भागकर अमेरिका पहुंची, सिर्फ 67 दिन में बनाया बंकर बस्टर बम, फोर्दो में मचाई तबाही, कौन है वो लड़की?

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Last Updated:July 11, 2025, 18:41 IST

who is Bomb Lady : महज 7 साल की उम्र में 15000 किलोमीटर की दूरी से अमेरिका पहुंची एक लड़की ने गरीबी के बीच अपनी पढ़ाई की. रिफ्यूजी कैंप में रही. फिर अपने दम पर ऐसा मुकाम हासिल किया, जिसका कलपना किसी ने नहीं की थी…और पढ़ें

अमेरिका में ‘बम लेडी’ के नाम से मशहूर अन्ह डुओंग की कहानी बेहद दिलचस्प है..

हाइलाइट्स

  • अमेरिका में ‘बम लेडी’ के नाम से मशहूर हैं अन्ह डुओंग.
  • 7 साल की उम्र में भागकर यूएस पहुंची थी डुओंग.
नई दिल्ली. ये कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी है. महज 7 साल की उम्र में एक लड़की करीब 15000 किलोमीटर की दूरी से भागकर अमेरिका पहुंचती है. उसका बचपन गोलियों की तड़तड़ाहट और युद्ध की विभीषिका के बीच बीता था. अमेरिका में भी गरीबी से पीछा नहीं छूटा. अपने संघर्ष के दम पर इस लड़की ने वो मुकाम हासिल किया, जिसका कलपना किसी ने नहीं की थी. बम लेडी के नाम से इस लड़की का नाम है : अन्ह डुओंग. अन्ह डुओंग अपने परिवार के साथ वियतनाम के सैगॉन शहर से भागकर अमेरिका पहुंची थी. अन्ह डुओंग की कहानी की शुरुआत 1960 के दशक से होती है. वियतनाम युद्ध से जूझ रहा था. उत्तरी वियतनाम और दक्षिण वियतनाम के बीच लड़ाई हुई में अमेरिका और अन्य देशों ने भी हस्तक्षेप किया.

डुओंग के पिता कृषि अधिकारी जबकि भाई पायलट था. भाई युद्ध के मिशन पर जाता था. 1975 में उत्तरी वियतनाम ने जब सैगॉन शहर पर कब्जा कर लिया तो उसका पूरा परिवार फिलीपींस चला गया. फिर वहां से अमेरिका पहुंच गया. अमेरिका में वॉशिंगटन के पास उनके कुछ रिश्तेदाअर रहते थे. अमेरिका में रहना इतना आसान नहीं था. उनका परिवार रिफ्यूजी थी. ऊपर से भाषा की समस्या. वह अंग्रेजी नहीं बोल पाती थी. खैर, धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौटी. डुओंग ने 1982 में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड से केमिकल में इंजीनियरिंग की. फिर उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया. फिर डुओंग वैज्ञानिक बन गईं.

अमेरिकी सैनिकों ने बचाई थी डुओंग के परिवार की जान

चूंकि अमेरिकी सैनिकों ने उनकी जान बचाई थी, इसलिए डुओंग वह आर्मी के लिए कुछ करना चाहती थीं. 2001 में उन्हें नेवल सरफेस वॉरफेयर सेंटर की इंसेंसिटिव म्यूनिशंस यूनिट का डायरेक्टर बनाया गया. 2001 में 9/11 को अलकायदा आतंकवादियों ने अमेरिका के चार विमानों का अपहरण कर लिया. न्यूयॉर्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स पर दो विमान गिरा दिए. तीसरा विमान वाशिंगटन डीसी के ठीक बाहर पेंटागन से टकराया. अमेरिका ने इस हमले का जवाब देने की ठानी.

5 साल में बनने वाले बम को सिर्फ 67 दिन में बनाया

अमेरिका ने अफगानिस्तान में अलकायदा के ठिकानों को तबाह करने का फैसला लिया. डुओंग को बंकर बस्टर बम बनाने का जिम्मा मिला. 100 लोगों की टीम के साथ उन्होंने दिन-रात मेहनत करके 5 साल में बनकर तैयार होने वाले बम को सिर्फ 67 दिन में बना दिया. इस बंकर बस्टर बम को BLU-118/B नाम दिया गया. इस बम के चलते अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान की सरजमीं पर उतरने की जरूरत ही नहीं पड़ी. ऊपर से अलकायदा के ठिकानों पर बम बरसाए और उन्हें तबाह कर दिया. इसी बंकर बस्टर बम BLU-118/B का एडवांस वर्जन GBU-57 तैयार किया गया, जिसने हाल ही में ईरान के फोर्दो न्यूक्लियर प्लांट में तबाही मचाई है.

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Chaturesh Tiwari

An accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M…और पढ़ें

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भागकर अमेरिका पहुंची, बनाया ऐसा बंकर बस्टर बम, फोर्दो में मचाई तबाही

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