Harvard University: डोनाल्ड ट्रंप के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी वाले फैसले से भारत के कितने स्टूडेंट्स का भविष्य अंधेरे में?

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Last Updated:May 23, 2025, 08:20 IST

Harvard University, Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया की सबसे मशहूर यूनिवर्सिटीज में से एक, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. अब डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने एक नया फैसला सुन…और पढ़ें

Harvard University: ट्रंप सरकार के नए फैसले से भारतीय स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ेगा

हाइलाइट्स

  • हार्वर्ड में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक.
  • भारतीय छात्रों पर ट्रंप के फैसले का असर.
  • फैसला 2025-26 से लागू होगा.

नई दिल्ली (Harvard University, Donald Trump). हार्वर्ड यूनिवर्सिटी दुनियाभर के स्टूडेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय है. QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में इसे चौथे नंबर पर रखा गया है. लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच चल रहे तनाव के कारण अब स्टूडेंट्स यहां एडमिशन नहीं ले पाएंगे. दरअसल, ट्रंप सरकार ने विदेशी स्टूडेंट्स के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन पर रोक लगवा दी है.

भारत समेत कई देशों के स्टूडेंट्स हर साल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आवेदन करते हैं. आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को एक पत्र भेजा है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने उसी के हवाले से यह जानकारी दी है. नोएम ने पत्र में लिखा- मैं आपको सूचित करना चाहती हूं हार्वर्ड विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स और शैक्षणिक आदान-प्रदान के एडमिशन कार्यक्रम का सर्टिफिकेशन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है.

भारतीय स्टूडेंट्स पर गिरेगी गाज

ट्रंप सरकार के इस फैसले का असर उन तमाम भारतीयों पर पड़ेगा, जो वहां पढ़ाई कर रहे हैं या इस सत्र में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाले थे. हार्वर्ड के ऑफिशियल रिकॉर्ड के मुताबिक, हर साल 500 से 800 भारतीय स्टूडेंट्स यहां एडमिशन लेते हैं. दुनियाभर से करीब 6800 छात्र यहां पढ़ाई करते हैं. इस साल 788 भारतीय स्टूडेंट्स ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था. डोनाल्ड ट्रंप सरकारी के इस फैसले के बाद से इन स्टूडेंट्स की परेशानी बढ़ने वाली है.

ट्रंप सरकार ने दिए 2 विकल्प

विदेशी स्टूडेंट्स पर डोनाल्ड ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच चल रहे तनाव का गहरा असर पड़ने वाला है. इस फैसले के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे विदेशी स्टूडेंट्स को स्पष्ट तौर पर 2 ऑप्शन दिए गए हैं. उनसे कहा गया है कि वे चाहें तो किसी अन्य संस्थान में एडमिशन लेकर पढ़ाई पूरी कर लें या फिर अमेरिका में अपना लीगल स्टेटस गंवा दें. भारतीय स्टूडेंट्स के पास अमेरिका के ही दूसरे संस्थान में एडमिशन का विकल्प रहेगा. हालांकि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ेगा.

विदेशी स्टूडेंट्स पर लगा बैन कब से लागू होगा?

इस तनाव के बीच हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मौजूदा सेमेस्टर पूरा कर चुके स्टूडेंट्स के लिए एक राहत भरी खबर भी है. अमेरिकी के आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड यूनिवर्स्टी को भेजे गए अपने पत्र में लिखा है कि मौजूदा सत्र वाले स्टूडेंट्स हार्वर्ड से ग्रेजुएशन पूरा कर सकेंगे. उन्होंने लिखा है कि ट्रंप सरकार ने जो बदलाव किया है, वह 2025-26 के एकेडमिक ईयर से लागू होगा. इसका मतलब है कि मौजूदा स्टूडेंट्स को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है.

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ट्रंप के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी वाले फैसले से भारतीय छात्रों पर क्या असर पड़ेगा?

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