Tariff Threat: जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के साथ ही दुनिया को व्यापारिक शुल्क युद्ध की एक और लहर का सामना करना पड़ सकता है. अमेरिका के राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि यदि BRICS देशों ने अमेरिकी डॉलर को नकारा या अन्य किसी मुद्रा को अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के लिए इस्तेमाल करना शुरू किया तो इन देशों पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा. इन देशों में भारत, रूस, ब्राजील, चीन, दक्षिण अफ्रीका और अन्य शामिल हैं. जानकारी के अनुसार ट्रंप की ये टिप्पणी अक्टूबर में BRICS की बैठक के बाद आई जिसमें डॉलर से इतर लेन-देन को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई थी.
डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऑनलाइन पोस्ट में कहा कि वह BRICS देशों को अमेरिकी डॉलर से हटते हुए नहीं देख सकते. उन्होंने कहा “BRICS देशों का डॉलर से हटने का प्रयास अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमें इन देशों से ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वे कोई नया BRICS मुद्रा नहीं बनाएंगे और न ही किसी अन्य मुद्रा को अमेरिकी डॉलर की जगह लेने देंगे. नहीं तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में व्यापार करने की संभावना समाप्त हो जाएगी.”
BRICS देशों का डॉलर से दूर जाने का प्रस्ताव और ट्रंप की चेतावनी
BRICS देशों ने अक्टूबर में रूस के कजान में आयोजित शिखर सम्मेलन में गैर-डॉलर लेन-देन को बढ़ावा देने और स्थानीय मुद्राओं को मजबूत करने पर विचार किया था. इस बैठक में एक संयुक्त घोषणा भी की गई जिसमें BRICS देशों के बीच बैंकिंग नेटवर्क को मजबूत करने और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार के लिए कदम उठाने की बात की गई. हालांकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सम्मेलन के अंत में ये साफ किया कि फिलहाल SWIFT वित्तीय प्रणाली के मुकाबले कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई गई है.
भारत और अन्य BRICS देशों की डॉलर से दूर जाने की नीति पर विरोध
भारत भी डॉलर से दूर जाने के पक्ष में नहीं है. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अक्टूबर में कहा था कि ये भारत की आर्थिक नीति या रणनीतिक नीतियों का हिस्सा नहीं है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि यदि व्यापारिक साझेदार डॉलर नहीं स्वीकारते या व्यापार नीतियों के कारण समस्याएं पैदा होती हैं तो वैकल्पिक उपायों पर विचार किया जाता है.
भारत पर शुल्क की बढ़ी चिंता
भारत के व्यापारिक शुल्क प्रणाली ने पहले भी ट्रंप को परेशान किया है और ब्राजील और चीन भी उनके निशाने पर रहे हैं. ट्रंप के 2025 के लिए प्रस्तावित टैरिफ योजना में “पारस्परिकता” का अहम स्थान है जिसका उद्देश्य संरक्षणवादी नीतियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है. चुनाव से एक महीने पहले ट्रंप ने स्पष्ट किया था कि ये “पारस्परिकता” उनके योजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जिससे अमेरिका को “ज्यादा समृद्ध” बनाने का लक्ष्य है.
ट्रंप की भारत के लिए टिप्पणी
ट्रंप ने भारत के बारे में कहा था “भारत सबसे बड़ा शुल्क लगाने वाला देश है” हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत-अमेरिका संबंधों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि भारत चीन से भी ज्यादा शुल्क वसूलता है, लेकिन इसे मुस्कान के साथ किया जाता है और भारत से माल खरीदने पर वे आभार व्यक्त करते हैं. इस पूरे मामले में ट्रंप का स्पष्ट संदेश है कि अगर BRICS देशों ने डॉलर से दूरी बनाने का प्रयास किया तो उन्हें इसके गंभीर परिणामों का सामना करना होगा साथ ही अमेरिकी बिजनेस को नुकसान पहुंचाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig
English News