चीन आसमानी AI से करेगा हमला? भारत के इन इलाकों पर सबसे ज्यादा खतरा

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India and China: भारत और चीन के हाल में ही संबंध पहले से बेहतर हो रहे हैं. चीन और भारत के कई बड़े अधिकारी आपस में कई मीटिंग कर चुके हैं. इसी बीच चीन लगातार अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट में हुए संघर्ष के दौरान ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है. ऐसे में कई देश अब ड्रोन को खरीद रहे हैं. 

इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन ने लगभग एक मिलियन (10 लाख) ड्रोन्स के ऑर्डर किया है. इनकी डिलीवरी 2026 तक होने की उम्मीद है. चीन की आर्मी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) AI सक्षम इन इन ड्रोन का यूज वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी कर सकती है. इस वजह से भारत के लिए चुनौती खड़ी हो सकती है. 

रक्षा विशेषज्ञों ने कही ये बात

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन द्वारा दस लाख ड्रोन खरीदने का कदम भविष्य के युद्धक्षेत्रों में AI-सक्षम ड्रोन तकनीक के साथ वर्चस्व कायम करने की उसकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है. यह भी कहा जा रहा है कि हथियारों के विकास में बीजिंग-इस्लामाबाद के घनिष्ठ सहयोग को देखते हुए ऐसे ड्रोन पाकिस्तान के लिए भी सुलभ हो सकते हैं. इसके अलावा इससे बांग्लादेश सहित भारत की पूर्वी सीमा पर संभावित खतरा पैदा करता है.

जानें क्या है खासियत

ये AI-सक्षम कामिकेज ड्रोन्स आठ घंटे तक उड़ सकते हैं. इसके अलावा ये मौजूदा भारतीय वायु रक्षा तोपों से बचने में सक्षम हैं. ये भारत के महत्वपूर्ण कमांड सेंटरों पर हमला कर सकता है. इन्हें उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों को मात देने के लिए डिजाइन किया गया है. 

वहीं, भारत ने पहले ही एलएसी पर आधुनिक ड्रोन और लेजर आधारित एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (आईडीडी एंड आईएस) तैनात कर दिए हैं. भारतीय रक्षा बलों के लिए, प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और सैन्य गतिविधियों की सुरक्षा काफी हद तक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों पर निर्भर करती है.

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