Bangladesh violence: बांग्लादेश में राजनीतिक और सामाजिक हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. शेख हसीना की सत्ता के तख्तापलट के बाद देश में अशांति का माहौल बना हुआ है. इस बीच बांग्लादेश ने अपनी करेंसी नोटों से पूर्व राष्ट्रपति और देश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीरें हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने जानकारी दी कि 20, 100, 500, और 1,000 टाका के नए नोटों की छपाई शुरू हो चुकी है. इन नोटों में जुलाई 2023 में हुए छात्र आंदोलन की झलक दिखाई जाएगी. यह वही आंदोलन था जिसने शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था. देश में तैयार किए जा रहे नए नोट में धार्मिक संरचनाओं, बंगाली परंपराओं, और आंदोलन के दौरान बनाए गए ग्रैफिटी को शामिल किया जाएगा.
इस पर बांग्लादेश बैंक की कार्यकारी निदेशक हुशनारा शिखा ने कहा कि नए नोट अगले छह महीनों में बाजार में आ जाएंगे. बता दें कि बांग्लादेश के वित्त मंत्रालय ने सितंबर में नए नोटों के लिए विस्तृत डिज़ाइन प्रस्ताव पेश किया था.
मुजीबुर्रहमान की प्रतिमाओं पर भी हमला
जुलाई के छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुजीबुर्रहमान की प्रतिमाओं और छवियों को निशाना बनाया. उनकी मूर्तियों को तोड़ा गया, और उनकी छवि वाले अन्य सार्वजनिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचाया गया.
शेख हसीना और युनुस के बीच तनाव
शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद युनुस पर अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं को सुरक्षा देने में विफल रहने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि युनुस बांग्लादेश में अराजकता फैलाने और देश की स्थिरता को खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार हैं. इसके अलावा हसीना ने कहा कि ढाका में मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रही है. हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का परोक्ष संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू, बौद्ध, ईसाई – किसी को भी नहीं बख्शा गया है.
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