Bangladesh Violence: बांग्लादेश में ISKCON धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया है. 25 नवंबर को हुई इस गिरफ्तारी के बाद देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. इन प्रदर्शनों में हिंसा हुई, जिसमें एक वकील की मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने 70 अल्पसंख्यक वकीलों और दो पत्रकारों पर विभिन्न मामलों में केस दर्ज किया है.
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने आरोपों को झूठा और मनगढ़ंत बताया. परिषद का कहना है कि यह मामला चिन्मय दास के खिलाफ चल रही कार्रवाई में बाधा डालने के लिए और संबंधित समाचारों को दबाने के मकसद से बनाया गया है. परिषद ने सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से झूठे मामलों को वापस लेने और वकीलों एवं पत्रकारों को तुरंत रिहा करने की मांग की है.
पुजारियों की गिरफ्तारी का आरोप
ISKCON कोलकाता ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश पुलिस ने चिन्मय कृष्ण दास से मिलने के बाद लौट रहे दो पुजारी, आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को भी गिरफ्तार कर लिया है. वहीं ISKCON उपाध्यक्ष राधा रमन ने दावा किया कि चिन्मय दास के सचिव कृष्ण दास को भी हिरासत में लिया गया है. इसके अलावा, दंगाइयों द्वारा बांग्लादेश में ISKCON केंद्रों पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं.
हिंसा और वकील की मौत
27 नवंबर को हुई हिंसा के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक वकील की मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन से जुड़े कई लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए. इन आरोपियों में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े 70 वकील और दो पत्रकार भी शामिल हैं.
भारत ने जताई चिंता
- भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर विरोध दर्ज कराया है.
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेशी सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाते हुए हिंसा और चरमपंथी घटनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की.
- भारत ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश सरकार से कार्रवाई की मांग की है.
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