भारत का अमेरिका या इजरायल से रिश्ता भले ही कितना भी गहरा क्यों न हो जाए, लेकिन मिडिल ईस्ट के कुछ देश ऐसे हैं जिससे भारत की दोस्ती साल दर साल और बेहतर होती जा रही है. दरअसल मिडिल ईस्ट देशों से ऊर्जा, व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक रिश्तों के मामले में भारत का जुड़ाव लगातार बढ़ रहा है. हाल ही में एनर्जी इंटेलिजेंस फर्म वॉर्टेक्स के आंकड़े से यह बात सामने आई कि भारत ने इराक, सऊदी अरब, यूएई, कुवैत, ओमान और कतर से तेल की खरीद बढ़ाई है.
दिसंबर 2024 में जहां यह हिस्सेदारी 51 प्रतिशत थी, जनवरी 2025 में बढ़कर यह 53.89 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो अक्टूबर 2022 के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है. ये आंकड़े सिर्फ ऊर्जा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि भारत और मध्य-पूर्व देशों के बीच बढ़ते रिश्तों की गहरी दोस्ती को भी दिखाते हैं.
ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि भारत के लिए मिडिल ईस्ट के देश क्यों है इतने ज्यादा महत्वपूर्ण
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग
भारत और मिडिल ईस्ट देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में भी मजबूत सहयोग हो रहा है. उदाहरण के तौर पर जनवरी 2023 में भारत और यूएई ने ग्रीन हाइड्रोजन के विकास और ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ योजना के तहत अंडरसीबल केबल लगाने के लिए समझौता किया था. ठीक इसी तरह, फरवरी 2024 में भारत ने कतर के साथ अपने एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) समझौते को 2048 तक बढ़ा दिया. इस समझौते से भारत को दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा मिल रही है, जो देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.
मिडिल ईस्ट देशों से बढ़ रहा व्यापार
इसके अलावा भारत का मध्य पूर्व के देशों से साथ व्यापार भी लगातार बढ़ रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 161.59 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. इतना ही नहीं UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है और भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी है, जहां भारत के 35.62 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ है. इसके अलावा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) जैसी योजनाएं भारत को और अधिक बाजारों से जोड़ने और व्यापार की लागत को कम करने में मदद करेंगी.
प्रवासी श्रमिक और रेमिटेंस
मिडिल इस्ट देशों में लाखों भारतीय काम करते हैं और उनकी रेमिटेंस (विदेश से भेजी गई रकम) भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूती देती है. भारत के 1.34 करोड़ अप्रवासी भारतीयों में से 66% से अधिक लोग यूएई, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ओमान और बहरीन में रहते हैं. साल 2022 में भारत ने $111 बिलियन की रेमिटेंस प्राप्त की, जो दुनिया में सबसे ज्यादा थी और इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी खाड़ी देशों से आई.
भू राजनीतिक और सामरिक सहयोग
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बावजूद भारत अपनी संतुलित कूटनीति बनाए रखता है. सऊदी अरब और ईरान के बीच प्रतिद्वंद्विता हो या इजरायल और अरब देशों के बीच तनाव, भारत ने हमेशा ही एक स्थिर और संतुलित नीति अपनाई है. साल 2021 में भारत और सऊदी अरब ने अपना पहला संयुक्त नौसैनिक अभ्यास ‘अल-मोहद अल-हिंदी’ शुरू किया. इसके अलावा, भारत और ईरान के बीच चाबहार पोर्ट समझौते के जरिए भारत मध्य एशिया से बेहतर तरीके से जुड़ रहा है, और पाकिस्तान को दरकिनार किया जा रहा है.
खाद्य और समुद्री सुरक्षा
भारत के लिए खाद्य सुरक्षा भी एक बड़ी चिंता का विषय है और इसके लिए भारत को मध्य पूर्व देशों से मदद मिलती है. खाड़ी देशों में भारतीय चावल, गेहूं और अंडों के सबसे बड़े खरीदार हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में यूएई भारत का दूसरा सबसे बड़ा कृषि उत्पादों का आयातक बन गया था और उसने भारत के कुल कृषि निर्यात का 6.9% हिस्सा खरीदा था.
सांस्कृतिक, धार्मिक और सॉफ्ट पावर कूटनीति
भारत और मध्य पूर्व देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध भी गहरे हैं. भारतीय मुसलमानों के लिए मध्य पूर्व का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, विशेषकर हज और उमरा यात्रा के लिए. इसके अलावा, बॉलीवुड, योग और आयुर्वेद ने खाड़ी देशों में भारत की सांस्कृतिक पहुंच को बढ़ाया है. हाल ही में यूएई में बनवाए गए BAPS मंदिर ने भारत और यूएई के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और भी मजबूत किया है. यह मंदिर राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर से बना है और दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक बन गया है.
भारत और मध्य पूर्व देशों के रिश्ते अब हर क्षेत्र में मजबूती से बढ़ रहे हैं. ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार, सामरिक सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों के मामले में ये देश भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण बन चुके हैं. भारत के लिए यह रिश्ते आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक रूप से फायदे का सौदा साबित हो रहे हैं. इन देशों के साथ भारत की साझेदारी आगे भी और मजबूत होने की संभावना है, जिससे भारत को वैश्विक मंच पर और भी मजबूती मिलेगी.
भारत का मिडिल ईस्ट के किन देशों से दोस्ती काफी अहम है
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE): UAE के साथ भारत के रिश्ते बहुत मजबूत हैं. UAE भारत का एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है और लाखों भारतीय यहाँ काम करते हैं। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग भी है.
- सऊदी अरब: सऊदी अरब भारत के लिए ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है क्योंकि यहां से भारत को ज्यादा तेल मिलता है. सऊदी अरब में भी बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं, और दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंध मजबूत हैं.
- ओमान: ओमान के साथ भारत के पुराने और अच्छे रिश्ते हैं. ओमान में भारतीय समुदाय का बड़ा हिस्सा है, और दोनों देशों के बीच सामरिक और व्यापारिक सहयोग बहुत अच्छा है.
- कतर: कतर के साथ भारत के व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्ते मजबूत हैं. कतर में भारतीयों की बड़ी संख्या है, और वहां से भारत को बहुत सारी कामकाजी मदद मिलती है.
- बहरीन: बहरीन में भी भारतीयों की बड़ी संख्या है, और भारत के साथ इसका व्यापारिक संबंध भी बढ़ रहा है.
world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig
English News