‘यमराज’ के दर्शन होते ही क्या सोचने लगता है इंसान का दिमाग? जीवन के सबसे बड़े रहस्य से उठ गया पर्दा

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Agency:News18Hindi

Last Updated:February 05, 2025, 17:51 IST

वैज्ञानिकों ने मरते हुए इंसान के दिमाग की गतिविधि रिकॉर्ड की, जिससे यह पता चला कि मरने से पहले व्यक्ति अपनी जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद कर सकता है. यह घटना ब्रेन वेव्स के सक्रिय होने से जुड़ी है.

मौत के ठीक पहले वैज्ञानिकों ने दिमाग में चल रही चीजों को देखा. (AP)

हाइलाइट्स

  • मरने से पहले व्यक्ति जीवन की घटनाओं को याद करता है
  • शोध में पाया गया कि मौत से पहले ब्रेन वेव्स सक्रिय होती हैं
  • दिमाग मौत से पहले खुद को तैयार करता है और यादें ताजा करता है

वॉशिंगटन: इंसान की जिंदगी में मौत एक ऐसी चीज है, जिससे आज तक कोई नहीं बच पाया. हमेशा से वैज्ञानिकों के मन में सवाल रहा है कि जब कोई व्यक्ति मौत की ओर बढ़ता है तो आखिर उसके दिमान में क्या होता है. सदियों से परेशान करने वाले इस सवाल का जवाब वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है. पहली बार, न्यूरोसाइंटिस्ट्स ने एक मरते हुए इंसान के दिमाग की गतिविधि को रिकॉर्ड किया है. इसमें पता चला है कि मरने से पहले व्यक्ति उसके जीवन में जो कुछ हुआ है उनकी झलकियां देख सकता है. इसे ‘लाइफ रिव्यू’ कहा जाता है. ऐसे लोग जो मौत के बेहद करीब पहुंच गए उन्होंने इस तरह की चीजों का अनुभव किया है. ऐसे लोगों ने बताया कि उन्होंने एक ही झटके में अपने पूरे जिंदगी को आंखों के सामने से गुजरते देखा है.

वैज्ञानिकों ने 87 वर्षीय मरीज पर यह शोध किया, जिसे दिल का दौरा पड़ा था. डॉक्टरों ने उसके सिर पर एक डिवाइस लगाया था, ताकि दिमाग की गतिविधियों को मॉनिटर किया जा सके. मरीज की मौत से ठीक पहले न्यूरोसाइंटिस्ट्स ने लगभग 900 सेकंड की दिमागी गतिविधि को रेकॉर्ड किया. इससे उन्हें यह पता चला कि दिल की धड़कन रुकने से 30 सेकंड पहले और 30 सेकंड बाद में क्या हुआ? शोध में पाया गया कि मौत से पहले और बाद में ब्रेन वेव्स एक्टिव थीं. खासतौर से वे हिस्से जो यादों को सुरक्षित रखते हैं. केंटकी यूनिवर्सिटी के डॉ. अजमल जेमर ने बताया, ‘दिमाग शायद मरने से पहले जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को एक बार फिर याद करता है. जैसा की मौत के करीब एक्सपीरियंस में बताया जाता है.’

कैसे किया गया शोध?
मौत से ठीक पहले इंसानी दिमाग पर हुई इस स्टडी का रिजल्द 2022 में फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस जर्नल में पब्लिश किया गया था. जिस मरीज को वैज्ञानिकों ने चुना था वह कनाडा था और उनका मिर्गी का इलाज चल रहा था. डॉक्टरों ने उनके सिर पर EEG डिवाइस लगाया था, जो दिमाग की लहरें रिकॉर्ड करता है. बाद में मरीज की हार्टअटैक के कारण मौत हो गई. लेकिन मशीन ने उनकी दिमागी गतिविधियों को रिकॉर्ड करना जारी रखा. यह उपकरण इलेक्ट्रोड के माध्यम से खोपड़ी से जुड़ जाता है जो दिमाग की तरंगों का पता लगाता है और उन्हें बढ़ाता है.

मौत से पहले खुद को तैयार करता है दिमाग
रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉ. जेमर का कहना है कि दिल रुकने से ठीक पहले और बाद में हमने दिमाग की गामा ऑसिलेशन्स में बदलाव देखा.यह लहरे याद करने से जुड़ी होती हैं. ब्रेन वेव्स जीवित इंसान के दिमाग में मौजूद इलेक्ट्रिकल संकेतों के पैटर्न होते हैं, जो अलग-अलग दिमागी कार्यों और चेतना की स्थिति दिखाते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि दिमाग शायद मौत की ओर बढ़ते समय खुद को तैयार करता है और जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को फिर से याद करता है. डॉ. जेमर ने कहा, ‘आध्यात्मिक रूप से यह शांति देने वाली बात है कि मरने से पहले व्यक्ति अपने अच्छे पलों को याद करता है.’

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‘यमराज’ के दर्शन होते ही क्या सोचने लगता है इंसान का दिमाग? उठ गया पर्दा

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