भारत-बांग्लादेश तनाव से मरीजों को हो रही मुश्किल, वीजा प्रतिबंधों से अस्पताल नहीं जा रहे लोग

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India Bangladesh Relation: भारत और बांग्लादेश के खराब होते संबंधों का असर न सिर्फ व्यापार पर पड़ा है बल्कि बड़ी संख्या में इलाज कराने के लिए आने वालों पर भी पड़ा है. इसका उदाहरण है मोहम्मद नूरी आलम. बीते साल सितंबर में ढाका मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उनको बताया कि उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत है, लेकिन ये ऐसी प्रक्रिया है, जो बांग्लादेश में उपलब्ध है ही नहीं. 

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद नूरी आलम का इलाज कराने के लिए उनकी पत्नी खदीजा खातून ने उनको हैदराबाद में एशियाई गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संस्थान में दिखाने के बारे में सोचा. ये संस्थान कई बांग्लादेशी रोगियों के लिए विश्वसनीय जगह है, लेकिन तीन महीने बाद भी उन्हें यात्रा के लिए वीजा नहीं मिला. कारण ये है कि अगस्त में शेख हसीना को ढाका से हटाए जाने के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारतीय अधिकारियों ने बांग्लादेश में वीजा संचालन में काफी कमी की है.

वीजा न मिलने से अपॉइंटमेंट हुए मिस

वीजा न मिलने के कारण खदीजा और उनके पति हैदराबाद के अस्पताल में दो अपॉइंटमेंट, 20 नवंबर और 20 दिसंबर मिस कर चुके हैं. उनका अगला अपॉइंटमेंट 10 जनवरी का है और उन्हें यकीन नहीं है कि वह इसमें भी भारत पहुंच पाएंगे या नहीं. खदीजा और उनके पति का कहना है कि अक्टूबर से ही उनकी ओर से हर संभव कोशिश की गई है. उन्होंने ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क किया, सरकार में जान पहचान वालों से मदद मांगी, लेकिन भारत ही उनकी एकमात्र उम्मीद है. 

अन्य देशों में महंगे हैं ट्रीटमेंट

खदीजा का कहना है कि थाईलैंड और अन्य देशों में महंगे उपचार होते हैं इसलिए उनके पति की बिगड़ती सेहत को देखते हुए ढाका के अस्पतालों में रोजाना ट्रीटमेंट पर ही डिपेंड है. उन्हें उम्मीद है कि नया साल उनको वीजा दिलवाएगा. 

खदीजा का संघर्ष हजारों बांग्लादेशी रोगियों को प्रभावित करने वाले एक बड़े संकट को दर्शाता है, जो भारतीय अधिकारियों की ओर से लगाए गए वीजा प्रतिबंधों के कारण भारत की सस्ती स्वास्थ्य सेवा पर निर्भर हैं. 

सीमित अपॉइंटमेंट स्लॉट दे रहा भारत 

भारतीय वीजा केंद्र की वेबसाइट के मुताबिक, यह केवल बांग्लादेश के नागरिकों के लिए सीमित अपॉइंटमेंट स्लॉट प्रोवाइड कर रहा है, जिन्हें तत्काल चिकित्सा और छात्र वीजा की आवश्यकता है. बांग्लादेश में भारतीय वीजा केंद्र के एक अधिकारी के अनुसार, जुलाई में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत के बाद से ढाका सहित बांग्लादेश में पांच वीज़ा केंद्रों में रोजाना ऑनलाइन वीज़ा स्लॉट 7,000 से घटकर लगभग 500 रह गए हैं. यही कारण है कि खदीजा जैसे कई बांग्लादेशियों के लिए वीजा मिलने की मिलने की संभावना और भी कम लगती है.

दोनों सरकारों के बीच तनावों ने वीजा जारी करने वाली प्रक्रिया पर बड़ा असर डाला है. ढाका में वीजा केंद्रों पर बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन भी किया था.

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