Last Updated:March 22, 2025, 08:28 IST
राष्ट्रपति ट्रंप ने अवैध आप्रवासियों के खिलाफ अभियान तेज किया है. अमेरिका ने क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के 5,32,000 लोगों की कानूनी सुरक्षा छीनने का फैसला किया है.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने नया आदेश जारी किया है.
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने 5.32 लाख लोगों की कानूनी सुरक्षा छीनी.
- क्यूबा, हैती, निकारागुआ, वेनेजुएला के लोग प्रभावित.
- अप्रैल 2024 तक देश छोड़ने का आदेश.
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से सत्ता की बागडोर संभाली है तब से वह अपने देश से बाहरी लोगों को निकालने की मुहिम में जुटे हैं. वह ताबड़तोड़ फैसले कर रहे हैं. वह अमेरिका के भीतर अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ पहले ही अभियान चला चुके हैं. ऐसे में उन्होंने भारत सहित दुनिया के तमाम देशों के हजारों लोगों को पकड़कर उनके देश भेजने का काम किया है. इन सभी कार्रवाई को उनकी सरकार ‘अमेरिका को फिर से महान बनाने’ की रणनीति के लिए जरूरी बता रही है. उनका कहना है कि बाहरी लोगों ने अमेरिकियों का हक मार लिया है और इस कारण अमेरिका में अमेरिकियों के लिए रोजगार के अवसर कम हो गए हैं
अब ताजा फैसले में अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने कहा है कि वह क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के लाखों लोगों से कानूनी सुरक्षा छीन लेगा. इससे करीब 5,32,000 लोग प्रभावित होंगे और उन्हें एक महीने में देश छोड़ना पड़ सकता है. यह फैसला उन लोगों पर लागू होगा जो अक्टूबर 2022 के बाद अमेरिका आए थे. ये लोग वित्तीय सहायकों के साथ आए थे और उन्हें अमेरिका में दो साल तक रहने और काम करने की अनुमति मिली थी. होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा कि इन लोगों का कानूनी दर्जा 24 अप्रैल को खत्म हो जाएगा. या फिर फेडरल रजिस्टर में यह नोटिस छपने के 30 दिन बाद इनको देश छोड़ना पड़ेगा.
यह नई नीति उन लोगों पर असर डालेगी जो पहले से अमेरिका में हैं और ह्यूमैनिटेरियन पैरोल प्रोग्राम के तहत आए थे. यह प्रोग्राम पहले ट्रंप प्रशासन ने खत्म किया था, क्योंकि उनका मानना था कि इसका ‘गलत इस्तेमाल’ हो रहा था. यह कानूनी तरीका लंबे समय से उन लोगों को अस्थायी रूप से अमेरिका में रहने की इजाजत देता था, जिनके देशों में युद्ध या राजनीतिक अस्थिरता थी.
अवैध अमेरिकों को बाहर करेंगे
अपने चुनाव अभियान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वह अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे लाखों लोगों को देश से निकालेंगे. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने आप्रवासियों के लिए कानूनी रास्ते भी बंद करने शुरू कर दिए हैं. इस नए आदेश से पहले, इस प्रोग्राम के लाभार्थी अपने पैरोल की अवधि तक अमेरिका में रह सकते थे. लेकिन प्रशासन ने उनके शरण, वीजा या अन्य अनुरोधों को प्रोसेस करना बंद कर दिया था, जिससे वे लंबे समय तक रह सकें.
इस फैसले को पहले ही संघीय अदालतों में चुनौती दी जा चुकी है. कुछ अमेरिकी नागरिकों और आप्रवासियों के समूह ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. वे ह्यूमैनिटेरियन पैरोल को फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं. बाइडन प्रशासन ने इन चार देशों से हर महीने 30,000 लोगों को दो साल के लिए अमेरिका आने की अनुमति दी थी, साथ में काम करने का अधिकार भी दिया था. उसने मेक्सिको को भी इन देशों से इतने ही लोगों को वापस लेने के लिए मनाया था, क्योंकि अमेरिका इन्हें उनके देशों में वापस नहीं भेज सकता था.
क्यूबा हर महीने लगभग एक डिपोर्टेशन फ्लाइट स्वीकार करता था, जबकि वेनेजुएला और निकारागुआ ने किसी को भी वापस लेने से इनकार कर दिया. ये तीनों देश अमेरिका के विरोधी हैं. हैती ने कई डिपोर्टेशन फ्लाइट्स स्वीकार कीं, खासकर 2021 में टेक्सास के डेल रियो शहर में हैती के प्रवासियों की भीड़ बढ़ने के बाद. लेकिन हैती में लगातार अशांति के कारण अमेरिका को परेशानी हो रही है.
2022 के अंत से अब तक 5 लाख से ज्यादा लोग इस नीति के तहत अमेरिका आए हैं, जिसे CHNV भी कहा जाता है. यह बाइडन प्रशासन की उस रणनीति का हिस्सा था, जिसमें लोगों को नए कानूनी रास्तों से आने के लिए प्रोत्साहित किया गया और अवैध रूप से सीमा पार करने वालों पर सख्ती की गई. अब इस फैसले से इन लोगों के सामने अनिश्चितता है. जिन लोगों ने अमेरिका में नई जिंदगी शुरू की थी, उन्हें अब अपने भविष्य की चिंता सता रही है. यह कदम ट्रंप प्रशासन की सख्त आप्रवासन नीतियों का हिस्सा है, जिसका असर न सिर्फ इन चार देशों के लोगों पर, बल्कि अमेरिका की आप्रवासन व्यवस्था पर भी पड़ेगा.
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