तुलसी गबार्ड ने हिंदुओं के उत्पीड़न पर खोली बांग्लादेश की पोल तो भड़क गए मोहम्मद यूनुस

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Bangladesh on Tulsi Gabbard Remarks: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की ओर से अल्पसंख्यक समुदायों के कथित उत्पीड़न पर दी गई टिप्पणी को खारिज किया है. सरकार का कहना है कि यह बयान “बिना किसी साक्ष्य या ठोस आरोप के” दिया गया है.

दरअसल, सोमवार आधी रात को फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक बयान में, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने कहा कि गबार्ड की टिप्पणियां “पूरे देश की छवि को गलत तरीके से पेश कर रही हैं.” भारतीय टीवी चैनल पर दिए गए गबार्ड के बयान को “भ्रामक” बताते हुए सरकार ने कहा कि यह बांग्लादेश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला है. बयान में आगे कहा गया कि बांग्लादेश की पारंपरिक इस्लाम प्रथा हमेशा समावेशी और शांतिपूर्ण रही है. देश ने उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ लगातार प्रगति की है.

गबार्ड के आरोप और बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
भारतीय चैनल को दिए गए इंटरव्यू में तुलसी गबार्ड ने कहा कि “हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का लंबे समय से उत्पीड़न, हत्या और दुर्व्यवहार हो रहा है. यह अमेरिकी सरकार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के लिए एक बड़ी चिंता है.”

गबार्ड ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले और इस्लामी आतंकवादियों का खतरा “खिलाफत शासन” की विचारधारा से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के बीच बातचीत शुरू हो चुकी है. हालांकि, बांग्लादेश सरकार ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि देश को “इस्लामी खिलाफत” से जोड़ना “निराधार और अस्वीकार्य” है. सरकार के अनुसार, यह बयान उन लाखों बांग्लादेशियों की मेहनत को नुकसान पहुंचाता है, जिन्होंने शांति, स्थिरता और विकास के लिए काम किया है.

आतंकवाद के खिलाफ बांग्लादेश की स्थिति
बांग्लादेश सरकार ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रकार की “इस्लामी खिलाफत” से जुड़े दावों की निंदा करता है. मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने कहा कि राजनीतिक नेताओं और सार्वजनिक हस्तियों को अपने बयानों को तथ्यों पर आधारित रखना चाहिए. बयान में यह भी कहा गया कि बांग्लादेश ने आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन, सामाजिक सुधार और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से ठोस प्रयास किए हैं. यूनुस के कार्यालय ने कहा, “बांग्लादेश की अंतरिम सरकार आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग में विश्वास रखती है और सभी देशों की संप्रभुता और सुरक्षा के सम्मान के आधार पर रचनात्मक वार्ता के लिए प्रतिबद्ध है.”

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