Bangladesh Politics: बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए चल रहे आंदोलन के बीच सेना और छात्र नेताओं के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. नई गठित जातीय नागरिक पार्टी (NCP) के प्रमुख आयोजक हसनत अब्दुल्ला ने सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान को लेकर एक बड़ा दावा किया है. हसनत के अनुसार, जनरल जमान नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को सलाहकार के रूप में नियुक्त करने के इच्छुक नहीं थे.
एक वायरल वीडियो में हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि सेना प्रमुख ने मोहम्मद यूनुस की साख पर सवाल उठाते हुए उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त नहीं माना. जनरल जमान ने यह भी कहा कि यूनुस का नोबेल पुरस्कार विजेता होना और उनकी सुधारवादी छवि के बावजूद, वह इस जिम्मेदारी के लिए सही व्यक्ति नहीं थे. सेना प्रमुख ने देश की बागडोर सही हाथों में सौंपने की जरूरत पर जोर दिया था.
सेना प्रमुख जमान के खिलाफ साजिश
लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान और सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान के बीच मतभेदों ने भी स्थिति को जटिल बना दिया है. फैजुर रहमान के नेतृत्व में जमान के विरोधी जनरलों ने उन्हें पद से हटाने के प्रयास किए थे, लेकिन वे असफल रहे. जनरल जमान को भारत समर्थक और संतुलित नेतृत्व के रूप में देखा जा रहा है, जिसके कारण सेना के पेशेवर रैंक उनके समर्थन में खड़े हैं.
बता दें कि बांग्लादेश की सेना के अंदर दो गुट बने हुए हैं. एक गुट जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों का समर्थन करता है, जबकि दूसरा अवामी लीग के साथ जुड़ा हुआ है. इन गुटों के बीच उभरे तनाव ने सेना के अंदर मतभेदों को और गहरा दिया है, जिससे स्थिति अस्थिर हो गई है.
बीएनपी का सेना के साथ गठजोड़
इस बीच खबरें आईं कि लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान को नजरबंद कर दिया गया है. फैजुर रहमान पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तानी आईएसआई चीफ से मुलाकात की थी, जिसे सेना प्रमुख जमान के खिलाफ साजिश माना जा रहा है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने इन घटनाओं को चुनाव टालने की साजिश करार दिया है और आरोपों को सेना को बदनाम करने की कोशिश बताया है.
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