Iran-Israel Conflict: ईरान के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि ईरान इजरायल के संभावित हमले का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है और चेतावनी दी कि ऐसा कदम बड़े संघर्ष को जन्म दे सकता है. विदेश मंत्री अब्बास अराघची का यह बयान उस समय आया है जब ईरान के परमाणु हथियार बनाने की संभावना को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. साथ ही, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की तैयारियों के बीच यह बयान सामने आया, जिन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में ईरान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था.
यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि इजरायल ईरान पर हमला कर सकता है, क्योंकि यमन के हूती विद्रोही लगातार इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दाग रहे हैं. इन विद्रोहियों को ईरान से हथियार और अन्य मदद मिल रही है. अराघची के बयान से यह भी संकेत मिल रहा है कि चीन इजरायल के खिलाफ गाजा के संघर्ष में कूद सकता है, जिससे मध्य पूर्व में नए मोर्चे खुलने की संभावना है.
इजरायल के हमलों का जवाब देने की तैयारी
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने चीन के सरकारी चैनल से बातचीत में कहा कि ईरान इजरायल द्वारा किसी भी संभावित हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा, “इजरायल को ऐसी लापरवाह कार्रवाई से बचना चाहिए, क्योंकि इससे व्यापक युद्ध छिड़ सकता है.” पिछले एक साल में, इजरायल ने ईरान पर दो सीधे हमले किए हैं, जिनका जवाब ईरान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों से दिया था.
चीन का समर्थन और परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा
अराघची ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक के दौरान ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी चर्चा की. इस बैठक में चीन ने ईरान पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की आलोचना की और 2015 में हुए परमाणु समझौते का समर्थन किया. वांग यी ने कहा, “बीजिंग ईरान के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा में पूरी तरह से साथ है.”
अमेरिका-ईरान संबंध और परमाणु मुद्दा
2015 में हुए परमाणु समझौते को अमेरिका के 2018 में बाहर निकलने और प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के बाद गंभीर झटका लगा. इसके बाद, ईरान ने अपने परमाणु संवर्धन को बढ़ाकर सैन्य-स्तर तक पहुंचा दिया. इस मुद्दे पर 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के तहत बातचीत के प्रयास विफल रहे, और अब विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप अपने अगले कार्यकाल में ईरान के प्रति और सख्त रुख अपनाएंगे.
इजरायल-ईरान तनाव और हूती हमले
हाल के दिनों में यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले तेज कर दिए हैं. इन हमलों के जवाब में इजरायल के रक्षा बलों ने कई मिसाइलों को रोका है, लेकिन इससे लाखों इजरायली नागरिकों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख डेविड बर्निया ने सुझाव दिया कि इजरायल को ईरान पर सीधा हमला करना चाहिए, ताकि इस खतरे का स्थायी समाधान निकाला जा सके.
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