अमेरिका-रूस की मीटिंग में नहीं बुलाने से यूरोप नाराज, ट्रंप को जवाब देने की तैयारी, सऊदी में होगी शांति की डील?

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Agency:भाषा

Last Updated:February 17, 2025, 15:13 IST

यूक्रेन के भविष्य के लिए यह हफ्ता बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमेरिका और रूस सऊदी अरब में युद्ध समाप्त करने के लिए वार्ता शुरू करने जा रहे हैं, लेकिन इसमें यूरोपीय देश और यूक्रेन शामिल नहीं हैं. फ्रांस और यूरोप…और पढ़ें

रूस और यूक्रेन युद्ध को खत्म करने से जुड़ी मीटिंग सऊदी में होगी.

हाइलाइट्स

  • अमेरिका-रूस वार्ता में यूरोप और यूक्रेन शामिल नहीं
  • फ्रांस ने यूरोपीय नेताओं की आपात बैठक बुलाई
  • यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की UAE पहुंचे

दुबई/कीव: यूक्रेन के भविष्य के लिए यह सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण है. अमेरिका और रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए सऊदी अरब में वार्ता शुरू करने जा रहे हैं, लेकिन इसमें यूक्रेन और यूरोपीय देश शामिल नहीं हैं. ऐसी स्थिति में, सभी की नजरें इन देशों पर टिकी हैं कि वे इस तेजी से आगे बढ़ रही वार्ता पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे, जिसमें उनकी भागीदारी नहीं है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूरोपीय नेताओं की एक आपातकालीन बैठक बुलाई है, जो सोमवार (17 फरवरी) को पेरिस में होगी. इस बैठक का उद्देश्य डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से यूरोपीय भागीदारी के बिना रूस के साथ वार्ता शुरू करने के प्रति एक समन्वित प्रतिक्रिया तैयार करना है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यूरोप एक साथ अमेरिका और रूस का सामना कर सकता है? यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका और रूस के बीच वार्ता शुरू होना ही यूरोप की टेंशन बढ़ाने वाला है. यूरोपीय देशों के लिए यह चिंता की बात इसलिए है, क्योंकि युद्ध उनके पड़ोस में चल रहा है, फिर भी उनकी भागीदारी नहीं है. यूके के प्रधानमंत्री सिर कीर स्टार्मर, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और EU संस्थाओं तथा नाटो के प्रमुख सोमवार को पेरिस में मिलेंगे.

यूएई पहुंचे जेलेंस्की

यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति वार्ता की लगातार उठ रही मांग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की रविवार देर रात को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंचे. वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो सऊदी अरब के दौरे पर अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जो आगामी दिनों में रूसी अधिकारियों के साथ सीधी बातचीत करेगा. अमेरिका के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि रुबियो की इस यात्रा का उद्देश्य यूक्रेन पर रूस के लगभग तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त कराना है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि वह सऊदी अरब में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि रियाद में होने वाली वार्ता में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के भी भाग लेने की उम्मीद है. रुबियो की यह यात्रा पिछले हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद हो रही है. पुतिन के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि वे ‘अपनी-अपनी टीम द्वारा तुरंत बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं’.

युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार UAE पहुंचे जेलेंस्की

ट्रंप की पुतिन के साथ यह बातचीत 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस को अलग थलग करने की अमेरिका की नीति के उलट थी. हालांकि, ट्रंप ने जेलेंस्की से भी अलग से बात की. जेलेंस्की ने कहा था कि वह यूक्रेन के बारे में किसी भी ऐसी बातचीत को स्वीकार नहीं करेंगे जिसमें उनका देश शामिल नहीं हो. यूरोप के देशों की सरकारों ने भी इसमें भूमिका की मांग की है.

‘फॉक्स न्यूज चैनल’ के ‘संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स’ कार्यक्रम में विटकॉफ ने कहा कि वह और वाल्ट्ज ‘राष्ट्रपति के निर्देश पर बैठकें करेंगे’ और उन्हें ‘रूस-यूक्रेन के संबंध में कुछ अच्छी प्रगति’ की उम्मीद है. इस बीच, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के बाद जेलेंस्की अबू धाबी पहुंचे. उनके कार्यालय की ओर से जारी फुटेज में रविवार देर रात को हवाई अड्डे पर उन्हें और उनकी पत्नी ओलेना का अमीरात के अधिकारी स्वागत करते दिख रहे हैं. युद्ध शुरू होने के बाद जेलेंस्की की यह यूएई की पहली यात्रा है.

यूक्रेन के प्रवासी पहुंचे यूएई

जेलेंस्की के कार्यालय ने ऑनलाइन संदेश में कहा, ‘हमारी शीर्ष प्राथमिकता हमारे अधिक से अधिक लोगों को कैद से मुक्त कराकर स्वदेश वापस लाना है.’ राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, ‘हम निवेश और आर्थिक साझेदारी के साथ-साथ बड़े पैमाने पर मानवीय कार्यक्रम पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे.’ हालांकि, संयुक्त अरब अमीरात की सरकारी समाचार एजेंसी ‘डब्ल्यूएएम’ ने जेलेंस्की के आगमन की तत्काल खबर नहीं दी.

संयुक्त अरब अमीरात को लंबे समय से शांति वार्ता के लिए संभावित स्थल के रूप में देखा जाता रहा है, क्योंकि युद्ध शुरू होने के बाद से ही यहां बड़ी संख्या में रूस और यूक्रेन के प्रवासी आ पहुंचे हैं और अमीरात को पूर्व में मध्यस्थता का अनुभव भी है. यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री और प्रथम उप प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेन्कोहैं ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जेलेंस्की की यूएई की संभावित यात्रा और पहले से घोषित अमेरिका-रूस वार्ता के बीच कोई संबंध है या नहीं. ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल का ध्यान आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर है क्योंकि यूक्रेन ‘क्षेत्र के देशों के साथ महत्वपूर्ण आर्थिक समझौतों पर हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रहा है’.

उन्होंने जेलेंस्की की यूएई की यात्रा और वहां वह किससे मुलाकात करेंगे, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. जेलेंस्की के शीर्ष सलाहकार एंड्री यरमक ने रविवार को ‘टेलीग्राम’ पर पोस्ट कर कहा था कि निकट भविष्य में यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधियों की सीधे मुलाकात की कोई संभावना नहीं है.

एजेंसी इनपुट के साथ.

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अमेरिका-रूस की मीटिंग में नहीं बुलाने से यूरोप नाराज, ट्रंप को देंगे जवाब

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