India-China Trade: अमेरिका के साथ चल रही टैरिफ वॉर के बीच चीन ने 85 हजार से ज्यादा इंडियंस के लिए वीजा जारी किए हैं. ये वीजा जनवरी से अब तक सिर्फ तीन महीने में जारी किए गए. पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा कि अब शी जिनपिंग का दिमाग 2020 वाला नहीं है, जब उन्होंने भारत को टफ टाइम दिया. अब उनको पता है कि भारत का मार्केट बहुत बड़ा है और टैरिफ बढ़ने से इकोनॉमी पर असर पड़ेगा इसलिए वह डरे हुए हैं और उनका भारत की तरफ रुख बदला है. यही वजह है कि शी जिनपिंग मलेशिया, वियतनाम और कंबोडिया का भी स्टेट विजिट करने जा रहे हैं.
कमर चीमा ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वॉर से पहले ही चीन ने फैसला कर लिया था कि उसको भारत के साथ रिश्ते ठीक करने हैं. अब उन्होंने इंडियंस को वीजा जारी करना शुरू कर दिया, ये ऐसे ही नहीं किया जा रहा. पाक एक्सपर्ट ने कहा कि शी जिनपिंग चीन के खिलाफ भी कोई अलायंस नहीं बनने देना चाहते इसलिए वह इंडिया को खुश करने में लगे हैं.
कमर चीमा ने कहा कि जिनपिंग ने इंडिया को जीत लिया है कि इंडिया एक बड़ी मार्केट है और मैं इंडिया को इंडोपेसिफिक में न जाने दूं और अपने खिलाफ कोई अलायंस न बनने दूं, ये है उनका माइंडसेट. वो कामयाब भी हो गए हैं. उन्होंने कहा कि साल 2020 में जिनपिंग का दिमाग कुछ और था, उन्होंने सोचा कि हमें इंडिया को थोड़ा टफ टाइम देना चाहिए. अब उन्हें समझ आ गया कि हम इतने पेंडोरा बॉक्स नहीं खोल सकते.
2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन हुआ था, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई. कमर चीमा का कहना है कि जिनपिंग जानते थे कि ट्रंप सत्ता में आते ही चीन को लेकर सख्त कदम उठाएंगे इसलिए उन्होंने भारत के साथ रिश्ते सुधारने की शुरुआत ब्रिक्स में ही कर दी थी.
पाक एक्सपर्ट ने कहा, ‘रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन हुआ तो जफियां डल गईं और ड्रैगन एंड एलिफेंट टैंगो बोलना शुरू हो गया. चीनी परेशान हैं इसलिए अब वे मलेशिया, वियतनाम और कंबोडिया का इसी हफ्ते से स्टेट विजिट करने जा रहे हैं. चाइनीज की भी दिक्कत थी और वे किसी को कुछ समझते नहीं थे. कंबोडिया में ये 2016 में गए थे, मलेशिया 2013 में और वियतनाम 2023 में गए थे, अब जब इन पर यूएस प्रेशर आया तो ये विजिट कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि अब अमेरिका के ऊपर भी प्रेशर है और वो ये है कि लैपटॉप, मोबाइल और जितने भी इलेक्ट्रॉनिक सामान थे, उनसे टैरिफ हटा दिया क्योंकि उससे जो महंगाई होनी थी, वो अमेरिकंस अफोर्ड नहीं कर सकते हैं. कमर चीमा ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप कह रहे हैं कि वो इस पर अलग से टैरिफ लगाएंगे क्योंकि सेमी-कंडक्टर और ये सारी इंडस्ट्री अलग है. एपल को 1.5 मिलियन फोन इंडिया से 6 कार्गो जहाजों के अंदर उठाने पड़े ताकि मार्केट को स्टेबल रखा जा सके क्योंकि मार्केट अगर फ्लक्चुएट कर जाती है और रेट बढ़ जाते हैं तो लोग भाग जाएंगे एपल से. लोग दूसरे फोन ले लेंगे.
कमर चीमा ने कहा कि ये है असलियत जो चीन इंडिया के करीब आया है, जो इंडिया की लीडरशिप भी समझती है. अब उनको पता चला है कि ट्रंप जो कह रहे थे कि हमें हर कीमत पर टैरिफ वॉर लड़नी है और जिनपिंग कह रहे थे कि बहुत बड़ी तब्लदीलियां आने वाली हैं, वो ये हैं. उन्होंने कहा कि अब इंडिया का कारोबार चीन के साथ बहुत बढ़ने वाला है, ये जो 120 अरब डॉलर की ट्रेड है, ये पौने डेढ़ से 200 अरब डॉलर तक जाएगी क्योंकि दिल से भारतीय अमेरिका का एटीट्यूड पसंद नहीं करते हैं, लेकिन मजबूर हैं.
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