India-Bangladesh News: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के ‘सलाहकार’ के रूप में कार्यरत महफूज आलम ने 16 दिसंबर 1971 के विजय दिवस के अवसर पर भारत के खिलाफ विवादित बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया. विजय दिवस, बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तानी सेना पर बांग्लादेशी सेना की जीत का प्रतीक है. इसी दिन महफूज ने सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डाला.
पोस्ट में महफूज आलम ने पूर्वोत्तर और उत्तरी भारत में सांस्कृतिक असंतोष को भड़काने का प्रयास किया. इसके साथ ही, एक विवादित नक्शा जारी किया, जिसमें पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया. विवाद बढ़ने के बाद, महफूज ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी.
Mahfuj Alam, special aide to Dr. #Yunus and Advisor of Interim Govt made a Facebook post this morning in which he talked of annexing some of India’s eastern and northeastern territories (see the map shared by him).
He alleged that #India maintains a “contain” and “ghettoize”… pic.twitter.com/nkvDVzRDRQ
— Bangladesh Watch (@bdwatch2024) December 17, 2024
पूर्वोत्तर भारत को अस्थिर करने की कोशिश
महफूज आलम ने अपने पोस्ट में दावा किया कि पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के लोगों की संस्कृति धर्म से अलग एक जैसी है. उसने यह भी आरोप लगाया कि भारत के ऊंची जातियों और ‘हिंदू कट्टरपंथियों’ के रवैये के कारण पूर्वी पाकिस्तान का निर्माण हुआ था. महफूज ने अपने पोस्ट में 1975 और 2024 की घटनाओं को दोहराने की जरूरत बताई.
1975 और 2024 का संदर्भ
1975 में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. 2024 में शेख हसीना को सत्ता से हटाने की कथित योजना को महफूज ने अलोकतांत्रिक करार दिया. उसने कहा कि इन घटनाओं के बीच 50 वर्षों का अंतर है, लेकिन परिस्थितियां नहीं बदलीं. महफूज ने दावा किया कि बांग्लादेश को एक नई व्यवस्था और भूगोल की जरूरत है.
विवादित नक्शा और धमकी भरी बातें
महफूज ने फेसबुक पर एक विवादित नक्शा साझा किया, जिसमें भारत के पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया. उसने कहा कि बांग्लादेश अब भी अपनी ‘मुक्ति की तलाश’ में है और यह सिर्फ शुरुआत है. हालांकि, भारत पर कब्जा करने का सपना साझा करने के कुछ ही घंटों बाद, चुपचाप पोस्ट को हटा दिया.
महफूज आलम का बैकग्राउंड और विवाद
महफूज आलम कट्टर इस्लामवादी नेता हैं, जिसने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में मंत्री-स्तरीय सलाहकार के रूप में काम किया है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की उपस्थिति में, यूनुस ने हसीना को सत्ता से हटाने के लिए महफूज को ‘सावधानीपूर्वक डिजाइन किए गए’ ऑपरेशन का मास्टरमाइंड बताया था.
2016 में विश्वविद्यालय छोड़ने वाला महफूज खुद को छात्र नेता बताता है. उसके बयानों और गतिविधियों से भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने और कट्टरपंथी इस्लाम को समर्थन देने का इरादा साफ दिखता है.
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