China’s Statement on HMPV Situation: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों को लेकर चीनी अधिकारियों ने एक बड़ा बयान दिया है. चीन के अधिकारियों ने कहा, चीन के उत्तरी प्रांतों में एचएमपीवी के मामलों में कमी आ रही है. चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के शोधकर्ता वांग लिपिंग ने आश्वासन दिया कि एचएमपीवी दशकों पुराना वायरस है.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वांग लिपिंग ने कहा, “वर्तमान में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से पॉजिटिव मामलों की दर में उतार-चढ़ाव हो रहा है और उत्तरी प्रांतों में इसकी दर में कमी आ रही है.” उन्होंने कहा कि 14 वर्ष और उससे कम आयु वर्ग के बच्चों के पॉजिटिव मामलों की दर में भी कमी आनी शुरू हो गई है. हालांकि, लिपिंग ने कहा कि हाल के वर्षों में वायरस के मामलों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है.
2001 में नीदरलैंड में पहली बार मिला था ये वायरस
इस वायरस का पता पहली बार 2001 में नीदरलैंड में चला था. लिपिंग ने कहा, “ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कोई नया वायरस नहीं है और यह कई दशकों से इंसानों के बीच है. इससे पहले सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए थे, जिसमें चीन के अस्पतालों में एचएमपीवी के बढ़ते मामलों के बीच लोगों की भीड़ देखी गई थी.”
चीनी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के मौसम में सांस लेने में परेशानी चरम पर होती है. हाल ही में, चीन के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने सर्दियों के दौरान चीन में सांस संबंधी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जानकारी देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी.” निंग ने आगे कहा, “अब बीमारियां पिछले साल की तुलना में कम गंभीर और कम पैमाने पर फैल रही है.”
भारत में अब तक 10 मामले किए गए दर्ज
इस बीच भारत में अब तक लगभग 10 मामले दर्ज किए गए हैं. जिनमें से ज़्यादातर कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और असम में पाए गए हैं. इस वायरस का संक्रमण 3 महीने के बच्चों से लेकर 13 साल की उम्र के बच्चों के बीच फैला है.
उल्लेखनीय है कि एचएमपीवी पहली बार 2001 में पाया गया था और यह रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) के साथ न्यूमोविरिडे परिवार का हिस्सा है. यह वायरस सभी उम्र के लोगों में ऊपरी और निचले श्वसन रोग का कारण बन सकता है. हालांकि छोटे बच्चे, बड़े वयस्क और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं. बता दें कि HMPV से जुड़े लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल है.
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