Canada Alert On G7 Nation: कनाडा जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है, जहां कनाडा-अमेरिका व्यापार विवाद और संप्रभुता पर मंडराते खतरे महत्वपूर्ण मुद्दे बने हुए हैं. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली अमेरिकी टैरिफ और व्यापार युद्ध पर अपनी चिंताओं को जोर-शोर से उठाने की योजना बना रही हैं, जबकि आधिकारिक एजेंडा यूक्रेन, मध्य पूर्व, हैती और वेनेजुएला पर केंद्रित है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कनाडा से इम्पोर्ट होने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद, दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव गहरा गया है. इस व्यापार युद्ध ने कनाडाई अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर डाला है, और इसके जवाब में कनाडा ने 20 बिलियन डॉलर के अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाए हैं.
ट्रेड वॉर को लेकर तीखा बयान
जोली ने इस ट्रेड वॉर को लेकर तीखा बयान दिया, जिसमें उन्होंने ट्रंप के टैरिफ को “आर्थिक दबाव का बहाना” बताया. उन्होंने अपने यूरोपीय और ब्रिटिश समकक्षों को चेतावनी दी, “यदि अमेरिका अपने सबसे करीबी मित्र के साथ ऐसा कर सकता है, तो कोई भी सुरक्षित नहीं है.” यह बयान ट्रंप की व्यापार नीतियों के सामने सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है.
संप्रभुता पर मंडराता खतरा
ट्रेड टैरिफ के अलावा, कनाडा की संप्रभुता पर भी सवाल उठ रहे हैं. ट्रंप ने बार-बार ऐसी टिप्पणियां की हैं जिन्हें कनाडाई लोगों ने उनकी संप्रभुता पर खतरे के रूप में देखा है. ट्रंप ने कनाडा को 51वाँ अमेरिकी राज्य बनाने की बात कही, जिससे कनाडाई सरकार और जनता में गहरी चिंता पैदा हुई है.
जोली ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता स्पष्ट करते हुए कहा कि कनाडा अमेरिकी दबाव के सामने पीछे नहीं हटेगा. उन्होंने कनाडा की सैन्य क्षमता और रक्षा उपकरणों पर यूरोप के साथ सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि कनाडा अपनी संप्रभुता की रक्षा कर सके.
मार्क कार्नी की प्रतिक्रिया
कनाडा के मार्क कार्नी ने भी ट्रंप की व्यापार नीतियों को “आर्थिक और संप्रभु संकट” करार दिया है. उन्होंने कनाडा और ग्रीनलैंड पर कब्ज़ा करने से रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की कसम खाई है. कार्नी ने कहा, “अमेरिकी हमारे संसाधन, हमारा पानी, हमारी ज़मीन, और हमारा देश चाहते हैं. अगर वे सफल हो गए, तो वे हमारी जीवन शैली को नष्ट कर देंगे.”
निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी अपने विदाई भाषण में इस मुद्दे पर ध्यान दिया. उन्होंने कहा, “लोकतंत्र कोई देन नहीं है. आजादी कोई देन नहीं है. यहां तक कि कनाडा भी कोई देन नहीं है.” ट्रूडो के इन शब्दों ने कनाडाई संप्रभुता के मुद्दे पर एक मजबूत संदेश दिया.
अमेरिकी प्रतिक्रिया
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ट्रंप की विलय संबंधी टिप्पणियों को कमतर आंकते हुए कहा कि ट्रंप कनाडा को आर्थिक रूप से 51वां राज्य बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “अगर वे 51वां राज्य बन गए, तो हमें सीमा और फेंटेनाइल के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी क्योंकि हम इसे प्रबंधित करने में सक्षम होंगे.” रुबियो ने जोर देकर कहा कि G7 बैठक का उद्देश्य कनाडा पर कब्जा करने की योजना नहीं है, बल्कि व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर ध्यान केंद्रित करना है. हालांकि, ट्रंप के निरंतर विचारों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को अब तक के सबसे निचले स्तर पर ला दिया है.
world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig
English News