Earthquake: फिजी द्वीपों के दक्षिण में आज यानि सोमवार (14 अप्रैल, 2025) को सुबह 6.3 रिक्टर पैमाने की तीव्रता के भूंकप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर जमीन की गहराई में था.
इस भूकंप के कारण आस-पास के क्षेत्रों में भी हलचल महसूस की गई, लेकिन अब तक किसी प्रकार के बड़े नुकसान या क्षति की सूचना नहीं मिली है. भूकंप का केंद्र समुद्र में होने के कारण सुनामी का खतरा नहीं था, लेकिन ये क्षेत्र सक्रिय भूकंपीय गतिविधियों का हिस्सा है.
फिजी सरकार की हालात पर नजर
विशेषज्ञों के मुताबिक इस क्षेत्र में भूकंप का आना सामान्य है क्योंकि यह पैसिफिक रिंग ऑफ फायर के अंतर्गत आता है. फिजी सरकार और अन्य लोकल एजेंसियां मिलकर हालात की निगरानी कर रही हैं और लोगों को सतर्क रहने के लिए चेतावनी दी गई है. हालांकि अभी तक इस घटना से कोई बड़ा खतरा होने की जानकारी नहीं मिली है.
रविवार को भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान में आया था भूकंप
बता दें कि बीते रोज रविवार को सुबह एक घंटे के भीतर भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान के कई हिस्सों में 4 भूकंप आए. हिमाचल के मंडी में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की गहराई धरती से 5 किलोमीटर पर थी. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई. भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत फैल गई और लोग घबराकर घरों से बाहर निकल गए. इससे पहले म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप ने सबको हिलाकर रख दिया था.
भूकंप आने का कारण
टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच जब हलचल या टकराव होता है तो भूकंप आता है क्योंकि ये प्लेट्स तैरती रहती हैं और उनकी गति के कारण तनाव पैदा होता है और फिर जब ये तनाव अचानक ही रिलीज होता है, तो ऊर्जा तरंगों के रूप में निकलती है, जिस कारण भूकंप आता है.
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