Hongkong Cancer Vaccine : हांगकांग ने कैंसर की बीमारी को शरीर से खत्म करने वाली CAR-T इजेंक्शन को लेकर एक बड़ा दावा किया है. हांगकांग के वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले साल 2024 के अक्टूबर महीने में जिन 5 कैंसर के मरीजों का इलाज CAR-T इजेक्शन के किया गया, उन सभी मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार देखा गया है और वह धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं.
वैज्ञानिकों ने उन सभी मरीजों के रिएक्शन भी शेयर किया है. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि हांगकांग के CAR-T कैंसर वैक्सीन के सकारात्मक प्रभाव दिखने के बाद दुनियाभर में इसकी डिमांड बढ़ सकती है.
अक्टूबर में मरीजों को दिया गया था इंजेक्शन
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, 2024 के अक्टूबर महीने में चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग में 5 मरीजों को यह इंजेक्शन दिया गया था. जिन मरीजों को यह इंजेक्शन दिया गया, उनमें से एक मरीज की उम्र 73 साल, दूसरे की 71 साल, तीसरे की 67 साल, चौथे की 15 साल और पांचवें मरीज की उम्र मात्र 5 साल है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी 2025 तक इन सभी मरीजों को काफी राहत महसूस हुई. यह सभी मरीज पहले की तुलना में फिलहाल अधिक स्वस्थ हैं. जिसके बाद वैज्ञानिकों ने मरीजों का बयान भी रिकॉर्ड किया है, इसमें मरीज अपना अनुभव बता रहे हैं.
कितनी है हांगकांग के CAR-T इंजेक्शन की कीमत
रिपोर्ट के मुताबिक, हांगकांग में तैयार हुआ वैक्सीन फिलहाल आम लोगों की पहुंच से बहुत दूर है. साइड इफेक्ट और अन्य खर्चों को अगर छोड़ जाए तो सिर्फ वैक्सीन की कीमत ही 3 करोड़ रुपये है. हालांकि, यह वैक्सीन की यह कीमत सिर्फ हांगकांग पर आधारित है. इसका मतलब है कि दुनिया के अन्य देशों में इस इंजेक्शन की कीमत में और ज्यादा बढ़ सकती है.
इंजेक्शन देने के बाद कैंसर के मरीजों को 7 दिन तक आईसीयू में रखा जाता है. वहीं, इसके साइड इफेक्ट का इलाज अलग से किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह वैक्सीन अभी तक सिर्फ लीवर और फेफड़ों से संबंधित कैंसर में ही कारगर साबित हुआ है.
भारत में क्या है CAR-T थैरेपी की स्थिति
भारत से कैंसर के इलाज के लिए इस थैरेपी की शुरुआत साल 2023 में आईआईटी बॉम्बे से की गई थी. भारत में नेक्सकर-19 के जरिए CAR-T थैरेपी से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. यह पूर्ण रूप से मेड इन इंडिया थैरेपी है. दरअसल, भारत सरकार मेड इन इंडिया इनिशिएटिव के जरिए देश के मरीजों को बेहद कम कीमत में कैंसर की वैक्सीन उपलब्ध की कोशिश में लगी है.
नेचर पत्रिका के मुताबिक, भारत की थैरेपी ब्लड कैंसर के इलाज के लिए भी काफी मददगार साबित हो सकती है.
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