Last Updated:May 27, 2025, 08:50 IST
सैन डिएगो के पास समुद्र की गहराई में वैज्ञानिकों ने 1917 में डूबी अमेरिकी पनडुब्बी USS F-1 और 1950 में क्रैश हुआ नौसेना का प्रशिक्षण विमान खोज निकाला. यह मिशन वुड्स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन और अमेरिकी नौसेन…और पढ़ें
पानी में डूबी मिली पनडुब्बी. (AI)
हाइलाइट्स
- अमेरिकी पनडुब्बी USS F-1 108 साल बाद मिली
- पनडुब्बी 1917 में हादसे का शिकार हुई थी
- 1950 में क्रैश हुआ नौसेना का विमान भी मिला
वाशिंगटन: समुद्र रहस्यों से भरा है. कुछ ही गहराई में जाने पर ऐसा इलाका आ जाता है, जहां सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंच पाती. इसी गहरे समुद्र में वैज्ञानिकों ने दो ऐसी चीजें खोजीं जो इतिहास के पन्नों से निकलकर सामने आ गईं. ये कोई चमचमाता खजाना नहीं, बल्कि दो सैन्य वाहनों के मलबे हैं, जो दशकों से समुद्र की गोद में चुपचाप सो रहे थे. सैन डिएगो के गहरे पानी में एक अमेरिकी पनडुब्बी, USS F-1 मिला है, जो 1917 में एक हादसे का शिकार हो गया था. दूसरा है 1950 में क्रैश हुआ नौसेना का प्रशिक्षण विमान. अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए यह किसी खजाने से कम नहीं है.
बात 1917 की है, जब समुद्र के लिए पनडुब्बियां नई-नवेली थीं और नाविक उनके साथ प्रयोग कर रहे थे. USS F-1 सैन डिएगो और सैन पेड्रो के बीच एक 48 घंटे के टेस्ट रन पर थी. इसका मकसद था इसकी ताकत और रफ्तार को परखना. पास ही दो और पनडुब्बियां, USS F-2 और F-3, भी अपने टेस्ट में मशगूल थीं. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन तभी प्रकृति ने अपनी चाल चली. एक घना कोहरा छा गया, जिसने सब कुछ धुंधला कर दिया. देखते ही देखते, F-3 ने अनजाने में F-1 को जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर इतनी भयानक थी कि F-1 चंद सेकंड में समुद्र की गहराइयों में समा गई. उसमें सवार 22 नाविकों में से 19 की जिंदगी हमेशा के लिए थम गई. सिर्फ तीन नाविकों को F-3 ने पानी से बाहर निकाला, जो इस हादसे की आखिरी याद बन गए.
समुद्र में एक पुराना प्लेन भी मिला. (AI Image)
समुद्र में पहले ही दिन खोज निकाली पनडुब्बी
इस साल, वुड्स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन (WHOI) और अमेरिकी नौसेना की एक टीम ने इस खोई हुई पनडुब्बी को ढूंढने का फैसला किया. यह मलबा 400 मीटर से ज्यादा गहराई में था, जहां इंसान का पहुंचना सपने जैसा है. लेकिन वैज्ञानिकों के पास इस गहराई तक जाने के लिए उपकरण हैं. ‘एल्विन’ नाम के एक पानी वाले यान में बैठकर समुद्र की सैर कर सकते हैं. वहीं ‘सेंट्री’ नाम का एक सुपर-स्मार्ट रोबोट है जो खुद ही समुद्र में रास्ता ढूंढ लेता है. नौसेना के पुराने रिकॉर्ड्स की मदद से टीम को मलबे की मोटी-मोटी लोकेशन मिली. सेंट्री ने पहले ही दिन USS F-1 को खोज निकाला.
समुद्र की गहराई में जाने के लिए पनडुब्बी का इस्तेमाल किया गया. (AI IMage)
100 साल पुरानी पनडुब्बी मिली
जब एल्विन ने इसकी तस्वीरें खींचीं, तो वैज्ञानिकों के होश उड़ गए. 100 साल से ज्यादा समय तक समुद्र की लहरों और धाराओं के बीच रहने के बाद भी यह पनडुब्बी हैरतअंगेज तरीके से सुरक्षित थी. यह अपने दाहिनी ओर लेटी थी, इसका अगला हिस्सा उत्तर-पश्चिम की ओर, मानो समुद्र को कोई कहानी सुना रही हो. रिपोर्ट्स के मुताबिक वैज्ञानिक ब्रूस स्ट्रिकरॉट, जो इस मिशन का हिस्सा थे उन्होंने बताया कि यह मलबा उन 19 नाविकों की याद में एक युद्ध स्मारक है. इसलिए, सम्मान में इसे छुआ तक नहीं गया, ताकि इसकी कहानी और हालत वैसी ही बनी रहे.
विमान का अजब-गजब रहस्य
लेकिन रुकिए, कहानी यहीं खत्म नहीं होती! उसी अभियान में वैज्ञानिकों ने पास ही एक और मलबा देखा. यह 1950 में क्रैश हुआ ग्रुम्मन TBF एवेंजर टॉरपीडो बमवर्षक विमान था. यह विमान प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल हो रहा था, तभी यह समुद्र में जा गिरा. WHOI को इस मलबे की खबर पहले से थी, और वे इसे अपने इंजीनियरिंग टेस्ट के लिए इस्तेमाल करते थे. लेकिन नौसेना को इसकी सटीक जानकारी नहीं थी. इस बार की जांच में पक्का हो गया कि विमान में सवार सभी लोग हादसे से सुरक्षित बच निकले थे.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब OXBIG NEWS NETWORK हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब OXBIG NEWS NETWORK हिंदी के इंटरने… और पढ़ें
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