Last Updated:March 26, 2025, 08:41 IST
JD Vance Greenland: अमेरिका ग्रीनलैंड पर दबाव बढ़ा रहा है, जिसमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, उनकी पत्नी उषा वेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज की यात्राएं शामिल हैं. डेनमार्क और ग्रीनलैंड ने इसे अनुचित…और पढ़ें
ग्रीनलैंड की यात्रा पर जाएंगे जेडी वेंस.
हाइलाइट्स
- ट्रंप ग्रीनलैंड पर कब्जा करना चाहते हैं
- उपराष्ट्रपति वेंस ग्रीनलैंड का दौरा करेंगे
- डेनमार्क ने अमेरिकी दबाव को अनुचित बताया
वॉशिंगटन/कोपेनहेगन: अमेरिका में जब से डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आए हैं, तब से उनकी नजर ग्रीनलैंड पर है. ट्रंप ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाना चाहते हैं और उस पर दबाव बढ़ाने में लगे हैं. इस बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ग्रीनलैंड पहुंचने वाले हैं. शुक्रवार को वह ग्रीनलैंड में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे का दौरा करेंगे. इस कारण डेनमार्क पर दबाव बढ़ेगा. इससे पहले वेंस की पत्नी उषा के ग्रीनलैंड दौरे की योजना सामने आई थी, जिस पर डेनमार्क भड़क गया था. इस सप्ताह उषा वेंस एक यात्रा पर पहुंचेंगी. इसके अलावा ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज की एक अलग यात्रा भी हो सकती है. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने उषा वेंस के दौरे की योजना की आलोचना की थी, जिसके कुछ घंटे बाद ही जेडी वेंस की यात्रा की खबर सामने आई है.
वेंस ने मंगलवार को एक वीडियो में कहा, ‘उषा के ग्रीनलैंड दौरे को लेकर इतनी उत्सुकता थी कि मैंने सोचा कि मैं उसे अकेले इतना मजा नहीं लेने दूंगा, इसलिए मैं भी उसके साथ जाऊंगा.’ जनवरी में सत्ता में लौटने के बाद से ट्रंप ने जोर दिया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ग्रीनलैंड पर कब्जा करना चाहते हैं. उन्होंने इसके लिए बल प्रयोग से भी इनकार नहीं किया. अपने वीडियो घोषणा में, वेंस ने कहा कि अन्य देश इस क्षेत्र का उपयोग अमेरिका, कनाडा और ग्रीनलैंड के लोगों को धमकाने के लिए करना चाहते हैं. ट्रंप ने हाल ही में कनाडा पर कब्जा करने की भी बात की है, यह कहते हुए कि इसे संयुक्त राज्य का’51वां राज्य’ बनना चाहिए.
क्या बोला डेनमार्क
वेंस ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से बोलते हुए, हम ग्रीनलैंड के लोगों की सुरक्षा को पुनर्जीवित करना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी और डेनिश नेताओं ने ग्रीनलैंड को बहुत लंबे समय तक नजरअंदाज किया है. हम सोचते हैं कि हम चीजों को एक अलग दिशा में ले जा सकते हैं. ग्रीनलैंड के निवर्तमान प्रधानमंत्री म्यूट एगडे के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज भी इस सप्ताह ग्रीनलैंड का दौरा करेंगे, जबकि अमेरिकी मीडिया ने बताया कि ऊर्जा सचिव क्रिस राइट भी वहां जाएंगे. इन दौरों को निजी बताया गया है, जिससे डेनिश और ग्रीनलैंड के नेता नाराज हैं. फ्रेडरिक्सन ने पत्रकारों से कहा, ‘आप किसी अन्य देश के आधिकारिक प्रतिनिधियों के साथ निजी दौरा आयोजित नहीं कर सकते’.
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब ग्रीनलैंड में राजनीतिक उथल-पुथल मची है. यहां पार्टियां 11 मार्च के आम चुनाव के बाद नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए बातचीत कर रही हैं. फ्रेडरिक्सन ने कहा, ‘यह स्पष्ट रूप से ऐसा दौरा नहीं है जो ग्रीनलैंड की जरूरतों या इच्छाओं के बारे में है. इसलिए मुझे कहना होगा कि इस स्थिति में ग्रीनलैंड और डेनमार्क पर डाला जा रहा दबाव अस्वीकार्य है. और यह ऐसा दबाव है, जिसका हम विरोध करेंगे.’
ग्रीनलैंड क्यों चाहता है अमेरिका
ग्रीनलैंड में विशाल अप्रयुक्त खनिज और तेल भंडार हैं, हालांकि तेल और यूरेनियम की खोज पर प्रतिबंध है. यह उत्तरी अमेरिका और यूरोप के बीच रणनीतिक रूप से स्थित है. जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री मार्ग खुल गए हैं, जिस वजह से आर्कटिक में अमेरिका, चीन और रूस की रुचि बढ़ रही है. ग्रीनलैंड की निवर्तमान सरकार ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि उसने किसी भी दौरे के लिए कोई निमंत्रण नहीं भेजा है, चाहे वह निजी हो या आधिकारिक. चुनाव में जीत के बाद ग्रीनलैंड के संभावित नए प्रधानमंत्री – जेन्स-फ्रेडरिक नीलसन ने ग्रीनलैंड पर ट्रंप की चालों की आलोचना की है और इसे ‘अनुचित’ बताया है.
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