चीन को लगा बड़ा झटका, अमेरिकी अदालत ने लगाया 24 अरब डॉलर का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला

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USA News: अमेरिका में मिसौरी की एक अदालत ने शुक्रवार को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के खिलाफ फैसला सुनाया, जिसमें उन पर 24 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया. संघीय न्यायाधीश ने कोविड-19 महामारी के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) जमा करने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है.

न्यूयॉर्क पोस्ट (एनवाईपी) की रिपोर्ट के अनुसार, मिसौरी के जिला न्यायाधीश स्टीफन लिम्बाघ जूनियर ने अपने फैसले में कहा कि चीन द्वारा पीपीई का भंडारण करने की कार्रवाई कोविड-19 वायरस के बारे में प्रमुख तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के दौरान की गई, जिसमें इसका अस्तित्व,गंभीरता और मानव से मानव में संक्रमण शामिल है. उन्होंने कहा, “वादी ने इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं.”

अटॉर्नी जनरल ने बताया इसे सही कदम

मिसौरी के अटॉर्नी जनरल एंड्रयू बेली ने इस फैसले को चीन को जवाबदेह ठहराने की दिशा में एक बड़ा कदम बताते हुए कहा: “यह दुनिया पर कोविड-19 फैलाने के लिए चीन को जवाबदेह ठहराने की लड़ाई में मिसौरी और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक ऐतिहासिक जीत है.”

मिसौरी ने सबसे पहले 2020 में मुकदमा दायर किया था, जिसमें CCP, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और अन्य चीनी संस्थाओं का नाम लिया गया था. मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि चीन ने PPE उत्पादन को प्रतिबंधित करके और आयात और निर्यात को रोककर महामारी को बदतर बना दिया.

अमेरिकी फैक्ट्रियों पर किया गया था नियंत्रण

एनवाईपी की रिपोर्ट के अनुसार , मुकदमे में यह भी दावा किया गया है कि चीन ने पीपीई बनाने वाली अमेरिकी फैक्ट्रियों पर नियंत्रण कर लिया है और अमेरिकी बाजार में बिक्री के लिए सुरक्षात्मक उपकरण जमा कर लिए हैं.

न्यायाधीश ने अटॉर्नी जनरल एंड्रयू बेली का पक्ष लेते हुए फैसला सुनाया कि चीन ने राज्य और संघीय एकाधिकार विरोधी कानूनों का उल्लंघन किया है, जिसके कारण मिसौरी को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. चीन की हरकतों के कारण राज्य को कर राजस्व में नुकसान हुआ और पीपीई की लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ा.

8 बिलियन डॉलर से अधिक का हुआ दावा

दावा किया गया है कि चीन की कार्रवाइयों के कारण उसे पीपीई के लिए सामान्य से 122 मिलियन डॉलर अधिक का भुगतान करना पड़ा तथा कर राजस्व में 8 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ. मिसौरी के अटॉर्नी जनरल एंड्रयू बेली ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो नुकसान की भरपाई के लिए मिसौरी ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर चीनी स्वामित्व वाली संपत्तियों की पहचान करेगा और उन्हें जब्त करेगा.

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