Myanmar News: रखाइन राज्य में म्यांमार के विद्रोही गुट अराकान आर्मी (AA) और जुंटा शासन के बीच लड़ाई तेज हो गई है. ये संघर्ष रखाइन के क्यौकफ्यू टाउनशिप में AA लड़ाकों के जुंटा की सैन्य चौकियों पर हमले करने के बाद शुरू हुआ है. इस क्षेत्र में चीन के कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इस लड़ाई का असर इन प्रोजेक्ट्स पर हो सकता है.
जुंटा सेना ने इस नुकसान से बचने के लिए अराकान आर्मी के गढ़ों पर हमले तेज कर दिए हैं. जुंटा सेना ने गुरुवार (6 मार्च) को क्यौकफ्यू आर्थिक क्षेत्र के पास बमबारी की है. इसमें 200 से ज्यादा घर जलकर राख हो गए हैं.
आखिरी चौकियों को बचाने की कोशिश में जुंटा शासन
रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, अराकान आर्मी (AA) रखाइन राज्य में जुंटा के आखिरी गढ़ों पर कब्जा करने के बेहद करीब है. इस वजह से किसी भी हालात में अपनी चौकियों को बचाने की कोशिश में लगी हुई है. इसी वजह से जुंटा सेना ने क्यौकफ्यू आर्थिक क्षेत्र के पास के यू गिन गांव में हवाई हमले किए. एक स्थानीय निवासी ने कहा कि इस हमले की वजह से पूरा गांव जलकर रख हो गया है. हालांकि इस हमले से पहले ही गांव के लोग घर छोड़कर भाग गए थे.
जानें क्यों उड़ी चीन की नींद?
क्यौकफ्यू क्षेत्र चीन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां चीन की कई बड़ी ऊर्जा परियोजनाएं संचालित हो रही हैं और एक गहरे समुद्र के बंदरगाह के निर्माण की योजना भी बनाई जा रही है. यह बंदरगाह चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) का एक अहम हिस्सा है. यदि अराकान आर्मी (AA) का क्यौकफ्यू पर पूर्ण कब्जा हो जाता है, तो यह म्यांमार की सैन्य सरकार (जुंटा) के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा.
चीन के लिए क्यौकफ्यू का महत्व इस बात से भी जुड़ा है कि यहीं से तेल और गैस की पाइपलाइनें चीन के दक्षिणी युन्नान प्रांत तक जाती हैं. यदि दक्षिण चीन सागर के माध्यम से होने वाली ऊर्जा आपूर्ति में कोई रुकावट आती है तो ये पाइपलाइनें चीन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं. ऐसे में चीन को अपने आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए AA के साथ भी बातचीत करने की आवश्यकता पड़ सकती है.
चीन के लिए कम नहीं हैं मुश्किलें
हाल ही में क्यौकफ्यू टाउनशिप में AA ने म्यांमार नौसेना बेस और जुंटा की सैन्य चौकियों पर बड़े हमले किए हैं. AA ने दान्यावड्डी नौसेना बेस की रक्षा करने वाली कम से कम तीन सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया है. हालांकि जुंटा के सैनिक अब भी मुख्यालय की सुरक्षा में डटे हुए हैं.
यह संघर्ष ऐसे समय पर हो रहा है जब म्यांमार की सैन्य सरकार ने एक नया कानून पारित किया है, जिससे चीनी सुरक्षा कंपनियों को म्यांमार में काम करने की अनुमति मिल गई है. इस कानून के तहत चीनी निजी सुरक्षा संगठनों को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजनाओं और अन्य चीनी हितों की रक्षा के लिए म्यांमार में तैनाती का अधिकार मिल गया है. ऐसे में म्यांमार में बढ़ते संघर्ष और क्यौकफ्यू क्षेत्र पर AA के प्रभाव से चीन के लिए स्थिति और अधिक जटिल हो सकती है.
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