Bangladesh Currency: बांग्लादेश सरकार ने देश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीरों को करेंसी नोटों से हटाने के लिए फैसला लिया है. शेख मुजीब की तस्वीर 1972 में बांग्लादेश की स्थापना के बाद से लगातार नोटों पर मौजूद थी. बांग्लादेश बैंक की कार्यकारी संपादक हुस्नेआरा शिखा ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि “हम नए नोट अगले छह महीनों के भीतर जारी करेंगे.”
यह फैसला बांग्लादेश सरकार के लिए एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि शेख मुजीबुर्रहमान का नाम और छवि बांगलादेश के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में कई दशकों से बनी हुई थी. यह कदम उनके साथ जुड़ी राजनैतिक और सामाजिक पहचान को बदलने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
नए नोटों में धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों की झलक
इसके अलावा, बांग्लादेश बैंक ने यह भी कहा है कि नए नोटों में धार्मिक संरचनाओं और बंगाली परंपराओं को शामिल किया जाएगा, जो जुलाई के प्रदर्शनों के दौरान बने “ग्रैफिटी” से प्रेरित हैं. जुलाई में छात्रों की ओर से किए गए प्रदर्शनों के दौरान शेख मुजीब उर रहमान की तस्वीरों को हटाया गया था, जो बांग्लादेश की सरकार की एक “संवेदनशीलता” के तौर पर देखा गया था.
शेख हसीना की आलोचना और विवाद
इस बीच, शेख हसीना ने हाल ही में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनुस पर आरोप लगाए हैं कि वह “जातीय हिंसा” में शामिल थे और उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं की. इसके जवाब में, बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना के बयान को “हेट स्पीच” करार दिया है और बांग्लादेश के नेताओं ने युनुस सरकार के खिलाफ चल रही एक दुष्प्रचार मुहिम की निंदा की है.
यह सब घटनाएं बांग्लादेश में राजनीतिक असहमति और सत्ता संघर्ष की गहरी तस्वीर को उजागर करती हैं, जहां बांग्लादेश की पहचान और इतिहास को फिर से परिभाषित करने की कोशिश की जा रही है.
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