बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार के सत्ता संभालने के बाद से ही ये देश खासा चर्चा में है. देश में हिंदु अल्पसंख्यकों के खिलाफ होते हमले के बीच बांग्लादेश की सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा है.
इस बीच सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में मुसलमान का एक गुट आपस में लड़ने लगे और इस लड़ाई ने हिंसा का रूप ले लिया. दावा ये भी किया गया कि ये हिंसा एक महिला की हलाला को लेकर हुआ. लेकिन इस दावे का सच क्या है? क्या इन दावों में कोई सच्चाई है?
सोशल मीडिया पर किए गए ये दावे
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई यूजर्स दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में मुसलमानों के दो गुट इस बात पर झगड़ पड़े कि किस गुट का मौलाना एक खूबसूरत महिला का हलाला करेगा. दिनेश प्रताप सिंह नाम एक वेरिफाइड यूजर ने एक पोस्ट में लिखा, बांग्लादेश में तबलीगी जमात के दो गुटों के बीच में पिछले चार दिनों से भयंकर मार काट मची है.अब तक दोनों पक्षों के 12 लोग मारे जा चुके हैं.एक खूबसूरत महिला से हलाला कौन करेगा वहां से यह विवाद शुरू हुआ फिर उसके बाद तबलीगी जमात दो भागों में बट गई. एक भाग भारत के तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद का सिद्धांत सही बता रहा है दूसरा भाग पाकिस्तान के तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना तारिक जमील के सिद्धांत को सही बता रहा है.”
बांग्लादेश में तबलीगी जमात के दो गुटों के बीच में पिछले चार दिनों से भयंकर मार काट मची है
अब तक दोनों पक्षों के 12 लोग मारे जा चुके हैं
एक खूबसूरत महिला से हलाला कौन करेगा वहां से यह विवाद शुरू हुआ फिर उसके बाद तबलीगी जमात दो भागों में बट गई
एक भाग भारत के तबलीगी जमात के… pic.twitter.com/qmheNmQWyb
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) December 20, 2024
बांग्लादेश में तबलीगी जमात के दो गुटों के बीच में पिछले चार दिनों से भयंकर मार काट मची है
अब तक दोनों पक्षों के 12 लोग 72 हूरें के पास पहुंच गये हैं ▪︎▪︎
एक खूबसूरत महिला से हलाला कौन करेगा वहां से यह विवाद शुरू हुआ फिर उसके बाद तबलीगी जमात दो भागों में बट गई
एक भाग… pic.twitter.com/vDEVM0qA3k
— AJAY AWASTHI (@AJAYAWASTHI108) December 20, 2024
क्या है दावे की हकीकत?
एबीपी न्यूज़ ने इस दावे का फैक्ट चेक किया है. हमने इस दावे को कुछ कीवर्ड्स, जैसे- ‘बांग्लादेश, हलाला, खूबसूरत महिला, मुसलमान गुट में हिंसा’ को गूगल सर्च किया. लेकिन इन कीवर्ड्स से कुछ पुख्ता हाथ नहीं लगा. फिर हमने गूगल रिवर्स इमेज के इस्तेमाल से वायरल वीडियो के कुछ फ्रेम के स्क्रीनशॉर्टस को सर्च किया. जिसके बाद हमारे हाथ कुछ पुरानी खबरें लगी. गूगल सर्च से मिली खबर के मुताबिक, वायरल दावे में इस्तेमाल किया गया वीडियो भले ही हिंसा का है लेकिन ये हलाला का मामला नहीं है. बांग्ला भाषा में लिखें इन न्यूज़ में लिखा है कि मुसलमान के दो गुटों में एक आयोजन स्थल को लेकर हिंसक झड़प हो गई.
खबर के अनुसार, एक गुट नई दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद कांधलवी जबकि दूसरा गुट ढाका के मौलाना जुबैर अहमद का अनुयायी है. दोनों के बीच टोंगी इलाके के तुराग तट पर विश्व इज्तेमा मैदान पर नियंत्रण को लेकर झड़प हुई है. खबरों में बताया गया कि 4 लोगों की मौत भी हुई थी.
निष्कर्ष
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर महिला के हलाला के लिए दो गुटों में हिंसक झड़पें के दावे गलत और भ्रामक हैं. असली खबर है कि ये हिंसा आयोजन स्थल को लेकर हुआ. इसके अलावा दावे में कुल 12 लोगों की मौत की बात कही गई लेकिन असल में 4 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा दावा किया गया कि जिन गुटों में हिंसक झड़पें हुईं वे भारत के तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद और दूसरा गुट पाकिस्तान के तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना तारिक जमील का है. लेकिन असली खबर है कि एक गुट नई दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद कांधलवी जबकि दूसरा गुट ढाका के मौलाना जुबैर अहमद का समर्थक है.
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