Last Updated:March 01, 2025, 19:52 IST
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की मुलाकात तनावपूर्ण रही. ट्रंप ने जेलेंस्की को डांटा और समझौता नहीं हो सका.
ट्रंप और जेलेंस्की की बैठक में तनाव से यूक्रेन-अमेरिका रिश्ते टूटे. (Image:PTI)
हाइलाइट्स
- डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की की बैठक में खटास.
- ट्रंप ने जेलेंस्की को डांटा, समझौता नहीं हो सका.
- यूक्रेन-अमेरिका रिश्ते तनावपूर्ण हो गए.
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की मुलाकात बहुत जल्द ही खराब मूड में खत्म हो गई. 90 सेकंड में ही सब कुछ बदल गया. शुक्रवार को ओवल ऑफिस में ट्रंप ने जेलेंस्की को डांट दिया. उन्होंने कहा कि वह रूस के से यूक्रेन की जंग को खत्म करने में मदद करेंगे, चाहे यूक्रेन को कुछ मिले या नहीं. ट्रंप ने पहले तो जेलेंस्की का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि उनका स्वागत करना ‘रोमांचक’ है. ट्रंप एक समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहते थे. जिससे यूक्रेन में अमेरिका खनिज मिल सकें. उन्हें उम्मीद थी कि इससे रूस के साथ शांति आएगी.
लेकिन 2 घंटे से भी कम समय में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की नाराज होकर चले गए. यूक्रेन और अमेरिका के रिश्ते टूट गए थे. समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हुए. शांति की उम्मीद खत्म हो गई. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जेलेंस्की को बुरा-भला कहा. उन्होंने कहा कि जेलेंस्की ने अमेरिका का अपमान किया है. फॉक्स न्यूज ने बताया कि बैठक शुरू से ही तनावपूर्ण थी. जेलेंस्की के करीबी सूत्रों ने बताया कि बैठक से पहले ही गुस्सा भड़क गया था.
ट्रंप पहले से ही नाराज थे
ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को एक समझौता दिया था. इसमें यूक्रेन को खनिज तो मिलते, लेकिन सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं थी. जेलेंस्की ने इस समझौते को मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने पहले ही कह दिया था कि उन्हें सुरक्षा की गारंटी चाहिए. जब पत्रकारों ने सवाल पूछे, तो ट्रंप, जेलेंस्की और अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच बहस हो गई. एक यूक्रेनी सलाहकार ने कहा कि ‘हम बिना गारंटी के किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते.’ उन्होंने कहा कि इससे रूस को फायदा होगा. ट्रंप और वेंस, जेलेंस्की के इनकार से नाराज थे. व्हाइट हाउस ने इन बातों की पुष्टि नहीं की है.
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अमेरिका के साथी देश भी चिंतित
ट्रंप पहले से ही यूक्रेन से नाराज थे. वह मानते थे कि यूक्रेन को अमेरिका से मदद मांगने के बजाय रूस से दोस्ती करनी चाहिए. ट्रंप का खनिज समझौता यूक्रेन पर दबाव बनाने की कोशिश थी. समझौता नहीं होने से अमेरिका के साथी देश भी चिंतित हो गए. ब्रिटेन और जर्मनी यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ना चाहते थे. इस घटना का असर अमेरिकी राजनीति पर भी पड़ेगा. ट्रंप के आलोचक पहले से ही कहते हैं कि वह रूस के बहुत करीब हैं. बैठक से पहले ही माहौल खराब हो चुका था.
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