कौन है असीम मलिक, जो PAK की ISI का बना नया चीफ?

Must Read





<p style="text-align: justify;"><strong>ISI New Chief:</strong> पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को नया मुखिया मिल गया है. लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक को इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस का डीजी नियुक्त किया गया है और वह 30 सितंबर को कार्यभार संभालेंगे. जनरल मलिक वर्तमान में रावलपिंडी स्थित जनरल मुख्यालय में एडजुटेंट जनरल के पद पर काम कर रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">डॉन न्यूज के मुताबिक, अक्टूबर 2021 में, तत्कालीन मेजर जनरल असीम मलिक को लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया था, साथ ही उन्हें सेना का एडजुटेंट जनरल भी नियुक्त किया गया था. वहीं, पीटीवी न्यूज के मुताबिक, अपने मिलिट्री करियर के दौरान जनरल मलिक ने बलूचिस्तान इन्फैंट्री डिवीजन में सेवा की है और वजीरिस्तान में इन्फैंट्री ब्रिगेड की कमान संभाली है. आईएसआई के नए चीफ को उनके कोर्स में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में रह चुके हैं चीफ इंस्ट्रक्टर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इसके अलावा, जनरल मलिक ने इस्लामाबाद में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में चीफ इंस्ट्रक्टर और कमांड एंड स्टाफ कॉलेज क्वेटा में इंस्ट्रक्टर के रूप में भी काम किया है. बयान में कहा गया कि सैन्य अधिकारी संयुक्त राज्य अमेरिका के फोर्ट लीवनवर्थ और लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज से ग्रेजुएट हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इमरान खान के करीबी की लेंगे जगह</strong></p>
<p style="text-align: justify;">नव नियुक्त अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की जगह लेंगे, जिन्हें 2021 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इमरान खान ने नियुक्त किया था. जनरल अंजुम को सितंबर 1988 में सेवा में कमीशन मिला था, पहले कराची में कोर वी का नेतृत्व कर चुके हैं. उन्होंने कुर्रम एजेंसी में एक ब्रिगेड की कमान संभाली, बलूचिस्तान में फ्रंटियर कोर (उत्तर) का नेतृत्व किया और दिसंबर 2020 में कराची कोर कमांडर बनने से पहले कमांड एंड स्टाफ कॉलेज क्वेटा के कमांडेंट रहे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैसे होता है आईएसआई चीफ का चुनाव?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">उनकी नियुक्ति पाकिस्तान के नए जासूस प्रमुख की नियुक्ति को लेकर सेना और सरकार के बीच कथित गतिरोध के लगभग तीन सप्ताह बाद हुई थी. रक्षा मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक, आईएसआई डीजी की नियुक्ति की प्रक्रिया का न तो संविधान में उल्लेख है और न ही सेना अधिनियम में. पिछली सभी नियुक्तियां परंपराओं के अनुसार की गई थीं, जिसके तहत सेना प्रमुख प्रधानमंत्री को तीन नाम प्रस्तावित करते हैं, जो फिर अंतिम निर्णय लेते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="पाकिस्तान और इजरायल को साथ लाने की कवायद में थे इमरान खान, इजरायली अखबार में दावा, कहां बिगड़ी बात?" href=" target="_self">पाकिस्तान और इजरायल को साथ लाने की कवायद में थे इमरान खान, इजरायली अखबार में दावा, कहां बिगड़ी बात?</a></strong></p>





OxBig English

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -