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Donald Trump On Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग पर अमेरिका अब भारत के सुर में सुर मिला रहा है. अब डोनाल्ड ट्रंप ने शांति और बातचीत का रास्ता अपनाया है, जो पीएम मोदी की नीति से मेल खाता है. ट्रंप ने जेलेंस्की को ता…और पढ़ें
यूक्रेन जंग पर अब अमेरिका वही कर रहा है, जो पहले से ही भारत कह रहा था.
हाइलाइट्स
- डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन जंग में शांति और बातचीत का रास्ता अपनाया.
- ट्रंप ने जेलेंस्की को तानाशाह कहा और पुतिन से बातचीत की वकालत की.
- अमेरिका की नीति में बदलाव, अब भारत की राह पर चला.
Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग को 3 साल हो गए. अब भी युद्ध बरकरार है. शांति राह भी तलाशी जा रही है. अब युद्ध समाप्ति की कमान डोनाल्ड ट्रंप ने अपने हाथों में ले ली है. यूक्रेन जंग के मामले में अमेरिका अब उसी राह पर निकले हैं, जिस राह पर सालों से भारत चल रहा है. वह है शांति और बातचीत. डोनाल्ड ट्रंप कभी पुतिन को पानी पी-पीकर कोसते थे. जेलेंस्की पर प्यार बरसाते थे. अब उन्होंने अपनी राह बदल ली है. वह अब समझ चुके हैं कि रूस-यूक्रेन जंग किसी को भड़काने से नहीं खत्म होगी. बातचीत से ही जंग खत्म होगी. यूं कहें कि डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह से पीएम मोदी को कॉपी करने लगे हैं.
दरअसल, रूस-यूक्रेन जंग पर अमेरिका का रूख अलग रहा है. वह रूस को कसूरवार मानता रहा है. यूक्रेन को पैसे और हथियार देता रहा है. कुल मिलाकर कहें तो अब तक अमेरिका आग में घी ही डाल रहा था. मगर अब ट्रंप के कार्यकाल में चीजें बदलती दिख रही हैं. यूक्रेन पर अमेरिका का रूख अब पलट गया है. सालों से चले आ रहे अमेरिकी रूख को पलटते हुए ट्रंप ने अब रूस के सुर में सुर मिलाया है. दूसरे शब्दों में कहें तो वह भारत के प्रधानमंत्री पीएम मोदी की बात को ही अपने अंदाज में बोल रहे हैं.
मोदी को कॉपी कर रहे ट्रंप
जब रूस-यूक्रेन में जंग शुरू हुई तो रूस के आक्रमण का विरोध करने के लिए अमेरिका ने जेलेंस्की की खूब तारीफ की. जेलेंस्की के यूक्रेन को हथियार से लेकर पैसे से खूब मदद की. मगर अब ट्रंप राज में अमेरिका का स्टैंड बदलता दिख रहा है. अब तो डोनाल्ड ट्रंप जेलेंस्की को ही युद्ध का कसूरवार मानने लगे हैं. उन्होंने तो जेलेंस्की को एक तानाशाह तक कह दिया. ट्रंप का कहना है कि यूक्रेन को युद्ध समाप्ति के लिए जल्द कदम उठाने चाहिए, वरना यूक्रेन बचेगा नहीं. इतना ही नहीं, ट्रंप ने शुक्रवार को भी कहा कि युद्ध खत्म करने के लिए पुतिन और जेलेंस्की को एक साथ बातचीत के लिए आना ही होगा.

पीएम मोदी जब अमेरिका गए थे, तब ट्रंप ने उनका स्वाग गर्मजोशी से किया था.
अमेरिका की नीति में क्यों बदलाव
अमेरिका की इस विदेश नीति में यूं ही बदलाव नहीं आया है. यह भारत की देखा-देखी है. भारत शुरू से रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत का ही हिमायती रहा है. रूस पर अब जो डोनाल्ड ट्रंप की पॉलिसी है, वह सालों से पीएम मोदी की पॉलिसी रही है. अमेरिका पहले कहता था कि भारत को रूस के खिलाफ यूएन में वोट करना चाहिए. इंटरनेशनल मंचों पर रूस की आलोचना करनी चाहिए. विरोध करना चाहिए. मगर भारत ने कभी भी एकतरफा कोशिशों को कामयाब नहीं होने दिया. भारत ने शुरू से कहा कि वह ऐसा नहीं करेगा. आज डोनाल्ड ट्रंप भी वही कर रहे हैं. वह भी चाहकर भी रूस का विरोध नहीं कर पा रहे हैं. तुर्रा यह कि वह पुतिन से बात करना चाहते हैं. मिलना चाहते हैं. जल्द से जल्द यूक्रेन युद्ध खत्म कराना चाहते हैं.

यूक्रेन जंग पर अब पीएम मोदी वाली बात कर रहे डोनाल्ड ट्रंप
भारत वाली बात दोहरा रहे ट्रंप
यह बात छिपी नहीं है कि अमेरिका ने भारत पर कम दबाव नहीं डाले थे. मगर भारत शुरू से अपने दोस्त के साथ खड़ा रहा. हालांकि, भारत ने समय-समय पर रूस को भी सुनाया. कहा कि युद्ध से कोई हल नहीं निकलने वाला. शांति के लिए बातचीत करनी ही होगी. जेलेंस्की के यूक्रेन के लिए भी पीएम मोदी का यही संदेश था. अब वही तरकीब डोनाल्ड ट्रंप अपना रहे हैं. पीएम मोदी की बात दोहराते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि पुतिन और जेलेंस्की को युद्ध रोकने के लिए साथ आना होगा. भारत भी सालों से यही बात दोहराता आ रहा है कि जंग खत्म करने के लिए बातचीत करना होगा. एक टेबल पर दोनों को बैठना होगा. बहरहाल, इससे पहले अमेरिका और रूस ने सऊदी में युद्ध खत्म करने के लिए बातचीत भी की.
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February 22, 2025, 14:41 IST
भारत की ही राह पर चला अमेरिका, जानिए कैसे PM मोदी को कॉपी कर रहे डोनाल्ड ट्रंप
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