महिलाएं जन्मसिद्ध नागरिकता का दुरुपयोग करती हैं.

सवाल – क्या इसके कोई आंकड़े भी हैं?
– प्यू रिसर्च सेंटर के हालिया आंकड़ों के अनुसार , 2022 में अमेरिका में जन्मे और 18 वर्ष से कम आयु के लगभग 4.4 मिलियन बच्चे अवैध अप्रवासी माता-पिता के साथ रह रहे थे. अमेरिका में जन्मे वयस्कों में अनुमानित तौर पर 1.4 मिलियन के माता-पिता अवैध हैं.

सवाल – किन देशों में जन्मसिद्ध नागरिकता है?
– 30 से अधिक देश लगभग सभी मामलों में बिना किसी प्रतिबंध के स्वचालित “जस सोली” या “मिट्टी के अधिकार” का प्रयोग करते हैं. ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों ने अपने इस कानून में संशोधन किया है, जिसके तहत यदि माता-पिता में कोई एक नागरिक या स्थायी निवासी है तो नागरिकता खुद मिल जाएगी लेकिन मां-बाप दोनों विदेशी हैं या अवैध तौर पर देश में आए हैं तो जन्मसिद्ध नागरिकता नहीं मिलेगी.

सवाल – भारत में नागरिकता संबंधी इस कानून की क्या स्थिति है?
– भारत में पहले तो जन्मसिद्ध नागरिकता कानून था लेकिन 1987 में इसे बदल दिया गया. इसके अनुसार अगर मां या बाप में कोई भारतीय हो तो बच्चे को भारत की नागरिकता मिलेगी अन्यथा नहीं. अगर मां बाप दोनों विदेशी हैं या फिर अवैध आप्रवासी हैं तो बेशक बच्चा भारत की धरती पर पैदा हो लेकिन उसको नागरिकता नहीं मिलेगी.

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