जिनपिंग की उड़ी रातों की नींद! क्यों इस छोटे से देश के आगे मदद की गुहार लगा रहा ड्रैगन?

Must Read

China demands protection: दुनिया को अपने शिकंजे में लेने का सपना देखने वाला चीन अब म्यांमार में कमजोर पड़ता दिख रहा है. म्यांमार के विद्रोहियों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नींद उड़ा दी है. कई देशों को कर्ज के जाल में फंसाने वाले चीन के गले में खुद अब उसके पड़ोसी का फंदा पड़ गया. दरअसल बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना के तले चीन दुनिया भर के कई देशों से सड़क, रेल और समुद्री मार्ग तैयार कर रहा है. जिस तरह चीन पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा बना रही है, वैसे ही म्यांमार में भी चीन-म्यांमार आर्थिक गलियारा तैयार हो रहा है, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट का भविष्य अंधेरे में दिख रहा है. चीन ने म्यांमार से इस प्रोजेक्ट की सुरक्षा की मांग की है.

म्यांमार के काचिन राज्य के भामो में भीषण लड़ाई के बीच, चीन म्यांमार में संबंधित पक्षों से बातचीत और परामर्श जारी रखने के लिए जल्द से जल्द सीजफायर लागू कराने को कवायद में लगा है. इसके पीछे सिर्फ एक ही वजह है, वह है चीन-म्यांमार आर्थिक गलियारे में चीनी परियोजनाओं, व्यवसायों और कर्मियों की सुरक्षा. चीन कतई नहीं चाहता है कि म्यांमार के गृह युद्ध के बीच में उनका हित पिस जाएं और चीन-म्यांमार आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला जाए.

‘म्यांमार पर है कड़ी नजर’

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “चीन सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द युद्ध विराम के लिए म्यांमार में संबंधित पक्षों के बीच संवाद और बातचीत को बढ़ावा दे रहा है.” माओ निंग ने 10 दिसंबर को बीजिंग में आयोजित नियमित प्रेस ब्रीफिंग में काचिन इंडिपेंडेंस ऑर्गनाइजेशन (केआईओ) प्रतिनिधिमंडल और चीनी अधिकारियों के बीच वार्ता के बारे में समाचार एजेंसी एएफपी के एक सवाल के जवाब में यह बात कही. उन्होंने इन वार्ताओं के स्थान या विषय-वस्तु के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया. उन्होंने कहा, “चीन उत्तरी म्यांमार की स्थिति पर करीब से नज़र रख रहा है. हम शांति के लिए बातचीत को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना जारी रखेंगे और अपनी पूरी क्षमता से म्यांमार की शांति प्रक्रिया को समर्थन और सहायता प्रदान करेंगे.”

क्या है बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना?

चीन ने ऐतिहासिक सिल्क रूट के तर्ज पर व्यापार के लिए रास्तों का एक नए नेटवर्क को तैयार करने के लिए बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट खड़ा किया है. सिल्क रूट कोई तय रास्ता नहीं बल्कि रास्तों का एक पूरा नेटर्वक था, जिसमें एशिया और यूरोप को जोड़ा गया था. ईसा पूर्व 130 से लेकर साल 1453 तक यानी करीब 1,500 सालों तक पूर्वी एशिया और यूरोप के मुल्कों के लिए व्यापारी इन्हीं रास्तों का इस्तेमाल करते थे. ये रास्ता करीब 6,437 किलोमीटर का था. ये रास्ता गोबी रेगिस्तान और पामीर की पहाड़ियों जैसे दुनिया के कई दुर्गम रास्तों से होकर गुजरता था.

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए रोड, रेल और समंदर के रास्ते इस नेटवर्क को तैयार करने के लिए साल 2013 में शुरू किया गया था. अब तक इस परियोजना में करीब 130 देश जुड़ चुके हैं. हालांकि पिछले साल नाटकीय तरीके से इटली इससे बाहर हो गया. अब चूंकि म्यांमार में इस प्रोजेक्ट का अंश है तो गृह युद्ध में जुझते इस देश में चीन को खतरा है कि उसके हित युद्ध की जद में न आ जाएं. 

देश के जांबाजों को करना पड़ता है ये काम, कभी दोस्ती तो कभी लेनी होती है जान, Ex RAW Agent के अनसुने किस्से

world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -