Last Updated:January 21, 2025, 23:33 IST
ट्रंप के आते ही अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन के खासमखास खान मोहम्मद को जेल से रिहा कर दिया है. इसके लिए तालिबान ने एक शर्त रखी थी, जिसके आगे अमेरिका झुक गया.
ट्रंप ने ओसामा बिन लादेन के करीबी को छोड़ा.
अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यभार संभालने के बाद आतंकवादी सरगना ओसामा बिन लादेन के खासमखास कहे जाने वाले खान मोहम्मद को ग्वांतानामो जेल से रिहा कर दिया गया. जवाब में अफगान तालिबान ने भी दो अमेरिकी नागरिकों को अपनी जेल से आजाद कर दिया. पाकिस्तानी नागरिक डॉक्टर आफिया पर अभी अमेरिकी प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया है.
अफगानिस्तान तालिबान कथित अपराधों के आरोप में तीन अमेरिकी नागरिकों को बंदी बनाया हुआ था. तालिबान की मांग थी कि इन अमेरिका नागरिकों के बदले अमेरिका की जेल में मौजूद अफगानी आतंकवादी और एक पाकिस्तानी आतंकवादी आफिया को छोड़ा जाए. इस मामले को लेकर अमेरिका और तालिबान के बीच लंबी बातचीत भी हुई. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने इस वार्ता को शुरुआती दौर में नकार दिया था. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना था कि तालिबान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
तालिबान ने क्या रखी थी शर्त
तालिबान की अफगान सरकार ने अमेरिका से इसके बदले एक अफगान कैदी खान मोहम्मद को ग्वांतानामो जेल से रिहा करने को कहा था. खान मोहम्मद को आतंकवादी सरगना ओसामा बिन लादेन का खास माना जाता है. अफगान तालिबान ने स्पष्ट कर दिया था कि जब तक खान मोहम्मद की रिहाई नहीं होगी, तब तक वह किसी भी कैदी को रिहा नहीं करेंगे. अफगान अंतरिम सरकार के विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा, एक अफगान कैदी खान मोहम्मद को ग्वांतानामो जेल से रिहा कर दिया गया. मंत्रालय ने कहा कि उनकी रिहाई कैदियों की अदला-बदली के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापक बातचीत का परिणाम थी. मंत्रालय ने कहा कि खान मोहम्मद को लगभग दो दशक पहले नंगरहार प्रांत में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें अपना पूरा जीवन कैलिफोर्निया की जेल में बिताने की सजा सुनाई गई थी.
ट्रंप ने बाइडेन का फैसला पलटा
खान मोहम्मद की रिहाई के बाद अफगान तालिबान ने दो अमेरिकी नागरिकों रयान कॉर्बेट और विलियम मैकेंटी को खान मोहम्मद के बदले में रिहा कर दिया गया. माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस फेवर में थे कि अमेरिकी नागरिकों को किसी भी हालत में रिहा कराया जाए. जबकि बाइडन आतंकी को किसी भी कीमत पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे. हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तानी नागरिक और आतंकवादी दो आफिया को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया. इस बारे में तालिबान का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना में बैठे कुछ वरिष्ठ अधिकारी और नेता नहीं चाहते कि आफिया की रिहाई हो.
January 21, 2025, 23:33 IST
तालिबान के आगे क्यों झुक गए डोनाल्ड ट्रंप, ओसामा बिन लादेन के खास को छोड़ा
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