Lula da Silva BRICS Statement: टैरिफ को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का करारा जवाब ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने दिया है. उन्होंने दो टूक कहा कि दुनिया बदल चुकी है और अब किसी को शहंशाहों की जरूरत नहीं है. लूला ने यह बयान सोमवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दिया.
लूला का यह बयान ट्रंप की उस चेतावनी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जो देश ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करेंगे, उन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त आयात शुल्क (टैरिफ) लगाया जाएगा, लेकिन ब्रिक्स देशों ने ट्रंप के इस आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया है.
ईरान-इजराइल युद्ध के बाद ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अपनी सबसे आक्रामक टैरिफ नीति लागू करनी शुरू कर दी है. इसके तहत अमेरिका ने जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और बांग्लादेश सहित 14 देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाए हैं. ट्रंप का कहना है कि यह कदम अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उठाया गया है. ब्रिक्स देशों को चेतावनी देते हुए ट्रंप ने दोहराया कि जो भी देश अमेरिका विरोधी रुख अपनाएंगे, उन्हें 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा. ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि इस नीति में किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी.
ट्रंप ने दिसंबर 2024 में कही थी ये बात
ट्रंप ने दिसंबर 2024 में कहा था कि अगर ब्रिक्स देश डॉलर छोड़ने की कोशिश करते हैं तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा. उन्होंने कहा, “अगर ब्रिक्स देश डॉलर के बजाय कोई दूसरी मुद्रा लाते हैं तो हम उस पर 100 फीसदी टैरिफ लगाएंगे. ऐसे देशों को अपने सामान अमेरिका में बेचने का सपना छोड़ देना चाहिए.”
ट्रंप क्यों नाराज हैं?
दरअसल, ब्रिक्स देश एक ऐसी मुद्रा बनाने की योजना बना रहे हैं जो अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम कर दे. ट्रंप को यह बात पसंद नहीं आई. उनका मानना है कि ऐसा करना अमेरिका की अर्थव्यवस्था और ताकत को कमजोर करेगा.
ट्रंप के टैरिफ वाले बयान पर भड़के ब्राजील के राष्ट्रपति
ट्रंप की टैरिफ चेतावनी पर प्रतिक्रिया देते हुए लूला ने कहा, “दुनिया बदल गई है. हम कोई शहंशाह नहीं चाहते. यह उन देशों का समूह (ब्रिक्स) है, जो आर्थिक दृष्टिकोण से दुनिया को संगठित करने का एक वैकल्पिक तरीका खोजना चाहते हैं. मुझे लगता है कि यही वजह है कि ब्रिक्स कई लोगों को असहज कर रहा है.”
दक्षिण अफ्रीका-चीन ने क्या कहा?
इस मामले में दक्षिण अफ्रीका और चीन ने संयमित और संतुलित प्रतिक्रिया दी है. दोनों देशों ने BRICS की भूमिका को रचनात्मक बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि BRICS का मकसद किसी भी वैश्विक शक्ति से प्रतिस्पर्धा करना नहीं है. उन्होंने कहा, “BRICS किसी देश के खिलाफ गठजोड़ नहीं है. हमारा उद्देश्य वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है. हम अमेरिका के साथ भी व्यापार समझौते की उम्मीद रखते हैं.”
चीन ने भी जताई आपत्ति
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप के बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “टैरिफ का इस्तेमाल दबाव बनाने या राजनीतिक हथियार के रूप में नहीं किया जाना चाहिए. BRICS का उद्देश्य ‘विन-विन सहयोग’ को बढ़ावा देना है, न कि किसी भी देश को निशाना बनाना.” उन्होंने यह भी दोहराया कि चीन खुले और संतुलित वैश्विक व्यापार का पक्षधर है.
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