चीन का मॉन्‍स्‍टर प्रोजेक्‍ट, अमेरिका भी मांगेगा पानी, अब क्‍या करेंगे ट्रंप?

Must Read

Agency:रॉयटर्स

Last Updated:January 30, 2025, 16:17 IST

China Nuclear Project: इजरायल-हमास के बीच महीनों से जारी जंग समाप्‍त हो चुकी है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अभी जारी है. दूसरी तरफ, चीन अपने आसपास के इलाकों पर लगातार दावे ठोक रहा है, जिनमें अधिकतर अमेरि…और पढ़ें

चीन मियानयांग में दुनिय का सबसे बड़ा न्‍यूक्लियर फ्यूजन रिसर्च सेंटर डेवलप कर रहा है. (फोटो: रॉयटर्स)

हाइलाइट्स

  • चीन न्‍यूक्लियर फ्यूजन पर आधारित रिसर्च सेंटर बना रहा है
  • चीन का यह प्‍लांट अमेरिका के NIF से 50 फीसद बड़ा है
  • सैटेलाइट इमेज से बीजिंग का प्‍लान आया सामने, हैरत में दुनिया

सिंगापुर. चीन आर्थिक और सामरिक तौर पर दुनिया की दूसरी बड़ी महाशक्ति है. टेक्‍नोलॉजी और इकोनॉमी के मामले में चीन लगातार सफलता के नए प्रतिमान गढ़ रहा है. फिर चाहे वह आर्थिक प्रभुत्‍व की बात हो या फिर इंटरनेशनल फोरम पर अपनी धमाकेदार भूमिका से अमेरिका की अगुआई वाले ग्रुप को बैलेंस करने का मामला हो, चीन इसमें लगातार सफलता हासिल कर रहा है. अल्‍ट्रा मॉडर्न वेपन के मामले में भी बीजिंग लगातार आगे बढ़ रहा है. चीन की अभूतपूर्व प्रगति से दुनिया के तमाम देश भौंचक्‍के हैं. अब एक बार फिर से चीन की ऐसी प्‍लानिंग सामने आई है, जिसने सबको दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर कर दिया है. दरअसल, चीन एक नए न्‍यूक्लियर रिसर्च सेंटर डेवलप कर रहा है, जो अमेरिका की नेशनल इग्निशन फैसिलिटी (NIF) से 50 फीसद तक ज्‍यादा बड़ा और विशाल है. इस तरह आने वाले समय में चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा न्‍यूक्लियर प्‍लांट होगा जो लेजर बेस्‍ड टेक्‍नोलॉजी पर आधारित है. यहां न्‍यूक्लियर वेपन डेवलप करने के साथ ही व्‍यापक पैमाने पर क्‍लीन एनर्जी जेनरेट करना भी संभव हो सकेगा.

चीन साउथ-वेस्‍टर्न सिटी मियानयांग में लेजर इग्‍नाइटेड फ्यूजन रिसर्च सेंटर बना रहा है. इस सेंटर में परमाणु हथियार बनाने के साथ ही पावर जेनरेट भी किया जा सकेगा. इस तरह चीन एक ही साथ आधुनिक हथियार बनाने के अलावा पर्याप्‍त मात्रा में बिजली का उत्‍पादन भी कर सकेगा. चीन के इस हाइब्रिड प्रोजेक्‍ट ने अमेरिका के साथ ही तमाम दुनिया को आश्‍चर्य में डाल दिया है. चीन का मियानयांग न्‍यूक्लियर फ्यूजन रिसर्च सेंटर अमेरिका की NIF से भी बड़ा है. बता दें कि NIF को 3.5 बिलियन डॉलर (30326 करोड़ रुपये) में डेवलप किया गया है. चीन का मियानयांग प्रोजेक्‍ट अब दुनिया का सबसे बड़ा लेजर इग्‍नाइटेड रिसर्च सेंटर हो जाएगा. चीन के इस कदम का व्‍यापक प्रभाव पड़ने वाला है. खासकर सामरिक तौर पर चीन अब इस मामले में आने वाले दिनों में अमेरिका से भी आगे निकल सकता है.

सैटेलाइट इमेज से खुला सीक्रेट
चीन के नए मॉन्‍स्‍टर न्‍यूक्लियर प्रोजेक्‍ट का खुलासा सैटेलाइट इमेज से हुआ है. इमेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि चीन किस तरह से न्‍यूक्लियर फ्यूजन रिसर्च सेंटर डेवलप कर रहा है. बताया जा रहा है कि इसका डिजाइन अमेरिका के नॉर्दर्न कैलिफोर्नियो में स्थित NIF की तरह ही है. यहां पर अमेरिका ने साल 2022 में फ्यूजन रिएक्‍शन से बड़ी मात्रा में पावर जेनरेट किया था. इंडिपेंडेंट रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन CNA कॉरपोरेशन में रिसर्चर डेकर इवेलेथ का मानना है कि चीन का मियानयांग न्‍यूक्लियर फ्यूजर रिसर्च सेंटर अमेरिका के NIF से तकरीबन 50 फीसद तक बड़ा है. बता दें कि फिलहाल NIF दुनिया का सबसे बड़ा लेजर इग्‍नाइटेड रिसर्च सेंटर है. न्‍यूक्लियर पॉलिसी एनालिस्‍ट विलियम अल्‍बर्क का मानना है कि NIF की तर्ज पर रिसर्च सेंटर डेवलप करने से न केवल फ्यूचर के बम को डिजाइन करने में मदद मिलेगी, बल्कि बीजिंग का आत्‍मविश्‍वास भी इससे काफी बढ़ेगा.

…तो चीन सबसे बड़ा न्‍यूक्लियर पावर?
अब सवाल उठता है कि क्‍या चीन दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्ति बन जाएगी? न्‍यूक्लियर वेपन में मामले में अमेरिका और रूस फिलहाल सबसे आगे हैं, लेकिन यदि चीन इसी रफ्तार से न्‍यूक्लियर टेक्‍नोलॉजी को डेवलप करता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब वह मौजूदा तमाम परमाणु महाशक्ति देशों को पछाड़ कर शीर्ष पर आ जाए. बता दें कि चीन ने अपने इस सेंटर को लेजर फ्यूजन मेजर डिवाइस लेबोरेट्री का नाम दिया है. गौरतलब है कि इस रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक हाइड्रोजन से एनर्जी हासिल करने के तरीकों का अध्‍ययन कर सकेंगे. इसके साथ ही हाइड्रोजन वेपन की टेस्टिंग भी संभव हो सकेगी. बता दें कि चीन और अमेरिका दोनों CTBT (Comprehensive Nuclear Test Ban Treaty) के हस्‍ताक्षरकर्ता देश हैं. इस समझौते के तहत सिगनेटरी देश परमाणु परीक्षण नहीं कर सकते हैं. हालांकि, सबक्रिटिकल टेस्‍ट यानी जिसमें न्‍यूक्लियर रिएक्‍शन न हो वैसे टेस्‍ट करने की अनुमति रहती है. लेजर फ्यूजन रिसर्च इसी कैटेगरी में आता है.

homeworld

चीन का मॉन्‍स्‍टर प्रोजेक्‍ट, अमेरिका भी मांगेगा पानी, अब क्‍या करेंगे ट्रंप?

global politics, world politics, politics news, hindi news, latest hindi news, hindi news today, latest hindi news, oxbig, oxbig news, oxbig news network, oxbig news hindi, hindi oxbig, oxbig hindi

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -