ढाका यूनिवर्सिटी के कई शिक्षक कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया है. शेख हसीना सरकार का कथित रूप से समर्थन करने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने जुलाई के विद्रोह के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए विभिन्न विभागों के लगभग 50 शिक्षकों को ‘अवांछित’ घोषित कर दिया.
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन शिक्षकों को शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित करते हुए ‘तथ्य-खोज समितियों’ का गठन किया था. हालांकि, कई महीनों के बाद भी, शिक्षक कक्षाओं में वापस नहीं आ पाए.
यूनुस के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश के कई विश्वविद्यालयों में कई शिक्षकों और छात्रों को अंधाधुंध तरीके से निलंबित कर दिया गया है. सोमवार को एक अलग घटनाक्रम में, ढाका यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने 128 छात्रों को निलंबित कर दिया, उन पर जुलाई के विद्रोह के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमला करने का आरोप है.
बांग्लादेश के प्रमुख अख़बार प्रोथोम अलो की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से अधिकतर स्टूडेंट बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) के सदस्य थे, जो अवामी लीग की छात्र शाखा है.
अंतरिम सरकार ने अक्टूबर 2024 में आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2009 के तहत बीसीएल पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि यूनुस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद पिछले साल 28 अगस्त को कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिबिर पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था.
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