Last Updated:June 24, 2025, 04:31 IST
रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने ईरान को न्यूक्लियर हथियार देने की बात कही तो ट्रंप बौखला उठे. धमकी देते हुए कहा कि हमारी न्यूक्लियर सबमरीन के बारे में अंदाजा है उन्हें.
अगर रूस-अमेरिका आमने सामने आ गए तो पूरा खेल पलट जाएगा.
हाइलाइट्स
- मेदवेदेव ने कहा था ईरान को कई देश न्यूक्लियर हथियार देने को तैयार
- ट्रंप बोले- अगर ये बात कह रहे हैं तो गंभीर मामला, उन्हें हमारी ताकत पता है.
- बाद में मेदवेदेव को देनी पड़ी सफाई, कहा-रूस नहीं देने जा रहा है हथियार.
ईरान-इजरायल जंग में क्या रूस-अमेरिका आमने सामने आ जाएंगे? ये सवाल इसलिए क्योंकि सोमवार को जो कुछ भी हुआ, वो साफ संकेत दे रहा है कि अमेरिका और रूस इस मैदान में कूद चुके हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो रूस को सीधे-सीधे धमकी दे डाली है. दरअसल, रूस के पूर्व राष्ट्रपति और रूसी सिक्योरिटी काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट दिमित्री मेदवेदेव ने कहा था कि ईरान को कई देश न्यूक्लियर वेपन देने के लिए तैयार हैं. उनके इसी बयान को आधार बनाते हुए ट्रंप ने कहा, ‘मेदवेदेव अगर ये बात कह रहे हैं तो गंभीर मामला है. रूस को हमारे न्यूक्लियर सबमरीन की ताकत का अंदाजा है.’
शुरुआत कहां से हुई
दरअसल, मेदवेदेव ने दावा कि कई देश ईरान को सीधे अपने परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वे किन देशों की बात कर रहे थे. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हमलों ने ईरान को राजनीतिक रूप से मजबूत किया है. ईरान का राजनीतिक शासन बच गया है और पूरी संभावना है कि यह और भी मजबूत हो गया है. लोग देश के आध्यात्मिक नेतृत्व के इर्द-गिर्द एकजुट हो रहे हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो पहले इसके प्रति उदासीन या विरोधी थे. उनके इस बयान पर ही ट्रंप भड़क उठे.
ट्रंप ने कहा, क्या उन्होंने वाकई में ईरान को Nuclear Warheads देने की बात कही है? ट्रंप ने लिखा कि अगर मेदवेदेव ने ऐसा कहा है, तो ये बेहद गंभीर मामला है और इसकी पुष्टि तुरंत की जानी चाहिए. ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘N वर्ड’ (Nuclear) को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी Nuclear Submarines की ताकत का ज़िक्र करते हुए दावा किया कि अमेरिका के पास अब तक का सबसे घातक और आधुनिक हथियार है, जिसने हाल ही में 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागीं और सभी ने अपने टारगेट पर सटीक वार किया.
बाद में मेदवेदेव की आई सफाई
ट्रंप के इतना कहने के बाद मेदवेदेव की भी सफाई आई. मैं ईरान पर अमेरिकी हमले की निंदा करता हूं. यह अपने उद्देश्यों को हासिल करने में विफल रहा. हालांकि, रूस का ईरान को परमाणु हथियार देने का कोई इरादा नहीं है, क्योंकि इजराइल के विपरीत, हम परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के सदस्य हैं. मैं अच्छी तरह जानता हूं कि इसका क्या मतलब होता है, क्योंकि बतौर राष्ट्रपति मैंने हमारे परमाणु बलों की निगरानी की है. लेकिन अन्य देश ऐसा कर सकते हैं और यही बात मैंने भी कही थी. हमें यह बहस बिल्कुल नहीं करनी चाहिए कि किसके पास अधिक परमाणु हथियार हैं. खासतौर पर इसलिए क्योंकि न्यू एनपीटी संधि, जिस पर मैंने एक अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हस्ताक्षर किए थे, अभी भी लागू है, फिलहाल के लिए. सवाल ये है कि अब आगे क्या होगा?
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.OXBIG NEWS NETWORK.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें
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