India-Bangladesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की शुक्रवार को बैंकॉक में BIMSTEC सम्मेलन के दौरान अलग से मुलाकात हुई. इस बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी मुद्दों पर बातचीत की. इसके बाद मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने इस मुलाकात को लेकर कुछ गलत और भ्रामक बातें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दीं.
शफीकुल आलम ने 4 अप्रैल को अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि इस बातचीत में पीएम मोदी ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर सहमति दी है और यह भी कहा कि शेख हसीना ने यूनुस के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. हालांकि, यह पोस्ट बाद में डिलीट कर दी गई क्योंकि इसमें किए गए दावे पूरी तरह गलत और भ्रामक थे.
शफीकुल आलम ने अपनी पोस्ट में क्या दावा किया था?
शफीकुल आलम ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस की मुलाकात बहुत ही सम्मानजनक माहौल में हुई. उनका दावा था कि पीएम मोदी ने यूनुस के काम की तारीफ की और कहा कि भारत का शेख हसीना के साथ रिश्ता ठीक है, लेकिन उनका रवैया यूनुस के लिए सम्मानजनक नहीं रहा. पोस्ट में शफीकुल ने यह भी लिखा कि जब मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना को ढाका वापस लाकर कानूनी कार्रवाई करने की बात उठाई, तो पीएम मोदी की प्रतिक्रिया नकारात्मक नहीं थी. उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि एक दिन शेख हसीना को प्रत्यर्पित किया जाएगा.
जानें भारत सरकार ने क्या कहा?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार से जुड़े सूत्रों ने शफीकुल आलम के इन बयानों को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच ऐसी कोई बात नहीं हुई और बांग्लादेश की ओर से दिया गया ब्योरा राजनीति से प्रेरित है. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान साफ कहा कि ऐसी बयानबाजी से बचा जाना चाहिए जो भारत और बांग्लादेश के रिश्तों को बेवजह नुकसान पहुंचा सकती है.
PM मोदी-मोहम्मद यूनुस के बीच क्या बातचीत हुई?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस की 4 अप्रैल को थाईलैंड के बैंकॉक में BIMSTEC समिट के दौरान अलग से एक बैठक हुई थी. भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि इस बैठक में पीएम मोदी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि भारत को इस मुद्दे की गंभीरता का अहसास है और उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार इस पर सही ढंग से काम करेगी.
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत चाहता है कि बांग्लादेश एक लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, विकसित और सभी को साथ लेकर चलने वाला देश बने. उन्होंने यह भी बताया कि भारत, बांग्लादेश के साथ मजबूत और बेहतर रिश्ते बनाना चाहता है.
बैठक में शेख हसीना से जुड़े मुद्दों पर भी बात हुई. यह मुद्दा बांग्लादेश की ओर से उठाया गया था. पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि इस तरह की बयानबाज़ी से बचना चाहिए जो दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकती है. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब मोहम्मद यूनुस चीन दौरे के कारण विवादों में थे. अपने चीन दौरे में यूनुस ने वहां की सरकार से कहा था कि बंगाल की खाड़ी का असली रक्षक बांग्लादेश है और भारत की कुछ सीमाएं हैं. उन्होंने चीन से बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर निवेश करने का न्योता भी दिया था.
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