दुनिया की सबसे खतरनाक जेल में अवैध अप्रवासियों को रखेगा अमेरिका! ट्रंप ने पहले ही बनाया प्लान

Must Read

Guantanamo Bay: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कुख्यात ग्वांतानामो बे सैन्य जेल में 30,000 आपराधिक अवैध विदेशियों को हिरासत में रखने की योजना बनाई है, जिसका इस्तेमाल 9/11 हमलों के बाद से आतंकवाद के संदिग्धों को रखने के लिए किया जाता है.

इसके अलावा उन्होंने उस विधेयक पर भी हस्ताक्षर कर दिए हैं,  जिसके तहत चोरी और हिंसक अपराध के आरोप में बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को सुनवाई से पहले हिरासत में रखने की अनुमति दी गई है. आइये जानते हैं ग्वांतानामो जेल के बारे में. 

जानें ग्वांतानामो का इतिहास 

द गार्जियन के अनुसार , ग्वांतानामो बे सैन्य जेल जनवरी 2002 में दक्षिण-पूर्वी क्यूबा के तटीय भू-भाग पर स्थित अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर खोली गई थी, जिसे 1903 की संधि के तहत हवाना से लिया गया था. इसकी स्थापना 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के प्रशासन में उन कैदियों को रखने के लिए की गई थी, जिन्हें “शत्रु लड़ाके” कहा जाता था और जिन्हें कई अमेरिकी कानूनी अधिकारों से वंचित किया गया था. डेमोक्रेटिक राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और  जो बाइडेन दोनों ने इसको बंद करने की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस ने ग्वांतानामो को बंद करने के प्रयासों का विरोध किया था. इस वजह से ये आज भी खुली है. यह दुनिया की सबसे खतरनाक जेल है.

क्या ग्वांतानामो में कभी प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है?

अमेरिका ने ग्वांतानामो में दशकों से प्रवासियों को एक अलग क्षेत्र में हिरासत में रखा है. 2020-2023 तक 37 प्रवासियों को हिरासत में लिया गया था, लेकिन अवैध आव्रजन पर ट्रंप की कड़ी कार्रवाई के तहत संख्या बढ़ सकती है.

क्या वहां अभी भी कैदी हैं?

2002 से ग्वांतानामो में बंद 800 लोगों में से केवल 15 ही बचे हैं. जो बाइडेन प्रशासन ने 11 यमनियों को रिहा किया था. ग्वांतानामो में खालिद शेख मोहम्मद और यूएसएस कोल हमलावर अब्द अल-रहीम अल-नशीरी सहित 9/11 के षड्यंत्रकारियों को रखा गया है. 

ग्वांतानामो को मानवाधिकारों के हनन के लिए वैश्विक निंदा का सामना करना पड़ा है. आलोचक इसे अमेरिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाली कानूनी विसंगति कहते हैं. यहां पर भूख हड़ताल करने वालों को जबरन खाना खिलाना खिलाया जाता है, जिसे विरोधियों द्वारा यातना माना जाता है. कम से कम नौ कैदियों की यहां मौत हो चुकी है, जिनमें से सात ने आत्महत्या कर ली थी.

world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -